इस्रायल-सौदी सहयोग को गति प्रदान करने के लिए अमरीका के यहूदी वंशियों के शिष्टमंड़ल की सौदी यात्रा

us-jews-israel-saudi-3रियाध/वॉशिंग्टन – सौदी अरब और इस्रायल का सहयोग बढ़ाकर दोनों देशों के संबंध सुधारने के लिए अमरीका के एक शिष्टमंड़ल ने हाल ही में सौदी की यात्रा की। इस शिष्टमंड़ल में अमरीका के यहूदी वंशी उद्यमी और नेताओं का समावेश था। दो महीने पहले अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने सौदी की यात्रा की थी। इसके बाद बीते महीने इस्रायल और सौदी के बीच हवाई सेवा शुरू की गई थी।

us-jews-israel-saudi-2अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की पहल के बाद इस्रायल और अरब देशों का सहयोग बढ़ रहा है। अब तक यूएई, बहरीन, सुड़ान और मोरोक्को जैसे चार अरब देशों ने इस्रायल के साथ ऐतिहासिक अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। अन्य अरब देशों के साथ भी बातचीत जारी है, लेकिन सौदी अरब के साथ संबंध सुधारने के लिए इस्रायल और अमरीका विशेष कोशिश कर रहे हैं। बीते वर्ष इस्रायल के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने सौदी के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करके सनसनी निर्माण की थी। यह मुलाकात अमरिकी विदेशमंत्री की मौजूदगी में होने की बात कही जा रही है।

लेकिन, अमरीका के नए राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन और उनका प्रशासन इस्रायल-सौदी सहयोग के लिए ज्यादा उत्सुक ना होने की आलोचना विरोधी कर रहे थे। इस्रायल से भी अमरीका की सौदी संबंधी नीति को लेकर नाराज़गी जताई गई थी। इस पृष्ठभूमि पर अब बायडेन प्रशासन ने इस दिशा में कोशिश शुरू करने की बात अमरिकी शिष्टमंड़ल की इस यात्रा से दिख रही है। अमरिकी शिष्टमंड़ल में २० लोगों का समावेश है और यह यात्रा सौदी ने आमंत्रित करने से हुई, यह जानकारी प्राप्त हुई है।

us-jews-israel-saudi-1इस्रायल के पूर्व प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के करीबी के तौर पर पहचान वाले अमरिकी उद्यमी फिल रोसेन भी इस शिष्टमंड़ल का हिस्सा हैं। इस शिष्टमंड़ल ने सौदी अरब के छह मंत्री एवं शाही परिवार के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने की जानकारी सूत्रों ने प्रदान की। ‘सौदी की हुकूमत अपने नागरिकों को इस्रायल के साथ सहयोग करने के लिए तैयार कर रही है। इस्रायल एक क्षेत्रिय सत्ता है और यह ईरान जैसे समान शत्रु से लड़ने की क्षमता रखता है, इसका अहसास सौदी को हुआ है। ऐसी स्थिति में अगले कुछ महीने या सालभर में इन दो देशों के संबंधों में सुधार हुआ तो इसमें चौंकाने जैसी बात नहीं होगी’, इन शब्दों में रोसेन ने सौदी की यात्रा से संबंधित भूमिका स्पष्ट की।

अब्राहम समझौते में शामिल होने के लिए सौदी की हुकूमत अमरीका के साथ गोपनीय स्तर पर चर्चा कर रही है और यूएई एवं बहरीन ने सौदी की सहमति प्राप्त करने के बाद ही समझौते किए हैं, यह दावा भी अमरिकी उद्यमी ने किया। अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैरेड कश्‍नर ने कुछ दिन पहले ही बायडेन प्रशासन अब्राहम समझौते को लेकर सक्रीय ना होने की आलोचना की थी। तो, पूर्व विदेशमंत्री पोम्पिओ ने ईरान विरोधी नीति आक्रामक की गई तो इस्रायल के संबंधों में सुधार करेंगे, यह शर्त सौदी अरब ने अमरीका के सामने रखने का दावा किया था।

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