‘भारत पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन हमले करेगा’ : पाकिस्तान के विश्‍लेषकों की चेतावनी

इस्लामाबाद, दि. १४: भारत ने जम्मू-कश्मीर की नियंत्रणरेखा पर ड्रोन्स तैनात करने के लिए कदम उठाने शुरू करने के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है| उसी समय अमरीका ने भारत को आधुनिक ड्रोन्स देने की तैयारी दिखाई है| इसी वजह से पाकिस्तान को जल्द ही भारत के ड्रोन हमलों का सामना करना पड़ सकता है, ऐसा दावा पाकिस्तान की मीडिया ने शुरू किया है| वहीं, पाकिस्तानी विश्‍लेषकों के द्वारा अपनी सेना को, भारत का ड्रोन गिराने की तैयारी शुरू करने की सलाह दी जा रही है|

ड्रोन

अमरीका ने अफगानिस्तान से सटे पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाके में ड्रोन के हमले नए सिरे से शुरू किए हैं| पाकिस्तान इन हमलों का निषेध कर ही रहा है कि तभी ‘भारत ने जम्मू-कश्मीर के नियंत्रण रेखा पर ड्रोन्स तैनात किए हैं’ ऐसा कहते हुए एक पाकिस्तानी दैनिक ने, जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ जिले में ये ड्रोन्स तैनात हैं ऐसा दावा किया है| ड्रोन्स द्वारा की जानेवाली गश्ती पर पाकिस्तान पहले से ही तीखी प्रतिक्रिया दे रहा है| उसी समय, भारत ने अमरीका से ‘अवेंजर’ दागनेवाले ड्रोन्स की खरीदारी करने की प्रक्रिया शुरू की है|

भारत के ये कदम चिंता बढ़ानेवाले है| जल्द ही, पाकिस्तान की पूर्वीय सीमा पर ड्रोन्स युद्ध शुरू होगा’, ऐसा इशारा ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्युन’ इस पाकिस्तान के दैनिक के लेख में दिया गया है|

पाकिस्तान के पूर्व राजदूत अली सरवर नकवी ने भी भारत की ये गतिविधियाँ पाकिस्तान के लिए गंभीर चिंता का कारण हो सकती हैं, ऐसा दावा किया है| अमरीका भारत को, अवेंजर दागनेवाले आधुनिक ड्रोन्स की सप्लाई ना करें, ऐसी माँग पाकिस्तान अमरीका से करें, ऐसा सुझाव नकवी ने दिया है| तभी पाकिस्तान के विशेषज्ञ और पूर्व लेफ्टनंट जनरल तलत मसूद ने भी, यह बात पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा है, ऐसा कहा है|

सीमा पर ड्रोन्स तैनात करके भारत पाकिस्तान की सुरक्षा को चुनौती दे रहा है, ऐसे में पाकिस्तान सरकार ने सिर्फ दर्शक की भूमिका नहीं लेनी चाहिए| अगर भारत के ड्रोन्स ने पाकिस्तान की सीमा में घुसपैठ की, तो ये ड्रोन्स गिराए जायेंगे, ऐसी घोषणा पाकिस्तान ने करनी चाहिए, ऐसी माँग कुछ विशेषज्ञ कर रहे हैं|

तभी भारत ने पाकिस्तान की भूमि में ड्रोन्स के जरिए हमला किया, तो युद्ध छिड़ सकता है, यह संदेश पाकिस्तान ने भारत के साथ पूरी दुनिया को देना चाहिए| दो परमाणुअस्त्रों से लैस देशों के बीच युद्ध ना छिड़ें इसके लिए आंतर्राष्ट्रीय समुदाय भारत को ज़रूर रोकेगा, ऐसा पाकिस्तानी विश्‍लेषकों को लग रहा है|

एक तरफ पाकिस्तान को आ़ठ ‘एफ-१६’ विमानों की सप्लाई करने के लिए नकारनेवाली अमरीका, भारत को आधुनिक ड्रोन्स की सप्लाई कर रही है, यह बात भारत के प्रभाव को दर्शाती है| अमरीका ने अब तक, हमला करनेवाले प्रिडेटर ड्रोन्स ब्रिटन के अलावा किसी अन्य देश को नही बेचे हैं| इस वजह से, अमरीका से यह ड्रोन्स प्राप्त करनेवाला भारत दूसरा देश होगा, ऐसा कहते हुए ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्युन’ के लेख में चिंता जताई गई है|

