फ्रान्स को मछली पकड़ने की अनुमति नही मिली तो ब्रिटेन को आयर्लंड के मुद्दे पर रोकेंगे – फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष की कडी चेतावनी

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पेरिस/लंडन – यूरोपीय महासंघ ने रविवार को ‘ब्रेक्झिट’ के करार को ४० मिनटों में मंजूरी देने का दावा किया हो फिर भी उससे जुड़ी समस्याओं का निवारण न होने की बात २४ घंटों में सामने आयी है| ब्रिटेन सरकार ने इस करार को मंजूरी देने के बाद कुछ ही घंटों में फ्रान्स ने मछली पकड़ने के मुद्दे पर ब्रिटेन को धमकाया है| ब्रिटेन ने उनके समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ने की अनुमति फ्रान्स को नहीं दी तो आयर्लंड के मुद्दे पर उनकी मांग को चौपट किया जाएगा, ऐसी चेतावनी फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युअल मॅक्रॉन ने दी है| मॅक्रॉन के इस विधान के कारण ब्रिटन में ब्रेक्झिट करार को विरोध करनेवालों के हाथ में बैठे-बिठाए कुल्हाड़ी मिलने से उस पर संघर्ष अधिक तीव्र होने की संभावना निर्माण हो गई है| ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने प्रस्तुत किए ५८५ पन्नों के ‘ब्रेक्झिट’ करार को रविवार को मंजूरी देने की बात घोषित की है| इस करार को केवल ४० मिनटों में मिली मंजूरी अद्भुत साथ ही उग्र आलोचना उमड़ानेवाली साबित होती है| ब्रिटेन में सरकार के इस करार को विरोध करनेवालों ने, प्रधानमंत्री मे ने महासंघ की हर मांग को पूरा करने के बाद ही यह करार शीघ्रता से मंजूर होने का दावा किया था| परंतु मे ऐसे सारे दावे झूठलाए हैं|

यूरोपीय महासंघ से प्रसिद्ध किए गए बयान में ‘मछली पकड़ने’ का मुद्दा महत्वपूर्ण रहेगा, ऐसा उल्लेख किया गया था| महासंघ तथा ब्रिटेन में आगे होनेवाली चर्चा में इस मुद्दे पर प्राथमिकता से चर्चा की जाएगी, ऐसा भी इसमें स्पष्ट किया गया था| इस पृष्ठभूमि, पर फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने ब्रिटेन की ‘आयर्लंड’ के विषय की मांग का महासंघ लाभ उठाने के लिए इस्तेमाल करेगा, ऐसा चेतावनी दी है| ब्रिटेन ने यदि महासंघ के सदस्य देशों को ‘मछली पकड़ने’ की अनुमति नहीं दी तो ‘आयर्लंड बॅकस्टॉप’ नाम के प्रावधान का उपयोग किया जाएगा ऐसे मॅक्रॉन ने स्पष्ट किया है|

‘आयर्लंड बॅकस्टॉप’ के अनुसार ब्रिटन का भाग होने वाले उत्तरी आयर्लंड और महासंघ का सदस्य देश होने वाले आयर्लंड के बीच की सीमा खुली रखी जाएगी| साथ ही उत्तरी आयर्लंड को महासंघ के ‘सिंगल मार्केट’ अर्थात बाजार में विशेष सुविधाएं मिलनी हैं| इसके अनुसार ब्रिटेन यूरोपीय महासंघ के ‘कस्टम्स यूनियन’ का भाग रहने के साथ उसका प्रभाव ब्रिटेन से किए जाने वाले संभावित व्यापारी करारों पर भी होगा ऐसा माना जाता है|

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