माली ने आतंकवाद विरोधी संघर्ष के लिए रशिया के कॉन्ट्रैक्ट जवानों से सहायता ली – अमरीका की माली को चेतावनी

वॉशिंग्टन/पॅरिस – पिछले कुछ सालों से माली की सुरक्षा को चुनौती देने वाले आतंकवादी संगठनों के विरोध में कार्रवाई करने के लिए माली की लष्करी हुकूमत ने रशिया के कॉन्ट्रैक्ट जवानों से सहायता ली। अब तक इस संघर्ष में फ्रान्स की सेना असफल साबित हुई है, यह बताकर माली ने रशिया की ‘वॅग्नर’ इस कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट जवानों को तैनात किया है। अमरीका के आफ्रिकॉम के प्रमुख जनरल स्टिफन टाऊनसेंड ने यह जानकारी दी। साथ ही, रशियन कॉन्ट्रैक्ट जवानों की सहायता माली की सुरक्षा के लिए अच्छी साबित नहीं होगी, ऐसी चेतावनी भी जनरल टाऊनसेंड ने दी।

पश्चिमी अफ्रीका के माली इस देश में पिछले कुछ महीनों से लष्करी हुकूमत है। कर्नल असिमी गोईता ने माली की सत्ता पर कब्ज़ा किया है। अफ्रीका में सोने के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक देश के रूप में माली जाना जाता है। लेकिन माली में सुरक्षा और सुव्यवस्था यह मसला हमेशा ही चिंता का विषय बना है। अल कायदा  तथा आईएस से जुड़े आतंकवादी संगठन और कुछ हथियारबंद टोलियाँ माली की सुरक्षा को चुनौती दे रही हैं। इन आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करने के लिए माली ने फ्रान्स की सेना से सहायता ली थी।

अमरीका की अफ़्रीका कमांड यानी आफ्रिकॉम के प्रमुख जनरल स्टिफन टाऊनसेंड ने ‘हाऊस आर्म्ड् सर्व्हिसेस कमिटी’ के सामने हुई सुनवाई में इसकी जानकारी दी। फ्रान्स के 4,300 जवान माली की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई में सहभागी हुए थे। लेकिन माली की लष्करी हुकूमत के प्रमुख कर्नल गोईता फ्रेंच सेना की कार्रवाई पर संतुष्ट नहीं है, ऐसा जनरल टाऊनसेंड ने बताया।

फ्रान्स की सेना माली में आतंकवाद विरोधी संघर्ष में असफल साबित होने की आलोचना गोईता की हुकूमत कर रही है। इस कारण माली की लष्करी हुकूमत ने आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए वॅग्नर इस रशियन कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट जवानों को अपने देश में तैनात किया है, ऐसा टाऊनसेंड ने कहा। वॅग्नर के तकरीबन हजार जवान फ़िलहाल माली में तैनात होने की जानकारी जनरल टाऊनसेंड ने दी।

वॅग्नर के खतरे के संदर्भ में कर्नल गोईता को चेतावनी दी है। सीरिया तथा अन्य देशों की मुहिमों में वॅग्नर के जवानों ने बहुत ही निष्ठुरता पूर्वक कार्रवाई की होने की चेतावनी माली के लष्करी हुकूमत को दी है, ऐसा टाऊनसेंड ने कहा। लेकिन माली की हुकूमत ने अमरीका की सूचना को अनदेखा करके वॅग्नर की तैनाती को अहमियत दी होने की जानकारी जनरल टाऊनसेंड ने अमेरिकन सिनेट के सामने दी।

इसी बीच, पिछले कुछ महीनों से अमरीका का अफ्रीका में प्रभाव कम होता चला जा रहा है, ऐसा दावा किया जाता है। माली की तरह सेंट्रल आफ्रिकन रिपब्लिक इस देश ने भी अमरीका की सलाह नकारकर, रशियन वॅग्नर के साथ सहयोग स्थापित किया है। अमरीका के लष्करी विश्लेषक इस पर गौर फरमा रहे हैं।

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