 अमरीकी राष्ट्राध्यक्ष द्वारा ‘सीआयए’ को ड्रोन हमले के अधिकार प्रदान

वॉशिंग्टन, दि. १४: अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने, खुफिया एजन्सी ‘सीआयए’ को आतंकवादियों के खिलाफ ‘ड्रोन’ हमले के लिए खुली छूट देने का निर्णय लिया है| इससे पहले ‘सीआयए’ को ड्रोन का इस्तेमाल करने की अनुमति सिर्फ आतंकवादियों की जानकारी इकठ्ठा करने के लिए दी गई थी| यह जानकारी अमरीकी सेना को दी जाने के बाद सेना के ड्रोन्स द्वारा आतंकवादियों को निशाना बनाने की कारवाई की जाती थी| लेकिन ट्रम्प ने आतंकवादियों के खिलाफ मुहिम और तेज़ करने की योजना बनाई है| इस योजना के तहत ‘सीआयए’ को भी ‘ड्रोन्स हमले’ करने की अनुमति दी गई है|

‘सीआयए’ को ये जो नये अधिकार दिये गए हैं, उन अधिकारों पर अमल पिछले महीने से ही शुरू हुआ है, ऐसा सामने आ रहा है| अल कायदा के वरिष्ठ नेता अबु अल-खैर अल-मसरी को ड्रोन हमले द्वारा खत्म करने का काम ‘सीआयए’ ने पूरा किया है, ऐसा स्पष्ट हो रहा है| ‘अल कायदा का नेता ओसामा बिन लादेन का जमाई’ ऐसी प़हचान रहनेवाले अल-मसरी को फरवरी महिने में उत्तर सीरिया के एक ड्रोन हमले में मार गिराया गया था|

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने पारदर्शकता के तौर पर और जिम्मेदारी निश्‍चित करने की नीति के हिस्से के तौर पर, ड्रोन्स हमले का इस्तेमाल करने के संदर्भ में ‘सीआयए’ और रक्षा विभाग की मर्यादाएँ निश्चित की थीं| उसके अनुसार, ‘सीआयए’ को संदेहजनक आतंकवादी और खुफिया गतिविधियों की जानकारी इकठ्ठा करने के लिए ‘ड्रोन’ का इस्तेमाल करने का अधिकार दिया गया था| लेकिन कारवाई करने के अधिकार रक्षा विभाग के पास ही दिये गए थे| साथ ही, ड्रोन हमले में मारे गए आतंकवादियों और संदिग्ध लोगों की जानकारी सार्वजनिक करना, यह रक्षा विभाग के लिए बंधनकारक किया गया था| लेकिन अब ‘सीआयए’ को ड्रोन हमले के संदर्भ में पूरा अधिकार मिलने के बाद हालात पूरी तरह बदल सकते हैं, ऐसा कहा जाता है|

ड्रोन हमले के सिलसिले में पूरी जानकारी उजागर करना ‘सीआयए’ के लिए बंधनकारक नहीं होगा| इस कारण, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और येमेन जैसे देशों में किये गए अमरीका के ड्रोन हमलों का विवरण सार्वजनिक किया जाने की संभावना ही नहीं है|

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष पद का कार्यभार हाथ में लेने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने आतंकवादविरोधी युद्ध और तेज करने की घोषणा की थी| ‘सीआयए’ को ड्रोन हमले के सिलसिले में दिए गए अधिकार राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की इस नीति का हिस्सा माना जा रहा है| अमरीका ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और कुछ खाड़ी एवं अफ़्रिकी देशों में ड्रोन से हमले शुरू किए थे| इससे, बिना ख़तरा मोल लिए अमरीका ख़तरनाक आतंकवादियों को मार गिरा सकती है| अमरीका ने सबसे ज़्यादा ड्रोन हमले पाकिस्तान में किए है|

इन हमलों पर पाकिस्तान से तीखी प्रतिक्रिया आयी है| लेकिन अमरीका ने, इन प्रतिक्रियाओं को अनदेखा करते हुए पाकिस्तान पर हमले जारी रखे हैं| ड्रोन हमले में आतंकवादी नहीं, बल्कि आम लोगों की मौतें अधिक हो रही हैं, ऐसी आलोचनाएँ की जा रही थी| लेकिन इस आलोचना की ओर भी अमरीका ध्यान नहीं दे रही है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.