फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने रशिया संबंधित किए बयान पर यूक्रेन की आलोचना

पैरिस/मास्को/किव – ‘यूक्रेन युद्ध के दौरान रशिया को अवमानित ना करें। संघर्ष बंद होने के बाद राजनीतिक मार्ग से रशिया से फिर से संबंध स्थापित करने का मार्ग खुला रखना आवश्यक है’, ऐसी सलाह फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने दी। मैक्रॉन के इस बयान पर यूक्रेन का तीव्र बयान प्राप्त हुआ है। रशिया का अपमान करने से दूर रहें, यह आवाहन कर रहे फ्रान्स ने स्वयं को अपमानित किया है, ऐसी आलोचना यूक्रेन के विदेशमंत्री दिमित्रो कुलेबा ने की है।

फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने शुक्रवार को फ्रेंच माध्यमों को साक्षात्कार के दौरान रशिया-यूक्रेन युद्ध पर अपनी भूमिका रखी। इस युद्ध में फ्रान्स की भूमिका मध्यस्थता करने वाले देश की है, ऐसा मैक्रॉन ने स्पष्ट किया। ‘रशिया और यूक्रेन का संघर्ष व्यापक युद्ध में तब्दील ना हो, इसके लिए हमने काफी समय और ताकत खर्च की है। दिसंबर से हमने पुतिन से कई बार चर्चा की है और इसके मुद्दे भी अब हमारे ध्यान में नहीं हैं। हम कम से कम १०० घंटे रशियन राष्ट्राध्यक्ष से बातचीत कर चुके हैं। यह बातचीत यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की की बिनती से की गई थी’, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने कहा।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष के साथ हुई बातचीत में हमने यूक्रेन पर हमला उनकी ऐतिहासिक भूल होने की बात बारबार कही थी, इसका अहसास भी फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने कराया। यूक्रेन पर हमले की वजह से रशिया और राष्ट्राध्यक्ष पुतिन अलग और अकेले हुए हैं, यह दावा भी मैक्रॉन ने किया। लेकिन, स्थिति कैसी भी हो, युद्ध का बड़ा विस्फोट होने से रोकना ही होगा, ऐसा कहकर फ्रान्स आगे भी मध्यस्थता की कोशिश करता रहेगा, ऐसे संकेत फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने दिए।

राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन के इस बयान पर यूक्रेन का तीव्र बयान सामने आया है। ‘रशिया का अपमान करने से दूर रहें, यह आवाहन कर रहे फ्रान्स ने स्वयं को और ऐसी भूमिका रखनेवाले अन्य देशों को भी अपमानित किया है। क्योंकि, रशिया को अपमानित करने का काम रशिया स्वयं ही कर रही है। रशिया को उसकी औकात दिखाना ही हमारा काम है। इससे शांति बनी रहेगी और कई लोगों के प्राणों की रक्षा होगी’, इन शब्दों में यूक्रेन के विदेशमंत्री कुलेबा ने फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष की आलोचना की। यूक्रेन के अलावा अमरीका के कुछ सांसदों ने भी फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष के बयान पर नाराज़गी जतायी है।

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