सोमालिया में अकाल की भयानकता बढ गई ४० लाख से अधिक लोगों पर भूखमरी और अन्न की किल्लत का संकट

somalia-drought-food-scarcity-1मोगादिशु – पिछले कुछ वर्षों से अधूरी बारिश और सरकार एवं आतंकवादी गुटों में जारी संघर्ष की पृष्ठभूमि पर सोमालिया में अकाल की भयानकता बढने लगी है। सोमालिया में ४० लाख से अधिक लोगों पर भुखमरी एवं अनाज की किल्लत का संकट मंडराने की चिंता संयुक्त राष्ट्र संगठना ने व्यक्त की। आनेवाले कुछ महीनों में सोमालिया में बारिश नहीं हुई तो सन २०११ से अधिक बडी और भीषण आपदा का सामना करना पडेगा, ऐसा इशारा ’मर्सी कैंपर्स’ नामक स्वयंसेवी गुट ने दी है।

सोमालिया में पिछले तीन वर्षों से पर्याप्त बारिश नहीं हुई है। इसलिए पानी के उपलब्ध स्रोत खत्म हो चुके हैं और जमीन में दरारें पडी हैं। खेती और पशुपालन करने वाले परिवारों को इसका सर्वाधिक नुकसान सहना पडा है यह संख्या लाखों तक पहुंच चुकी है। कुछ भागों में लगभग ८० प्रतिशत जानवरों की मौत होने की जानकारी दी गई है। सोमालिया के बैदोआ, गेडो जैसे राज्यों से लाखों नागरिक स्थानांतर कर रहे हैं। अब तक सोमालिया के पांच लाख से अधिक नागरिकों पर अकाल के कारण विस्थापित होने की स्थिति निर्माण हुई है।

somalia-drought-food-scarcity-2सोमालिया की जनता को सहायता पहुंचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संगठना समेत कई स्वयंसेवी संस्थाएं कार्यरत हैं। पर सरकार एवं ’अल शबाब’ जैसे आतंकवादी संघटना के बीच जारी संघर्ष के कारण नागरिकों तक सहायता पहुंचाना असंभव होने की बात स्थानिक स्वयंसेवकों द्वारा कही जा रही है। अल शबाब ने कई भागों में अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्थाओं को प्रवेश करने से रोक रखा है। यह रुकावट कायम रही तो अपर्याप्त सहायता के कारण हजारों की मौत हो सकती है, ऐसा डर संयुक्त राष्ट्र संगठना ने व्यक्त किया है।

’सोमालिया की स्थिति दिनोंदिन भयानक रूप ले रही है। कई भागों में अनाज एवं पानी दोनों की बहुत कमी है। अनेक गांवों में खेती पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है और हजारों परिवारों ने पशुधन पूरी तरह से खो दिया है। परिवारों के पास जो बचत और जमा पूंजी भी खत्म हो चुकी है। आनेवाले एक-दो महीनों में बारिश नहीं हुई तो सन २०११ के अकाल की तरह पुनरावृत्ति हो सकती है, ऐसा डर ’मर्सी कैंपर्स’ नामक स्वयंसेवी संस्था के अफिका स्थित प्रमुख दौद ऐडन जिरान की व्यक्त किया है।

२०१०-१२ के दौरान सोमालिया में पडे अकाल के कारण ढाई लाख लोगों की मौत हुई थी। सोमालिया के अलावा ’हॉर्न ऑफ अफ्रिका’ के नाम से पहचाने जानेवाले केनिया एवं एथियोपिया में भी अकाल की वजह से लाखों लोग भुखमरी एवं अनाज की कमी की खाई में धकेले जाने का इशारा संयुक्त राष्ट्र संगठना के ’वर्ल्ड फुड प्रोग्राम’ नामक उपक्रम ने दिया है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published.