भारत को बहाल किया ‘जीएसपी’ दर्जा हटाने का अमरिका ने किया ऐलान

वॉशिंगटन – भारत से अमरिका को हो रही लगभग ५.६ अरब डॉलर्स की कर मुक्त निर्यात को लक्ष्य करने वाला निर्णय अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने लिया हैं| ५ जून से यह निर्यात कर मुक्त रखने वाला ‘जनरलाईज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस’ (जीएसपी) दर्जा भारत से वापस लिया जाएगा| यह निर्णय दुर्दैवी होने की बात भारत ने कही हैं| तो भारत अपने बाजार अमरीका के लिए आवश्यक प्रमाण में खुले नहीं करने के कारण यह निर्णय लेने का अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने कहा हैं|

राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरिका के सभी व्यापारी भागीदार देशों को लक्ष्य करते दिखाई दे रहे हैं| आज तक अमरिका के साथ किए व्यापार में इन सभी देशों ने बहुत लाभ उठाया हैं| इस ओर अमरिका के पहले की प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया था| परंतु इससे आगे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ऐसा ट्रम्प बता रहे हैं| चीन के विरोध में तो राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने व्यापार युद्ध पुकारा हैं| तो यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को भी इससे आगे अमरिका को कम महत्वपूर्ण न समझे, ऐसा ट्रम्प से सूचित किया जा रहा हैं| जापान और दक्षिण कोरिया जैसे सहयोगी देशों के साथ भी अमरिका का व्यापार विवाद नहीं सुलझा हैं| ऐसी स्थिति में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ५ जून से भारत को जीपीएस की सुविधा नहीं मिलने का घोषित किया हैं|

भारत अमरिकी कंपनियों के लिए अपने बाजार आवश्यक प्रमाण में नहीं खोलने का आरोप लगाकर राष्ट्राध्यक्ष ने इस निर्णय का समर्थन किया हैं| इस बारे में अमरिका को आश्वस्त करने में भारत असफल साबित होने का आरोप भी ट्रम्प ने किया हैं| इससे पहले ४ मार्च को ट्रम्प ने यह निर्णय लेने के संकेत दिए थे| इस पर भारत की प्रतिक्रिया आने के साथ यह निर्णय दुर्दैवी होने का भारत ने कहां हैं| इस कारण भारत से अमरिका को होने वाली लगभग ५.६ अरब डॉलर्स की करमुक्त निर्यात खतरे में आई हैं| इस कारण भारत की नई सरकार के सामने चुनौती खड़ी होती दिखाई दे रहा हैं|

परंतु ऐसा होने पर भी जल्द ही इस पर समाधान निकल सकता हैं ऐसे संकेत मिल रहे हैं| एक और अमरिका भारत के साथ सभी स्तर पर संबंध व्यापक करने का प्रयत्न कर रहा हैं| दोनों देशों में वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार ५०० डॉलर्स पर ले जाने का दृढ़ संकल्प अमरिका और भारत के नेतृत्व ने व्यक्त किया था| वर्तमान में दोनों देशों का वार्षिक व्यापार १४२ अरब डॉलर्स जितना हैं| इसमें भारत की अमेरिका को होने वाली निर्यात लगभग ८३.२ अरब डॉलर्स होते हुए अमरिका भारत को ५८.९ अरब डॉलर के निर्यात कर रही हैं| इस व्यापार में अमरिका लगभग २४ अरब डॉलर्स की कमी सहन कर रहा हैं|

सामरिक स्तर पर भारत की अहमियत से इनकार नहीं किया जा सकता, इसकी अनुभूति अमरिका के नेता और वरिष्ठ अधिकारी अपने नेतृत्व को लगातार करा रहे हैं| ऐसी स्थिति में भारत के जीएसपी को लेकर किया यह निर्णय जल्द ही पीछे लिया जा सकता हैं, ऐसे संकेत मिल रहे हैं| मुख्य रूप से राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने यह निर्णय करते हुए अपनी निन्दापूर्ण शैली में भारत पर दोष आरोप करने से बचते दिख रहे हैं| इस कारण वर्णित समस्या पर वार्तालाप से समाधान निकलने की संभावना हैं|

चीन जैसे बड़े देश के साथ व्यापारयुद्ध कररहे अमरिका को भारत के साथ व्यापार संघर्ष बर्दाश्त नहीं होगा| फिर भी ऐसी स्थिति में अमरिका को कम महत्वपूर्ण ना समझे, ऐसा संदेश राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प से भारत को दिया जाने का इस अवसर पर स्पष्ट हुआ हैं| अमरिका के उद्योग क्षेत्र के लिए भारत अपना बाजार पूरी तरह से खूला नहीं करने की शिकायत पहले भी अमरिका के उद्योग क्षेत्र ने की थीं| अमरिका ने हाल ही में किए निर्णय का अपने आयटी क्षेत्र को झटका लगने की शिकायत भारत कर रहा हैं|

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