ब्रिटेन ने भारत को दिया ‘जी-७’ परिषद का न्यौता

नई दिल्ली – ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने देश में हो रही ‘जी-७’ परिषद में उपस्थित रहने के लिए भारत के प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है। साथ ही इससे पहले प्रधानंमत्री बोरिस जॉन्सन भारत की यात्रा भी करेंगे। इससे संबंधित जानकारी साझा होने के दौरान ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भारत में निर्माण किए गए कोरोना वैक्सीन की सराहना की है। विश्‍वभर में आवश्‍यक कुल वैक्सीन में से ५० प्रतिशत से अधिक वैक्सीन भारत में तैयार होती है, यह दाखिला देकर प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने भारत को विश्‍व की ‘फार्मसी’ करार दिया है।

जनवरी २६ को गणतंत्र दिवस समारोह के लिए प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन उपस्थित रहना तय हुआ था। लेकिन, ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण दुबारा तेज़ होने से ‘इमर्जन्सी’ घोषित की गई है। ऐसी स्थिति में देश छोड़ना मुमकिन नहीं है और इसी वजह से हम भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के लिए उपस्थित नहीं हो पाएंगे, यह संदेश ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने पहुँचाया था। इसके कुछ दिन बाद ही ब्रिटेन ने ‘जी-७’ परिषद के लिए भारतीय प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है।

अमरीका, कनाड़ा, ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी, इटली और जापान ‘जी ७’ के सदस्य देश हैं। इस परिषद के लिए प्रधानमंत्री मोदी को प्राप्त हुआ न्यौता भारत की अहमियत रेखांकित करता है। जून में इस परिषद का आयोजन होगा। कोरोना की महामारी के बाद अधिक उत्तम, पर्यावरणपूरक एवं समृद्ध भविष्य का उद्देश्‍य प्राप्त करना कैसे संभव होगा, इस विषय पर ‘जी-७’ के सदस्य देश और निमंत्रित देशों की चर्चा होगी। भारत में स्थित ब्रिटीश उच्चायुक्तालय ने यह जानकारी साझा की। प्रधानमंत्री मोदी के साथ ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्रियों को भी ब्रिटेन में हो रही इस ‘जी-७’ परिषद का न्यौता दिया गया है।

इसी बीच, इस परिषद से पहले प्रधानमंत्री जॉन्सन भारत की यात्रा करेंगे, यह जानकारी भी ब्रिटीश उच्चायुक्तालय ने साझा की है। इसके साथ ही भारत को इस परिषद के लिए आमंत्रित करके प्रधानमंत्री जॉन्सन ने भारत ने विकसित किए कोरोना के वैक्सीन का दाखिला देकर भारत की सराहना भी की। भारत, विश्‍व की ‘फार्मसी’ है, इन शब्दों में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भारत की सराहना की है। ‘विश्‍वभर में आवश्‍यक कुल वैक्सीन में से ५० प्रतिशत से अधिक वैक्सीन का निर्माण भारत में होता है। कोरोना की महामारी के दौरान भारत और ब्रिटेन ने एक-दूसरे की सहायता की थी’, यह बयान भी प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने किया।

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