रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन को फिर से ‘सोवियत युनियन’ का निर्माण करना है – अमरिकी विदेशमंत्री का आरोप

वॉशिंग्टन/मास्को – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन को फिर से सोवियत युनियन का निर्माण करना है, यह आरोप अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने लगाया। अमरीका यह बात कभी बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी और अंतरराष्ट्रीय समूदाय ने भी इसका गंभीर संज्ञान लेना चाहिये, यह इशारा भी ब्लिंकन ने इस दौरान दिया। सोमवार को यूक्रैन के मुद्दे पर अमरीका और रशिया की चर्चा से पहले यह बयान सामने आया था।

soviet-union-russia-us-1कुछ वर्ष पहले अमरीका के पूर्व रक्षामंत्री लिऑन पैनेटट्टा ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की पुराने रशियन संघराज्य (यूएसएसआर) का फिर से गठन करने की महत्वाकांक्षा का इशारा दिया था। रविवार को अमरिकी समाचार चैनल ‘सीएनएन’ को दिए साक्षात्कार के दौरान विदेशमंत्री ब्लिंकन से पैनेट्टा के बयान का दाखिला देकर सवाल पूछा गया। ब्लिंकन ने पूर्व रक्षामंत्री के इस इशारे का समर्थन करके रशियन संघराज्य का निर्माण पुतिन का ध्येय होने का दावा किया। रशियन संघराज्य का हिस्सा होनेवाले देशों में फिर से प्रभावक्षेत्र तैयार करने के लिए पुतिन की गतिविधियाँ जारी होने का आरोप भी ब्लिंकन ने इस दौरान लगाया।

‘इस तरह से प्रभावक्षेत्र का निर्माण करना ही अस्थिरता और संघर्ष को बढ़ावा देनेवाली हरकत है और इससे विश्‍वयुद्ध भी छिड़ सकता है। इसलिए अमरीका ऐसे प्रभावक्षेत्र कभी बर्दाश्‍त नहीं करेगी’, यह इशारा भी विदेशमंत्री ब्लिंकन ने दिया। यूक्रैन के मुद्दे पर निर्माण हुआ तनाव कम करने के लिए अमरीका हर तरह की कोशिश करने के लिए तैयार है लेकिन, सामने से जवाब मिलेगा तभी यह मुमकिन होगा, यह दावा भी उन्होंने किया है। सोमवार को रशिया के साथ होनेवाली चर्चा से पुख्ता अनुमान निकलने की संभावना कम होने के संकेत भी अमरिकी विदेशमंत्री ने दिए। यूक्रैन के सिर पर बंदूक रखकर उकसाने की कोशिश हो रही है, यह आरोप भी उन्होंने लगाया।

१९२०-३० के दशक में गठित किए गए रशियन संघराज्य में रशिया समेत १५ देशों का समावेश था। दूसरे विश्‍वयुद्ध के बाद अमरीका और रशियन संघराज्य के बीच हुए शीतयुद्ध के बाद वर्ष १९९१ में रशियन संघराज्य का विघटन हुआ था। इसके बाद के दौर में अमरीका और यूरोपिय देशों ने नाटो के माध्यम से संघराज्य के कुछ देशों को अपनी ओर करने में सफलता हासिल की। इसके साथ ही दूसरी ओर रशिया ने ‘कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेटस्‌’ गुट के माध्यम से विघटित देशों में से आठ देशों को अपने प्रभावक्षेत्र में लेने की कोशिश भी की।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन इन देशों में प्रभाव अधिक बढ़ाने के लिए कोशिश कर रहे हैं, यह दावा अमरीका के साथ पश्‍चिमी देश भी कर रहे हैं। लेकिन, यूक्रैन, जॉर्जिया, इस्टोनिया, लिथुआनिया और लाटविया ने इसमें शामिल होने से इन्कार किया था।

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