यूएई, सऊदी पर हौथी हमलों के लिए बायडेन प्रशासन जिम्मेदार – अमेरिका के थिंकटँक का आरोप

वॉशिंग्टन – अमेरिका के एक अभ्यासगट ने बायडेन प्रशासन की नीति यमन में हौथी विद्रोहियों को युएई और सौदी अरेबिया की राजधानियों पर मिसाइल हमले करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है ऐसा गंभीर आरोप लगाया है। पिछले एक साल में, बायडेन प्रशासन ने ईरान के साथ किये हुए सहयोग के कारण अमेरिका अरब देशों का विश्वास खो रहा है। ईरान से जुड़ी हौथी विद्रोहियों की बढ़ती आक्रामकता न केवल युएई और सौदी के लिये  बल्कि अमेरिका की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करेगी ऐसा इशारा इस अभ्यासगट ने दिया है |

बायडेन प्रशासनपिछले दस दिनों में, यमन स्थित हौथी विद्रोहियों ने युएई की राजधानी अबू धाबी में दो बार बॅलेस्टिक मिसाइल और ड्रोन्स से हमला किया हैं। इसी बीच जब  इस्रायल के राष्ट्राध्यक्ष आयसॅक हर्झोग दुबई के दौरे पर थे तब  उस समय भी हौथी विद्रोहियों ने इस शहर की ओर मिसाइलें दागीं थी । यूएई ने हौथी के इस हमले को खारिज कर दिया था।  हौथी विद्रोहियों ने युएई पर शुरू किए हुए  बॅलेस्टिक मिसाइल के हमलों की पृष्ठभूमी पर अमेरिका जल्द ही विध्वंसक और प्रगत लड़ाकू जेट रवाना करनेवाला है । अमेरिका के रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने यूएई के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन झाएद के साथ बातचीत के बाद यह फैसला लिया। हालांकि, इसके पहले  हौथी विद्रोहियों के प्रति अपनायी हुई नीति के कारण बायडेन प्रशासन पर इस संबंध में गंभीर आरोप हो रहे है ।

कुछ महीने पहले बायडेन प्रशासन ने ईरान से जुड़े इन्ही हौथी विद्रोहियों को ‘टेरर लिस्ट’ से हटा दिया था। सौदी अरेबिया, युएई और अन्य अरब देशों ने की हुई अपीलों की परवाह नही की थी । पिछले एक महीने में अबू धाबी पर हौथी विद्रोहियों ने बॅलेस्टिक मिसाइल के हमले करने के बाद युएई ने अमेरिका से इस संघटना को आतंकवादियों की सूची में शामिल करने की फिर से मांग की थी । लेकिन बायडेन प्रशासन ने अभी तक इस पर कारवाही नहीं की है। अमेरिका की इस भूमिका के कारण हौथी विद्रोहियों का हौसला बढ गया है और वह सौदी और युएई पर और तीव्रता से हमले कर रहे है ,ऐसी आलोचना खाड़ी के विश्लेषकों के साथ-साथ पत्रकारों ने की है।

बायडेन प्रशासनपिछले साल, बायडेन प्रशासन ने हौथियों को आतंकवादी सूची से हटाने के साथ ही सौदी और युएई में पहले से तैनात अमेरिकी सैनिकों और हवाई रक्षा प्रणालियों को वापस लेने का आदेश दिया था। इसके साथ ही सौदी और युएई के हथियारों की आपूर्ति भी रोक दी। इसका फायदा उठाकर हौथियों ने दोनों देशों पर ड्रोन्स, रॉकेट और मिसाइल के हमले तेज कर दिए हैं। खाड़ी क्षेत्र से जुडे मीडिया और विश्लेषकों का दावा है कि सौदी और युएई हमलों को विफल करने के लिए हवाई रक्षा प्रणालियों का उपयोग कर रहे हैं,  और निकट भविष्य में दोनों देशों के इंटरसेप्टर का भंडार समाप्त हो जाएगा |

अमेरिका के एक प्रमुख अभ्यास गट ‘गेट्सटन इन्स्टिट्यूट ने खाड़ी मीडिया, विश्लेषकों और पत्रकारों का हवाला देते हुए बायडेन प्रशासन की आलोचना की है। अभ्यास गट ने युएई पर हुए हमले के बाद ‘गल्फ कोऑपरेशन काऊन्सिल-जीसीसी’ द्वारा व्यक्त की गई नाराजगी का भी उल्लेख किया है | हौथी विद्रोहियों के प्रति बायडेन प्रशासन की नरमी के कारण अमेरिका अरब देशों का विश्वास खो रहा है। यदि बायडेन प्रशासन ईरान और ईरान से जुड़े आतंकवादी संगठनों का समर्थन करना जारी रखता है, तो केवल अरब देशो का ही नही बल्कि अमेरिका की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा होगा । अभ्यास गट ने कहा है कि बायडेन प्रशासन को इसके लिये जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

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