व्यापार संबंधी विवाद की पृष्ठभूमि पर अमरिकी विदेशमंत्री करेंगे भारत यात्रा

वॉशिंगटन – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने भारत के करीबन ५.६ अरब डॉलर के करमुक्त निर्यात को लक्ष्य करने का निर्णय घोषित किया| इस वजह से दोनों देशों में व्यापार संबंधी विवाद में बढोतरी होती दिखाई दे रहा है| इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ भारत की यात्रा करेंगे, यह समाचार प्राप्त हुआ है| अमरिकी विदेशमंत्री ने उनकी इस यात्रा की जानकारी दी| जापान में हो रही ‘जी-२०’ परीषद में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प शामिल हो रहे है| इस दौरान दोनों देशों के नेताओं की बातचीत होने की उम्मीद है और इस बातचीत की तैयारी के लिए अमरिकी विदेशमंत्री भारत की यात्रा करेंगे, यह संकेत प्राप्त हो रहे है|

भारत को दिया ‘जनरलाईज्ड सिस्टिम ऑफ प्रेफरन्सेस – जीएसपी’ का दर्जा हटाने का ऐलान राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया था| इस वजह से करमुक्त वर्ग की सुचि में शामिल भारत की अमरिका को होनेवाली करीबन ५.६ अरब डॉलर्स की निर्यात प्रभावित होगी| भारत अमरिका के लिए अपना बाजार खुला नही कर रहा है, यह तकरार करके अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने यह निर्णय किया| लेकिन, अमरिका के ही कुछ नेताओं ने इस निर्णय पर नाराजगी जताई थी| अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष फिलहाल सभी व्यापारी साझीदार देशों को लेकर कडी नीति अपना रहे है| भारत भी इस से बच नही सका है, यही संदेशा अमरिका ने इस निर्णय के साथ दिया दिखाई देता है|

इस महीने के आखिरी हफ्ते तक अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ भारत पहुंच रहे है| इस यात्रा से दोनों देशों में बना व्यापार संबंधी विवाद पर हल निकालने की कोशिश करने के संकेत प्राप्त हो रहे है| जापान के ‘ओसाका’ शहर में जून २८ से २९ तक ‘जी-२०’ परीषद का आयोजन होगा| इस परिषद में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के बीच बातचीत हो सकती है|

इस बातचीत की तैयारी के लिए विदेशमंत्री पोम्पिओ भारत पहुंच रहे है, यह दावा किया गया है| भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर अमरिकी विदेशमंत्री समेत बातचीत करेंगे, यह जानकारी अमरिकी विदेश मंत्रालय ने दी है| दोनों नेता अलग अगल विषयों पर बातचीत करेंगे, ऐसा अमरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है|

इस बातचीत की अन्य जानकारी दी नही गई है, फिर भी इसमें व्यापार संबंधी विवाद का मुद्दा होने की कडी आशंका है| रशिया से ‘एस-४००’ की खरीद और ईरान से ईंधन की खरीद करने के विषय में भारत की भूमिका अमरिका को मंजूर नही है| साथ ही भारत को लडाकू विमान देने के लिए अमरिका उत्सुकता दिखा रही है और भारत अन्य विकल्पों पर विचार ना करें, यह अमरिका की मांग है| साथ ही भारत के बाजार में अमरिकी कंपनियों को अधिक अवसर प्राप्त हो इस लिए अमरिका की कोशिश शुरू है|

यह मांगे पूरी हो, इस लिए अमरिका भारत पर दबाव बढाने की कोशिश में है| ‘जीएसपी’ को लेकर अमरिका ने किया निर्णय इन्हीं कोशिशों का हिस्सा बनता है|

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