अमेरिका द्वारा अरब राष्ट्रों को शस्त्रास्त्र एवं संरक्षण सामग्री की आपूर्ति की गतिविधियां जारी

वॉशिंग्टन – जॉर्डन, संयुक्त अरब अमिरात (युएई) और सौदी अरेबिया को शस्त्रास्त्रों की आपूर्ति का प्रस्ताव अमेरिका के परराष्ट्र मंत्रालय ने मंज़ूर किया है। वर्षभर पहले बायडेन प्रशासन ने येमन के हौथी विद्रोहियों पर हमले करने वाले सौदी को शस्त्र सहायता रोकने का निर्णय लिया था। पर हौथी विद्रोहियों के युएई एवं सौदी पर हमले तीव्र हो रहे थे तब इसके पीछे बायडेन प्रशासन का हाथ होने का आरोप लगाया जा रहा है। इसकी वजह से सहमे हुए बायडेन प्रशासन ने सौदी और युएई को शस्त्रास्त्र एवं संरक्ष सामग्री की आपूर्ति के लिए गतिविधियां शुरु किया हुआ दिख रहा है।

arab-countries-us-weapons-1येमन के हौथी विद्रोहियों पर सौदी अरेबिया, युएई तथा अन्य खाडी मित्रराष्ट्रों ने हमले किए थे। इन हमलों के खिलाफ बायडेन प्रशासन ने कठोर भूमिका अपनाई थी। पिछले वर्ष फरवरी में ही बायडेन प्रशासन ने सौदी को आवश्यक शस्त्रास्त्रों की पूर्ति न करने का निर्णयल लिया था। तो, सौदी में तैनात अमेरिका की हवाई सुरक्षा यंत्रणा भी बायडेन प्रशासन ने वापस ले ली थी। इसके बाद सौदी पर हौथी विद्रोहियों के तीव्र हमले हुए थे। पर इसका जुबानी विरोध के अलावा बायडेन प्रशासन ने सौदी की सहायता के लिए कुछ भी नहीं किया था।

arab-countries-us-weapons-2सौदी और युएई पर हौथी विद्रोहियों के हमले बढते जा रहे हैं और युएई की राजधानी पर भी हौथियों ने मिसाईलें बरसती हुई दिख रही हैं। इसका गूंज अमेरिका में सुनाई दी है। हौथी विद्रोहियों के सौदी एवं युएई पर हमलों का कारण बायडेन प्रशासन की नरमाई है, ऐसा दोष अमेरिका के विख्यात अध्ययन मंडल ‘गेट्सटन इन्स्टीट्यूट’ ने लगाया। हौथी विद्रोहियों के हमलों का धोखा केवल खाडी राष्ट्रों को ही नहीं है बल्कि, अमेरिका को भी है, इस ओर इस अध्ययन मंडल ने ध्यान आकर्षित किया। इतना ही नहीं बल्कि, हौथी विद्रोहियों के बारे में बायडेन प्रशासन ने अपनाई हुई नीति की वजह से अमेरिका असुरक्षित है, इसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया है, गेट्सटन इन्स्टीट्यूट ने ऐसी ताकीद दी है। 

अमेरिका के विरोधि पक्षनेता भी इस्रायल, सौदी अरेबिया, इजिप्ट, युएई इन खाडी मित्रराष्ट्रों को दुखाकर बायडेन प्रशासन अमेरिका के हितों को धोखे में डाल रहे हैं, ऐसे आरोप निरंतर लगा रहे हैं। इसकी वजह से दबाव में आए हुए बायडेन प्रशासन ने जॉर्डन, युएई एवं सौदी को शास्त्रास्त्रों की आपूर्ति की गतिविधियां शुरु की हैं। अमेरिका के परराष्ट्र मंत्रालय ने इन प्रस्तावों को मंजूरी दी। 

इसके अनुसार अमेरिका सौदी को अपनी हवाई सुरक्षा यंत्रणा नवीनतम करने के लिए ३१ ‘कम्युनिकेशन-नॅव्हिगेशन टर्मिनल्स’ देगी। इस व्यवहार की रकम २३.७ दशलक्ष डॉलर्स है। तो अमेरिका युएई को हवाई सुरक्षा यंत्रणा के लिए आवश्यक साढे छह करोड डॉलर्स के खुले पुरज़े एवं रडार की पूर्ति करेगी। तो जॉर्डन को अमेरिका द्वारा १२ ‘एफ-16 ब्लॉक 70’ लडाकू विमानों की पूर्ति की तैयारी की गई है। अमेरिका के परराष्ट्र मंत्रालय ने इसकी मंज़ूरी भले ही दी हो फिर भी अमेरिका की संसद यह सहायता रोक सकती है। यदि ऐसा हुआ, तो शस्त्रास्त्रों के लिए अमेरिका पर निर्भर खाडी राष्ट्रों को अपनी सुरक्षा के लिए अन्य राष्ट्रों की सहायता लेनी पड सकती है।

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