संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा ‘एआई’ संबंधित नियम तय करने के लिए सलाहकार गुट का ऐलान – गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, ओपन एआई और सोनी जैसी कंपनियों का समावेश

वॉशिंग्टन – आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स (एआई) तकनीक का इस्तेमाल और इसके नियंत्रण के मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर शुरू गतिविधियां तेज़ हुई है। कुछ दिन पहले अमेरिकी संसद ने ‘एआई’ के मुद्दे पर बैठक का आयोजन किया था। ब्रिटेन ने विश्व के पहले ‘एआई सेफ्टी समिट’ का ऐलान किया था। अब संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी पहल की हैं और इससे संबंधित सलाहकार गुट गठित करने का ऐलान किया है। इसमें  गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और सोनी जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ यूएई और स्पेन के मंत्री एवं विभिन्न देशों के वरिष्ठ प्रशासकीय सलाहकारों को शामिल किया गया है।

पिछले कुछ सालों में ‘एआई’ तकनी का इस्तेमाल, उसके परिणाम और इससे होने वाले खतरे के मुद्दे पर पूरे विश्व में बड़ी चर्चा हो रही है। पिछले साल ‘चैट जीपीटी’ के रूप में ‘जनरेटिव एआई’ का एक रूप सामने आने के बाद ‘एआई’ के खतरे को लेकर लगातार चेतावनी दी जा रही है। मार्च महीने में अमेरिका स्थित ‘फ्युचर ऑफ लाईफ इन्स्टीट्यूट’ नामक अभ्यास गुट ने आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स क्षेत्र के खतरे को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए खुला पत्र लिखा था।

एआई क्षेत्र के विशेषज्ञ एलिझर युडकोवस्की ने यह चेतावनी दी थी कि, यदि मानव ने ‘सुपरह्युमन’ की तरह बुद्धिमत्ता रखने वाले ‘स्मार्ट आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स’ का विकास किया तो पृथ्वी पर मानव जाती का विनाश अटल होगा। इसके अलावा इस क्षेत्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक जॉफ्रे हिन्नटन ने भी यह आवाहन किया था कि, विश्व के सभी देशों ने साथ मिलकर यह ध्यान रखे कि, ‘एआई’ मानवी समाज पर नियंत्रण न पा सके। अमेरिका के ज्येष्ठ कुटनीतिक हेन्री किसिंजर ने यह ड़र जताया है कि, एआई तकनीक की वजह से अगले कुछ सालों में मावन का स्थान मशिन्स हथियाएंगे।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इसी दिशा में गतिविधियां शुरू करने की जानकारी कुछ महीने पहले सामने आयी थी। जून महीने में संयुक्त राष्ट्र संघ के वरिष्ठ अधिकारियों ने ‘एआई’ का परमाणु अस्त्र में हो रहे इस्तेमाल को लेकर खतरे की चेतावनी दी थी। इसके बाद अगस्त महीने में राष्ट्र संघ ने वैश्विक स्तर पर ‘एआई’ प्रौद्योगिकी के लिए नियमों का दायरा तय करने की ज़रूरत स्पष्ट करके विशेषज्ञ सहायता करें, ऐसी गुहार लगाई थी। इसपर सूचना और सिफारिशें प्राप्त होने के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने ३९ लोगों के व्यापक सलाहकार गुट का गठन करने का ऐलान किया है।

इसके साथ ही राष्ट्र संघ ने भी ‘एआई’ संबंधित अगले कार्यक्रम का ऐलान किया है। इसके अनुसार नवंबर महीने में इस मुद्दे पर विशेषज्ञों की चर्चा और बैठक होगी। साल के अन्त तक ‘एआई गवर्नन्स लैण्डस्केप’ नामक एक रपट पेश की जाएगी। वर्ष २०२४ की पहली तिमाही में इस रपट पर वैश्विक स्तर की चर्चा करके अंतिम रपट जारी की जाएगी। सितंबर २०२४ में ‘समिट ऑफ फ्युचर’ का आयोजन किया जाएगा और इसमें ‘एआई’ के दायरे को लेकर निर्णय होने की उम्मीद संयुक्त राष्ट्र संघ ने बयान की है।

इसी बीच, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषी सुनाक ने ‘एआई’ प्रौद्योगिकी का नियमन करने से पहले इस तकनीक को पुरी तरह से समझने की ज़रूरत बयान की है। एआई के लिए दायरा तय करने की जल्दबाज़ी करना आवश्यक नहीं हैं, यह आवाहन भी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने किया है।

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