इस्रायल ने ईरान के न्यूक्लियर प्लांट्स पर हमले किए, तो उसके विपरीत परिणाम होंगे – अमरीका के वरिष्ठ अधिकारी की इस्रायल को चेतावनी

वॉशिंग्टन/मनामा/जेरूसलेम – ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर इस्रायल ने हमला किया ही, तो उसके बहुत ही विपरित परिणाम होंगे, ऐसी चेतावनी अमरीका के वरिष्ठ अधिकारी ने दी। अमरीका ईरान के साथ नए से परमाणु समझौता करने के लिए उत्सुक होकर, इसके लिए चर्चा शुरू करने की तैयारी अमरीका ने दर्शाई है। लेकिन यह परमाणु समझौता और उसपर होनेवाली चर्चा, इनका इस्तेमाल करके ईरान परमाणु-अस्त्र-सिद्ध होगा, यह इस्रायल जता रहा है। इसी कारण अगर अमरीका का समर्थन ना भी हो, तो भी एकतरफ़ा कार्रवाई करके इस्रायल ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमले करने के संकेत दे रहा है। उस पर बायडेन प्रशासन की यह प्रतिक्रिया आई है।

israel-nuclear-project-attack-consequences‘न्यूयॉर्क टाईम्स’ इस अमरीका के अग्रसर अखबार ने दो दिन पहले प्रकाशित की खबर में, परमाणु समझौते की संभावना मिटती चली जा रही होने का दावा किया। डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्राध्यक्षपद पर रहते हुए सन २०१५ के परमाणु समझौते से किनारा करने तक ईरान ने सभी नियमों का पालन किया था, ऐसा इस अखबार ने कहा है। लेकिन ट्रम्प ने परमाणु समझौते से किनारा करने के बाद ईरान ने परमाणु कार्यक्रम की रफ़्तार बढ़ाई।

पिछले डेढ़ साल में इस्रायल ने न्यूक्लियर प्लांट्स पर किए हमलों के बाद ईरान ने नई यंत्रणा बिठाकर अधिक तेज़ी से युरेनियम का संवर्धन शुरू किया होने का दावा इस अख़बार ने अमरिकी अधिकारी के हवाले से किया । इसके आगे भी अगर इस्रायल ने ईरान के न्युक्लियर प्लांट्स पर हमले किए, तो उसके विपरीत परिणाम होंगे, ऐसी चेतावनी अमरिकी अधिकारी दे रहे होने की जानकारी इस अखबार ने दी।

यह जानकारी देनेवाले अमरिकी अधिकारी का नाम सार्वजनिक करना इस अखबार ने टाला। लेकिन रविवार को बहरीन में संपन्न हुई ‘मनामा डायलॉग’ की बैठक में, ईरान के साथ परमाणु समझौते को लेकर अमरीका और इस्रायल के बीच होनेवाले मतभेद अधिक स्पष्ट रूप में सामने आए। इस्रायल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एयल हुलाता और अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने खाड़ी क्षेत्र के लिए नियुक्त किए विशेष दूत ब्रेट मॅक्गर्क, इनके बीच का विसंवाद इस समय जगज़ाहिर हुआ।

‘अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय ईरान के विरोध में जब डटकर खड़ा रहेगा, तो ऐसे ईरान को परमाणु-अस्त्र-सिद्ध होने से रोकना आसान होगा। आनेवाले समय में अगर जरूरत पड़ी, तो इस्रायल ने ईरान के विरोध में कार्रवाई करने की तैयारी रखी है’, ऐसा इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा मोसाद के पूर्व एजेंट होनेवाले हुलाता ने मनामा की बैठक में कहा।

लेकिन अमरीका के विशेष दूत मॅक्गर्क ने ईरान पर लष्करी कार्रवाई करने के मुद्दे पर इस्रायल को चेतावनी दी। ‘अमरीका वियना में चल रही चर्चा पर ध्यान केंद्रित कर रही होकर, राजनीतिक चर्चा सफल होगी’, ऐसा विश्‍वास मॅक्गर्क ने व्यक्त किया। अगर ये चर्चाएँ असफल हुईं, तो ही बायडेन प्रशासन अन्य विकल्पों के बारे में सोचेगा। उससे पहले की लष्करी कार्रवाई से ईरान के परमाणु कार्यक्रम का नुकसान तो होगा, लेकिन उससे ईरान के बर्ताव में बदलाव नहीं होगा, यह बताकर मॅक्गर्क ने बायडेन प्रशासन की भूमिका रखी।

ईरान पर कार्रवाई करने के लिए अमरीका से समर्थन नहीं मिलेगा, यह बात इस्रायल मानकर चल रहा है। इस मुद्दे पर इस्रायल के अपने सर्वोत्तम मित्र देश के साथ विवाद होंगे, ऐसी संभावना प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने जताई। लेकिन चाहे कुछ भी हो, इस्रायल परमाणु समझौते का समर्थन नहीं करेगा और उसके लिए जवाबदेह नहीं होगा, ऐसा प्रधानमंत्री बेनेट ने डटकर कहा है।

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