अमरीका की युद्धनीति को रोकने के लिए रशिया यकायक और व्यापक मात्रा में हवाई हमले करे – रशिया के रक्षाविषयक विशेषज्ञों की सलाह

मास्को/वॉशिंग्टन – अमरीका की बहुक्षेत्रीय युद्धनीति रशिया के अस्तित्व के लिए खतरा है और इसे प्रत्युत्तर देने के लिए लड़ाकू विमान, बॉम्बर्स एवं ड्रोन्स की सहायता से व्यापक मात्रा में हवाई हमले करे, ऐसी आक्रामक सलाह रशिया के रक्षाविषयक विशेषज्ञों ने दी है। एक अंतरराष्ट्रीय फोरम को संबोधित करते समय रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने बीते महीने में ही यह इशारा दिया था कि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष शुरू होगा। इसके बाद कुछ दिनों में ही अमरीका के नए राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने रशिया के विरोध में आक्रामक नीति स्वीकारने के संकेत देकर यूरोप में चार प्रगत ‘बॉम्बर्स’ तैनात करने का निर्णय किया था।

युद्धनीतिरशियन वायुसेना का अंग होनेवाली ‘ज़ेकोवस्कि-गागारीन एअरफोर्स एकैडमी’ द्वारा ‘एरोस्पेस फोर्सेस, थिअरी ऐण्ड प्रैक्टिस’ नामक त्रैमासिक प्रसिद्ध किया जाता है। इस त्रैमासिक में प्राध्यापक स्टुनिन्स्की और कोरोनल्कोव का लेख प्रसिद्ध हुआ है। इस लेख में रशिया ने अमरीका के विरोध में ‘प्री-एम्प्टिव इंडिमिडेशन स्ट्राईक’ का इस्तेमाल करना होगा, यह सलाह दी गई है। अमरिका अपने शत्रुओं के विरोध में ‘मल्टिडोमेन वॉर फायटिंग स्ट्रैटेजी’ विकसित कर रही है।

अमरीका की इस युद्धनीति में हवाईक्षेत्र, समुद्री क्षेत्र, ज़मीन, सायबर क्षेत्र एवं अतंरिक्ष सभी क्षेत्रों का एकसाथ इस्तेमाल करके शत्रु को निष्प्रभ करने की योजना का समावेश है। अमरीका की यह नीति रशिया की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा और घातक खतरा है। इस नीति को प्रत्युत्तर देने के लिए रशिया ने एकसाथ व्यापक मात्रा में हवाई हमले करके शत्रु का भारी नुकसान करना प्रभावी साबित हो सकता है। इसके लिए रशियन रक्षाबल लड़ाकू विमान, ड्रोन्स, मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर और हायपरसोनिक हथियारों का इस्तेमाल करे और अमरीका एवं नाटो को पहला हमला करने से रोके, ऐसी सलाह रशिया के रक्षाविषयक विशेषज्ञों ने प्रदान की है।

युद्धनीतिरशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने बीते कुछ वर्षों से रक्षाबलों के आधुनिकीकरण पर जोर दिया है। रशिया ने इसके तहत नई तकनीक का इस्तेमाल होनेवाली कई रक्षा यंत्रणा एवं प्रगत परमाणु अस्त्रों का भी विकास किया है। रशिया ने बीते वर्ष ही अपनी परमाणु अस्त्र से संबंधित नीति में भी बदलाव किया है। साथ ही रशिया पर लगाए जा रहे प्रतिबंध एवं सायबर हमलों के विरोध में भी पुतिन ने आक्रामक भूमिका अपनाई है। ऐसी व्यापारी कठिनाई, अवैध आर्थिक एवं तकनीक संबंधी और जानकारी से संबंधित प्रतिबंध लष्करी कार्रवाई को आमंत्रित कर सकते हैं, यह इशारा भी पुतिन ने हाल ही में दिया था।

इस पृष्ठभूमि पर रशियन विशेषज्ञों ने ‘प्री-एम्प्टिव इंटिमिडेशन स्ट्राईक’ की सलाह देने की खबर प्रसिद्ध होना ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित होता है।

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