‘साऊथ चाइना सी’ की दिशा में बढ रही ब्रिटेन की युद्धपोत पर अमरिका करेगी ‘एफ३५’ की तैनाती

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – साउथ चाइना सी में तनाव बढ़ता जा रहा है और अमरिका के बाद ब्रिटेन की ‘एचएमएस क्वीन एलिज़ाबेथ’ विमानवाहक युद्धनौका भी इस सागरी क्षेत्र के दिशा में रवाना हुई है| ब्रिटेन के रक्षा मंत्री गैविन विलियमसन ने कुछ घंटों पहले इसकी घोषणा की है| साउथ चाइना सी में दाखिल होनेवाले ब्रिटेन के इस विमान वाहक युद्धनौका पर अमरिका के एफ-३५ यह अति प्रगत लड़ाकू विमान तैनात होंगे, ऐसा विलियमसन ने घोषित किया है|

‘रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस ऍण्ड सिक्योरिटी स्टडीज्’ (रूसी) इस प्रसिद्ध अभ्यासगट के सामने बोलते हुए रक्षा मंत्री विलियमसन ने ब्रिटेन के रक्षादल के सामने होनेवाले चुनौतियों की जानकारी दी है| इन चुनौतियों का सामना करने के लिए ब्रिटेन आक्रामक तौर पर कदम उठानेवाला है और इसके लिए एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ विमानवाहक युद्धनौका पैसिफिक महासागर में यात्रा के लिए रवाना होने की बात विलियमसन ने कही है| ब्रिटेन की नौसेना अंतरराष्ट्रीय चुनौती के लिए तैयार है, यह संदेश देने के लिए ब्रिटेन की युद्धनौका इस अंतरराष्ट्रीय गश्ती पर रवाना होने की बात विलियमसन ने स्पष्ट की है|

ब्रिटेन की युद्धनौका की यह यात्रा बहुत बड़ी होने वाली है| ब्रिटेन की इस विमानवाहक युद्धनौका की सागरी गश्त की शुरुआत भूमध्य समुद्र से होगी तथा आगे चलकर हिंद महासागर से एचएमएस एलिजाबेथ पैसिफिक महासागर में प्रवेश करेगी, ऐसा विलियमसन ने कहा है| भूमध्य समुद्र से हिंद महासागर के बीच ब्रिटेन के युद्धनौका की यात्रा आसान होगी| तथा पैसिफिक महासागर से साउथ चाइना सी के क्षेत्र में प्रवेश करते हुए अमरिका के ‘एफ-३५ लाइटनिंग-२’ अति प्रगत लड़ाकू विमानों का पथक एचएमएस एलिजाबेथ पर तैनात होगा ऐसा विलियमसन ने कहा है| स्थेल्थ तंत्रज्ञान से तैयार होने वाले एक एफ-३५ विमान की कीमत साढ़े सात करोड़ डॉलर इतनी होकर यह दुनिया में सबसे प्रगत लड़ाकू विमान होने की बात मानी जाती है| प्रगत रडार यंत्रणा को चकमा देने की क्षमता इस लड़ाकू विमान में है|

इससे पहले जनवरी महीने में अमरिका एवं ब्रिटेन के नौसेना ने साउथ चाइना सी में संयुक्त युद्धाभ्यास किया था| पिछले वर्ष सितंबर महीने में भी ब्रिटेन ने साउथ चाइना सी को बहुत बड़ा महत्व होने की बात घोषित करके अपनी युद्धनौका इस सागरी क्षेत्र में रवाना की थी| इस के अलावा ब्रिटेन और जापान की पनडुब्बियों ने पैसिफिक महासागर में संयुक्त युद्धाभ्यास किया था| पर ब्रिटेन की एचएमएस एलिज़ाबेथ विमानवाहक युद्धनौका पहली बार साउथ चाइना सी में गश्ती करने वाली है|

पिछले वर्ष भर में ब्रिटेन ने साउथ चाइना सी के सागरी क्षेत्र में अपना निवेश बढ़ाया है| इस क्षेत्र में परिवहन की स्वतंत्रता रेखांकित करके ब्रिटेन ने चीन के धौंसियो के विरोध में आलोचना की थी| चीन सागरी क्षेत्र का लष्करीकरण करके आग्नेय एशियाई देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सागरी सुरक्षा को खतरे में ला रहा है, ऐसा आरोप ब्रिटेन ने किया था| तथा इस सागरी क्षेत्र में दाखिल होने वाले एचएमएस एलिज़ाबेथ को साथ देने के लिए ऑस्ट्रेलिया भी अपनी युद्धनौका रवाना करें ऐसा आवाहन ब्रिटेन ने किया था|

साउथ चाइना सी क्षेत्र में अपने द्वीप के पास अमरिकी युद्धनौका की गश्ती पर चीन से तीव्र प्रतिक्रिया आ रही है| अब चीन को अमरिका ही नहीं बल्कि ब्रिटेन तथा अन्य देशों के युद्धनौका के गश्ती के विरोध में मोर्चा निर्माण करना पड़ रहा है| जिससे बहुत बड़ा सामरिक दबाव चीन को सहन करना पड़ रहा है| अमरिका, ब्रिटेन के साथ ऑस्ट्रेलिया, जापान यह देश भी पैसिफिक क्षेत्र में चीन की गतिविधियों को चुनौती देने की बात सामने आ रही है|

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