अमेरिका और फिनलैण्ड ने व्यापक रक्षा सहयोग से संबंधित समझौते पर किए हस्ताक्षर – रशिया ने फिलनैण्ड के राजदूत को थमया समन

वॉशिंग्टन/मास्को -अप्रैल महीने में नाटो की सदस्यता स्वीकारने के बाद फिनलैण्ड ने सोमवार के दिन अमेरिका के साथ व्यापक रक्षा सहयोग से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते अनुसार अमेरिका को फिनलैण्ड के १५ रक्षा अड्डों का ‘एक्सेस’ प्राप्त होगा। इसमें हवाई अड्डों के साथ शस्त्र भंड़ार का भी समावेश है। अमेरिकी सेना को प्राप्त हुए इस ‘एक्सेस’ में रशियन सीमा के करीबी फिनिश अड्डे का भी समावेश है। इस मुद्दे पर रशिया ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की हैं और रशिया के विदेश मंत्रालय ने फिनलैण्ड के राजदूत को समन थमाकर आगाह किया है। साथ ही इस समझौते पर रशिया का बड़ा प्रत्युत्तर मिलेगा, यह चेतावनी भी दी गई है।

अमेरिका और फिनलैण्ड ने व्यापक रक्षा सहयोग से संबंधित समझौते पर किए हस्ताक्षर - रशिया ने फिलनैण्ड के राजदूत को थमया समनफिनलैण्ड के रक्षा मंत्री एन्टी हक्कानेन अमेरिका के दौरे पर हैं। सोमार के दिन हक्कानेन ने अमेरिका के साथ रक्षा सहयोग से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर अमेरिका के विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन भी मौजूद थे। यह समझौता अमेरिका के ट्रान्स-अटलांटिक सुरक्षा के लिए हो रहे प्रावधानों का हिस्सा होने का बयान ब्लिंकन ने इस दौरान किया। अमेरिका के साथ हुए इस समझौते से हमारी सैन्य एवं रक्षा संबंधित क्षमता बढ़ने की प्रतिक्रिया फिलनैण्ड के रक्षा मंत्री ने बयान की।

अप्रैल महीने में फिनलैण्ड नाटो का ३१ वां सदस्य देश बना था। फिनलैण्ड के राष्ट्राध्यक्ष सोली निनित्सो ने सैन्यकी गुटनिरपेक्षता का दौर खत्म हुआ हैं, यह कहकर नाटो प्रवेश का समर्थन किया था। साथ ही यह सदस्यता किसी भी देश के विरोध में नहीं हैं, यह खुलासा भी उन्होंने किया था। अमेरिका और फिनलैण्ड ने व्यापक रक्षा सहयोग से संबंधित समझौते पर किए हस्ताक्षर - रशिया ने फिलनैण्ड के राजदूत को थमया समनलेकिन, रशिया ने इसपर गंभीर परिणामों की चेतावनी देते हुए उत्तर और पश्चिमी सीमा पर अपनी सैन्य क्षमता अधिक बढ़ाने के संकेत दिए थे। इसके बावजूद फिनलैण्ड ने अमेरिका के साथ स्वतंत्र रक्षा समझौता करके ध्यान खींचा हैं।

पिछले साल शुरू हुए रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमेरिका और नाटो ने यूरोप में सैन्य क्षमता बढ़ाने की गतिवधियां तेज़ की थी। इसके तहत यूरोप के फिनलैण्ड और स्वीडन इन देशों को नाटो में शामिल होने के लिए दबाव बनाया गया। रशियन आक्रामकता की वजह बताकर इन दोनों देशों की हुकूमतों ने नाटो प्रवेश को मंजूरी दी है।

फिनलैण्ड ने किए समझौते के बाद रशिया ने इस देश के राजदूत को समन थमाकर सख्त शब्दों में चेतावनी दी। साथ ही फिनलैण्ड आगे के समय में परिणामों के लिए तैयार हो, यह इशारा भी दिया है।

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