अमरीका फिर से ‘शटडाऊन’ की दहलीज पर – लगातार तीसरें वर्ष अमरिकी परिवारों की आय हुई कम

वॉशिंग्टन – अमरिकी संसद में खर्च का विधेयक पारति ना होने से देश पर फिर से ‘शटडाऊन’ का संकट टूटने का ड़र जताया जा रहा है। अमरिकी प्रशासन कर रहें खर्चे के मुद्दे पर रिपब्लिकन पार्टी के एक गुट ने आक्रामक भूमिका अपनाई है और जिस में पार्टी के रणनीतिक प्रावधान नहीं हैं, ऐसे किसी भी विधेयक को पारित नहीं होने देंगे, ऐसी धमकी भी दी है। कुछ महीने पहले ही अमरिकी संसद ने कर्ज मर्यादा के मुद्दे पर उभरने वाले संकट को कामयाबी से टाला था। लेकिन, अब फिर से ‘शटडाऊन’ के संकेत प्राप्त हो रहे हैं और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर होगा, ऐसी चेतावनी विश्लेषकों ने दी है। 

‘शटडाऊन’अमरिकी प्रशासन का वित्तीय वर्ष ३० सितंबर को खत्म होता हैं और नया वर्ष १ अक्टूबर से शुरू होता है। इस कारण से विभिन्न विभागों ने खर्चे के लिए पेश किए विधेयक ३० सितंबर से पहले पारित होना आवश्यक होता है। ऐसा न होने पर सरकारी विभागों का काम ठप हो जाता है और इसका असर अमरिकी अर्थव्यवस्था पर होता है। कुछ महीने पहले अमरिकी संसद में कर्ज मर्यादा के मुद्दे पर जमकर राजनीतिक विवाद हुआ था। अमरिकी वित्त मंत्री जैनेट येलेन ने १ जून के बाद अमरीका अपना बकाया अदा नहीं कर सकेगी और इससे ‘डिफॉल्टर’ घोषित होगी, ऐसी चेतावनी दी थी। लेकिन, कर्ज मर्यादा बढ़ाने में कामयाब होने से अमरीका के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था का बड़ा संकट हट गया था। 

‘शटडाऊन’लेकिन, अब खर्चे के मुद्दे पर शुरू हुई सियासी जंग ने अमरिकी और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर फिर से संकट के बादल मंड़राने लगे है। शासक डेमोक्रैटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों ने किसी भी मुद्दे से पीछे न हटने के संकेत देना अभी से शुरू किया है। ऐसे में दोनों पार्टी के संसदिय प्रमुखों ने ‘स्टॉपगैप फंडिंग’ यानी फिलहाल की आर्थिक ज़रूरत पुरी करने के लिए ज़रूरी हल निकालने के लिए ज़रूरी गतिविधियां शुरू की हैं।

इससे पहले वर्ष २०१८ में उस समय के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में अमरीका पर बड़े ‘शटडाऊन’ का संकट टूटा था। कुल ३४ दिनों तक अमरिकी प्रशासन के कारोबार ठप हुआ पड़ा था। सरकारी विभाग के कई कर्मचारियों के साथ उनके परिवारजनों को भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था। वह ‘शटडाऊन’ अमरिकी इतिहास का सबसे बड़ा ‘शटडाऊन’ कहा जाता हैं। 

‘शटडाऊन’इसी बीच, एक ओर अमरिकी प्रशासन का ‘शटडाऊन’ होने के संकेत मिल रहे हैं और तभी दूसरी ओ आम अमरिकी नागरिकों की आर्थिक स्थिति अधिक बिगड़ती देखी जा रही है। पिछले डेढ़ सालों में अमरीका के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों की लगातार बढ़ोतरी की है। साथ ही दूसरी ओर महंगाई का उछाल जारी है। ऐसी स्थिति में अमरिकी परिवारों की आय में लगातार तीसरे वर्ष कमी होती देखी गई है। वर्ष २०२२ में अमरिकी परिवार की औसत आय ७४,५८० डॉलर तक कम हुई है। वर्ष २०२१ में इसकी २.३ प्रतिशत गिरावट हुई। आय कम होने के साथ ही क्रेडिट कार्ड के कर्जे की मात्रा तेज़ी से बढ़ रही हैं। इस वर्ष की दुसरी तिमाही में अमरिकी परिवारों के ‘क्रेडिट कार्ड डेब्ट्’ कुल ४३ अरब डॉलर बढ़ता देखा गया है।

इस पृष्ठभूमि पर अमरीका की शीर्ष वित्तीय संस्था ‘सिटी बैंक’ ने यह अनुमान व्यक्त किया है कि, अगले वर्ष अमरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.