इस्रायल के विदेश मंत्री बहरीन के ऐतिहासिक दौरे पर

मनामा – अब्राहम समझौते के अनुसार दोनों देशों के बीच सहयोग मज़बूत बनाने के लिए इस्रायल के विदेश मंत्री येर लॅपिड गुरुवार को बहरीन में दाखिल हुए। इस्रायल के विदेश मंत्री ने बहरीन के शासक किंग हमाद बिन इसा अल खलिफा से भेंट की। इस्रायली विदेश मंत्री का यह पहला बहरीन दौरा साबित होता है। युएई, बहरीन की तरह अन्य अरब देश भी इस्रायल के साथ अब्राहम समझौते में सहभागी होने के लिए उत्सुक होने का दावा इस्रायल ने कुछ दिन पहले किया था।

israel-foreign-minister-baharain-visit-1साल भर पहले अमरीका की मध्यस्थता से इस्रायल, युएई तथा बहरीन के बीच ऐतिहासिक अब्राहम समझौता संपन्न हुआ। इस समझौते के अनुसार, आपसी सहयोग बढ़ाने पर तीनों देशों का एकमत हुआ। इससे इस्रायल और अरब देशों में बने मतभेद कम होने में मदद होगी, ऐसा दावा अमरीका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने किया था। उसके बाद इस्रायल के साथ इस समझौते में सुदान और मोरोक्को भी सहभागी हुए। इस्रायल और अरब देशों के बीच का यह सहयोग खाड़ी क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए सहायक बना होने का दावा किया जाता है।

पिछले साल भर में युएई और बहरीन ने इस्रायल में अपने दूतावास शुरू किये। वहीं, इस्रायल ने भी युएई और मोरोक्को में अपने दूतावास कार्यान्वित किए हैं। जून महीने में विदेश मंत्री लॅपिड के युएई और मोरोक्को के दौरे में यह कार्यवाही संपन्न हुई। युएई और मोरोक्को की तरह बहरीन में भी अपना दूतावास शुरू करने के लिए इस्रायल के विदेश मंत्री गुरुवार को मनामा में दाखिल हुए। विदेश मंत्री लॅपिड ने इस समय बहरीन के किंग हमाद बिन इसा अल खलिफा और क्राऊन प्रिन्स सलमान बिन हमाद अल खलिफा से मुलाकात की।

israel-foreign-minister-baharain-visit-2इस्रायल, युएई और बहरीन के बीच का अब्राहम समझौता यह पूरी तरह आर्थिक तथा व्यापारी सहयोग पर आधारित होने का दावा किया जाता है। लेकिन ईरान से खाड़ी क्षेत्र के देशों की सुरक्षा को निर्माण हुआ खतरा, इस्रायल और अरब देशों को इस समझौते के उपलक्ष्य में नजदीक ला रहा है, ऐसा कहा जाता है। इस कारण यह समझौता ईरान के लिए चुनौती होने की आलोचना ईरान के विश्लेषकों ने इससे पहले की थी। ईरान ने भी इस्रायल के साथ सहयोग स्थापित करनेवाले अरब देशों की आलोचना की थी।

इसी बीच, जल्द ही सऊदी अरब तथा अन्य अरब देश अब्राहम समझौते में सहभागी हो सकते हैं, ऐसा दावा इस्रायल ने इससे पहले किया था। वहीं, कुछ दिन पहले इराक के ३०० से अधिक नेताओं ने भी यह आवाहन किया था कि अपना देश अब्राहम समझौते में सहभागी हों। 

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