ईरान को परमाणु समझौते का अंतिम प्रस्ताव दिया गया है

वियना – ईरान और यूरोपिय महासंघ के अधिकारियों में वियना में हुई बैठक में साल २०१५ के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए और एक कोशिश की गई। महासंघ ने ईरान के सामने परमाणु समझौते से जुड़ा आखरी प्रस्ताव दिया है। ईरान ने इस पर अपना निर्णय बताना है। इस प्रस्ताव में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा, ऐसे स्पष्ट शब्दों में यूरोपिय महासंघ ने ईरान को इशारा दिया। ईरान ने इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन, इस खबर की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ईंधन की कीमत की गिरावट आई है और यह सूचक बात है।

पिछले हफ्ते यूरोपिय महासंघ ने ईरान और अमरीका के परमाणु समझौते पर बातचीत करने के लिए नए से गुहार लगाई थी। इसके बाद अमरीका और ईरान के प्रतिनिधि वियना की बैठक में अप्रत्यक्षरूप से शामिल हुए। यूरोपिय महासंघ के वरिष्ठ राजनीतिक अधिकारी जोसेफ बोरेल ने मंगलवार को इस बैठक के बाद अमरीका और ईरान के सामने परमाणु समझौते के मुद्दे पर प्रस्ताव रखा। यह आखरी प्रस्ताव है और ईरान और अमरीका इस पर तुरंत अपना निर्णय बताएं, ऐसे स्पष्ट शब्दों में बोरेल ने दोनों देशों को इशारा दिया।

‘इस परमाणु समझौते के प्रस्ताव में आवश्यक सभी मुद्दे शामिल किए गए हैं। अभ अमरीका और ईरान के नेतृत्व को इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लेना है। जवाब हां या ना के स्वरूप में होना चाहिये क्योंकि, इस प्रस्ताव में किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा’, ऐसे सख्त शब्दों में बोरेल के दफ्तर ने ईरान को चेतावनी दी। अमरीका और ईरान इस पर शीघ्र निर्णय लें, यह भी बोरेल ने सुझाया है।

महासंघ के इस प्रस्ताव के मुद्दों या माँगो को लेकर किसी भी तरह का खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन, यूरोपिय महासंघ ने परमाणु समझौते को लेकर काफी सख्त भूमिका अपनाने का दावा अंतरराष्ट्रीय माध्यम कर रहे हैं। इस प्रस्ताव का अध्ययन किया जा रहा है, ऐसा ईरान के विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने नाम सार्वजनिक ना करने की शर्त पर कहा। साथ ही जल्द ही इस प्रस्ताव पर हमारा निर्णय और माँगें बतायी जाएंगी, ऐसा इस ईरानी अधिकारी ने स्पष्ट किया। लेकिन, महासंघ इस प्रस्ताव पर किसी भी तरह का बदलाव या सुधार करने के लिए तैयार ना होने का दावा किया जा रहा है। परमाणु समझौते के लिए उत्सुक बायडेन प्रशासन से भी इस नए प्रस्ताव पर बयान आने की उम्मीद है।

इसी बीच, यूरोपिय महासंघ ने परमाणु समझौते के आखरी प्रस्ताव का ऐलान करके ईरान पर दबाव बनाने के संकेत दिए हैं। लेकिन, ईरान इस ‘झूठे दबाव’ को भी बर्दाश्त नहीं करेगा, ऐसा दावा इस्रायल ने किया। महासंघ का प्रस्ताव भी ईरान द्वारा स्वीकारे जाने की संभावना काफी कम है, ऐसा इस्रायली अधिकारी का कहना है। लेकिन, परमाणु समझौते की यह कोशिश भी यदि नाकामयाब होती है तो बायडेन प्रशासन को काफी बड़ा झटका लग सकता है।

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