रक्षामंत्री शांग फू के गायब होने के बाद चीन में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों पर शिकंजा

टोकियो – चीन के विदेश मंत्री क्वीन गैन्ग गायब होने के बाद मात्र कुछ ही महीनें बाद चीन के रक्षा मंत्री के गायब होने के बाद विश्व भर में उल्टी पुल्टी चर्चा शुरू हुई है। रक्षा मंत्री शांग फू लापता होने की खबरें सामने आने के दो दिन नहीं हुए तभी चीन के रक्षा मंत्रालय के विभिन्न विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की गिरफ्तारी होने की जानकारी सामने आ रही है। इसमें अंतरिक्ष विज्ञान एवं उड्डयन विभाग के प्रमुखों का समावेश होने का दावा किया जा रहा है। राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने ही नियुक्त किए अधिकारियों पर यह कार्रवाई हो रही हैं और इस वजह से चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत और राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के बीच संघर्ष होता दिख रहा है।

रक्षामंत्री शांग फू के गायब होने के बाद चीन में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों पर शिकंजाचीन के रक्षा मंत्रालय के ‘चाइना एरोस्पेस सायन्स ॲण्ड इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन’ के अध्यक्ष युआन झे, ‘चाइना एविएशन इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन’ के अध्यक्ष टैन रुसाँग एवं ‘चाइना नॉर्थ इंडस्ट्रीज्‌ कॉर्पोरेशन’ के अध्यक्ष ली शिकुआन और जनरल मैनेजर शेन गुओईंग को गिरफ्तार किया गया है। पिपल्स लिबरेशन आर्मी के विशेष दल ने इन अधिकारियों पर कार्रवाई की। संबंधित अधिकारियों पर भ्रष्टाचार करने के आरोप होने का दावा किया जा रहा है।

राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने ही वर्ष २०१७ में भ्रष्टाचार विरोधी विशेष मुहीम शुरू की थी। इसके तहत जिनपिंग ने चीन के राजनीतिक एवं उद्यमियों पर बड़ी कार्रवाई की गई थी। कम्युनिस्ट पार्टी के पुराने घरानों से जुड़े सदस्यों को राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने नज़रबंद किया था। इस वजह से कम्युनिस्ट पार्टी में नाराज़गी व्यक्त की गई थी। राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार विरोधी नहीं, बल्कि अपने विरोधियों के खिलाफ होने का आरोप लगाया गया था।

कुछ महीने पहले ही राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने कम्युनिस्ट पार्टी के वफादार ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ के भ्रष्टाचार के विरोध में भी इसी तरह की कार्रवाई करने का ऐलान किया। रक्षा मंत्री ली शांग फू को उनके गायब होने के पीछे भी ऐसी ही कार्रवाई होने का दावा किया जा रहा है। रक्षा मंत्री होने से पहले शांग फू पर चीन के रक्षा सामान विभाग का ज़िम्मा था। शांग फू के नेतृत्व में इस विभाग में बड़ा भ्रष्टाचा होने की बात सामने आने के बाद उन्हें गायब किया गया है, ऐसा दावा किया जा रहा है। अन्य सैन्य अधिकारियों के खिलाफ भी इसी के तहत कार्रवाई होने की संभावना जताई जा रही है।

लेकिन, कुछ महीनें पहले राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने ही शांग फू एवं अन्य सैन्य अधिकारियों की नियुक्ति की थी, इसपर विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। शांग फू यह जिनपिंग के करीबी जाने जाते थे। इस नई नियुक्ति के साथ जिनपिंग ने पिपल्स लिबरेशन आर्मी पर पकड़ मज़बूत करने की खबरें प्राप्त हुई थी। इस वजह से शांग फू और अन्य सैन्य अधिकारियों पर कार्रवाई करके कम्युनिस्ट पार्टी के विरोधियों ने राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग को बड़ा झटका दिया गया है, ऐसा दावा किया जा रहा है।

पिछले दो सालों में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने पूर्व राष्ट्राध्यक्ष हु जिंताओ एवं प्रसिद्ध उद्यमि जैक मा के खिलाफ भी कार्रवाई करने की बात स्पष्ट हुई थी। कम्युनिस्ट पार्टी की सालाना बैठक से जिंताओ के पकड़कर बाहर निकाला गया था। राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के अंगरक्षकों ने ही यह कार्रवाई की थी। इसके बाद ही कम्युनिस्ट पार्टी के पुराने एवं वरिष्ठ नेताओं के साथ जिनपिंग के सूर न मिलने की चर्चा शुरू हुई थी।

इसी बीच, राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग अब चीन में पहले उतने ताकतवर नहीं रहे, ऐसे दावे अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं। कोरोना की महामारी के दौर में जिनपिंग ने अपनाई गलत नीति की वजह से चीन की अंतरराष्ट्रीय छवि को बड़ा नुकसान पहुंचा हैं। इससे चीन बाहर नहीं निकल सका है और इस देश की निर्यात लगातार चार महीनों से गोते खा रही हैं। रिकार्ड स्तर की बेरोज़गारी और महगाई की वजह से चीन की जनता जिनपिंग पर बड़ी गुस्सा हुई हैं और चीनी जनता के असंतोष को अनदेखा करना कम्युनिस्ट पार्टी के लिए भी कठिन हो रहा हैं। अपने पीछे देश में सियासी बगावत हो सकती हैं, इस चिंता के कारण जिनपिंग देश छोड़ने के लिए भी तैयार नहीं हैं, ऐसा दावा किया जाता है।

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