अमरीका और दक्षिण कोरिया का युद्धाभ्यास यानी ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेल’ – उत्तर कोरिया का आरोप

प्योनगैन्ग – अमरीका और दक्षिण कोरिया के शुरू व्यापक युद्धाभ्यास यानी ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेल’ है, ऐसा आरोप उत्तर कोरिया न लगाया है। अमरीका ने दो दिन पहले ही सैन्य उपग्रह के परीक्षण के मुद्दे पर उत्तर कोरिया को चेतावनी दी थी। इसके जवाब में उत्तर कोरिया ने ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेल’ का यह आरोप लगाया है। 

अमरीका और दक्षिण कोरिया के व्यापक युद्धाभ्यास मार्च महीने से शुरू हैं। यह युद्धाभ्यास पिछले पांच सालों के सबसे बड़े होने की जानकारी दोनों देशों ने साझा की है। अमरिकी विमान वाहक युद्धपोत, प्रगत बॉम्बर विमान इसमें शामिल हुए हैं। दक्षिण कोरिया ने भी अपने उन्नत लड़ाकू विमानों के साथ आधुनिक विध्वंसकों को इस युद्धाभ्यास में उतारा है। इस युद्धाभ्यास के दौरान शत्रु को लक्ष्य करने के लिए मिसाइल हमलों का अभ्यास होने की खबरें प्रसिद्ध हुई हैं। 

पिछले छह महीनों से मिसाइल परीक्षण कर रहा उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण की तैयारी से ध्यान हटाने की कोशिश करता दिख रहा हैं, ऐसा नया आरोप भी लगाया जा रहा है। किम जाँग-उन की हुकूमत जल्द ही सातवां परमाणु परीक्षण करेगी, ऐसी नई चेतावनी अमरिकी गुप्तचर विभाग ने हाल ही में दी थी। दक्षिण कोरिया की सीमा के करीब यह परमाणु परीक्षण करके उत्तर कोरिया अपने पड़ोसी देशों के साथ अमरीका को चेतावनी देगा, ऐसा अमरिकी यंत्रणाओं का कहना है। अमरीका और दक्षिण कोरिया की सेना के हो रहे अबतक के सबसे बड़े युद्धाभ्यास पर जवाब देने के लिए किम जाँग-उन की हुकूमत यह परीक्षण करेगी, ऐसा कहा जा रहा है।

उत्तर कोरिया का यह परमाणु परीक्षण इस क्षेत्र में संघर्ष शुरू करने का वजह बन सकता है, ऐसी चेतावनियां अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक दे रहे हैं। अमरीका और दक्षिण कोरियाई गुप्तचर एवं सुरक्षा यंत्रणा भी यही चेतावनी दे रही हैं कि, उत्तर कोरिया किसी भी क्षण परमाणु परीक्षण करेगा। वर्ष २००६ में उत्तर कोरिया ने पहला परमाणु परीक्षण किया था। इसके बाद उत्तर कोरिया ने अब तक कुल छह परमाणु परीक्षण किए हैं और हर परीक्षण की तीव्रता बढ़ाई है। इस वजह से उत्तर कोरिया का सातवां परमाणु परीक्षण भी उतना ही शक्तिशाली और दहलानेवाला होगा, ऐसा दावा किया जा रहा है। 

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