रशिया और चीन को रोकने के लिए अमरीका ने किया नए ‘अफ्रीका स्ट्रैटेजी’ का ऐलान

वॉशिंग्टन/प्रिटोरिआ – रशिया और चीन ने अफ्रीकी महाद्वीप में प्रभाव बढ़ाने के लिए शुरू की हुई कोशिशों को चुनौती देने के लिए अमरीका ने सोमवार को नई ‘अफ्रीका स्ट्रैटेजी’ का ऐलान किया। अफ्रीकी महाद्वीप में खुले और मुक्त विचारधारा के समाज को प्राथमिकता देकर चीन, रशिया और अन्य देशों की गतिविधियों पर जवाब देना ही अमरीका की नई ‘अफ्रीका स्ट्रैटेजी’ का उद्देश्य होने की बात कही गयी है। ‘अफ्रीकी देश के किसी भी निर्णय पर अमरीका दबाव नहीं डालेगी। अन्य देश भी ऐसा ना करें। अपने हित से जुड़े निर्णय करने का अधिकार सिर्फ अफ्रीकी देशों को ही होगा’, इन शब्दों में अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने नई नीति पर अपनी भूमिका स्पष्ट की।

चीन ने पिछले दो दशकों में अफ्रीकी महाद्वीप में अपने पैर फैलाने में सफलता हासिल की है। चीन ने इस महाद्वीप में अरबों डॉलर्स का निवेश किया है और जिबौती जैसे देश में विदेश का अपना पहला सैन्य अड्डा बनाकर चीन ने अपनी महत्वाकांक्षी इरादों को स्पष्ट किया है। ‘बेल्ट ऐण्ड रोड इनिशिएवटिव’ योजना के तहत भी चीन ने अफ्रीकी महाद्वीप को प्राथमिकता देने की बात दिखाई दी थी। आर्थिक ताकत के जोर पर अपना प्रभाव डालनेवाले चीन को पिछले कुछ सालों में झटके लगने लगे हैं और चीन की हुकूमत अफ्रीका को लूट रही है और अफ्रीकी देशों को अपने काबू में रखने की कोशिश में होने का आरोप लगाया जा रहा है।

दूसरी ओर रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने भी अफ्रीका में प्रभाव बढ़ाने की गतिविधियाँ शुरू की हैं। ईंधन और रक्षा क्षेत्र के सहयोग की ताकत पर रशिया ने अफ्रीका के सहयोगी देशों की संख्या बढ़ाना शुरू किया है। रशिया की कान्ट्रैक्ट सुरक्षा कंपनी ‘वैग्नर ग्रूप’ ने अफ्रीका के कुछ देशों में अपने दल तैनात किए हैं और इनके ज़रिये रशिया अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है। रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैवरोव के साथ कई वरिष्ठ मत्रियों ने अफ्रीकी महाद्वीप के दौरे भी किए हैं। रशिया-यूक्रेन युद्ध में अफ्रीकी देशों ने यूक्रेन और पश्चिमी देशों का समर्थन करने से इन्कार किया है। यह बात रशिया का अफ्रीका पर प्रभाव रेखांकित करती है, यह दावा विश्लेषकों ने किया है।

इस पृष्ठभूमि पर अमरीका के बायडेन प्रशासन ने ‘अफ्रीका स्ट्रैटेजी’ का ऐलान करके चीन और रशिया का प्रभाव घटाने के लिए गतिविधियाँ शुरू की हैं। बीते हफ्ते अमरीका की संयुक्त राष्ट्रसंगठन में नियुक्त राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने अफ्रीका का दौरा किया था। इसे बाद अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन अफ्रीकी महाद्वीप के दौरे पर गए हैं। इस दौरे और नई नीति के ज़रिये से बायडेन प्रशासन अफ्रीका के साथ सहयोग बढ़ाने की कोशिश करता हुआ दिख रहा है। अपनी नई अफ्रीका की नीति में बायडेन प्रशासन ने चार मुद्दों पर जोर देने का ऐलान किया है।

इनमे खुली विचारधारा और मुक्त समाज को बढ़ावा एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था और सुरक्षा पर जोर देने का समावेश है। इसके साथ ही अमरीका कोरोना की महामारी पर काबू पाने के लिए सहायता करना और आर्थिक अवसर उपलब्ध कराने की कोशिश करेगी, ऐसा भरोसा भी नई नीति दे रही है। पर्यावरण की सुरक्षा, मौसम के बदलाव और ऊर्जा के मुद्दों पर अफ्रीकी देशों को सहयोग करने के मुद्दे का ज़िक्र भी इस नीति में है। अफ्रीकी महाद्वीप के लिए पुख्ता या व्यापक आर्थिक सहायता का अभी ऐलान नहीं किया गया है, फिर भी ‘पार्टनरशिप फॉर ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐण्ड इन्वेस्टमेंट’ योजना के तहत अफ्रीकी महाद्वीप को प्राथमिकता देने के संकेत इस नई नीति से दिए गए हैं।

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