यूक्रैन युद्ध की वजह से वैश्‍विक अर्थव्यवस्था मे अनिश्‍चितता बढ़ी – अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष का इशारा

वॉशिंग्टन – यूक्रैन युद्ध की वजह से वैश्‍विक अर्थव्यवस्था की अनिश्‍चितता अधिक ही बढ़ी है। इस अनिश्‍चितता के असर से वैश्‍विक अर्थव्यवस्था की गति धीमी होने की संभावना अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने जताई हैं। अगले कुछ दिनों में मुद्राकोष ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक आऊटलूक २०२२’ रपट जारी कर रही हैं। इस पृष्ठभूमि पर दिया गया यह इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

मुद्राकोष ने अपनी वेबसाईट पर जारी किए ‘ब्लॉगपोस्ट’ में अनिश्‍चितता और वैश्‍विक मंदी का इशारा दिया है। ‘यूक्रैन युद्ध की तीव्रता बढ़ रही हैं और इसी बीच वैश्‍विक अर्थव्यवस्था की अनिश्‍चितता भी बढ़ने लगी हैं। यह बढ़ती अनिश्‍चितता आर्थिक बढ़ोतरी के लिए काफी बुरे संकेत हैं। अनिश्‍चितता में हुई बढ़ोतरी उत्पादन पर असर कर सकती हैं। पहले तीन महीनों में ही निर्माण हुई अस्थिरता की वजह से वैश्‍विक अर्थव्यवस्था को ०.३५ प्रतिशत नुकसान पहुँचेगा’, यह चिंता मुद्राकोष ने व्यक्त की। इससे पहले ९/११ का आतंकी हमला, साल २०१६ में ‘ब्रेक्ज़ीट’ के लिए हुआ मतदान और कोरोना की महामारी के दौरान वैश्‍विक अनिश्‍चितता में इज़ाफा हुआ था, इसका अहसास भी कराया गया हैं।

वेबसाईट पर जारी किए लेख से दिए इशारे से पहले मुद्राकोष के प्रमुख ने भी वैश्‍विक अर्थव्यवस्था को लग रहे झटकों की ओर ध्यान आकर्षिथ किया हैं। ‘रशिया ने यूक्रैन के खिलाफ शुरू किए युद्ध के कारण विश्‍व के अधिकांश देशों का आर्थिक भविष्य कमज़ोर हुआ हैं। साथ ही महंगाई ने विक्राळ रुप लिया हैं और यह महंगाई वैश्‍विक अर्थव्यवस्था के सामने का सबसे बड़ा खतरा बनता हैं’, ऐसा इशारा मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्तालिना जॉर्जिवा ने दिया।

‘रशिया-यूक्रैन युद्ध की वजह से ईंधन और वैश्‍विक स्तर पर अनाज़ के व्यापार को बड़ा नुकसान पहुँचा हैं। इससे अफ्रीका के साथ खाड़ी देशों में भारी मात्रा में अनाज़ की किल्लत का सामना करने के आसार हैं। विश्‍व के १४३ देशों के आर्थिक विकास दर की गिरावट होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं’, यह भी मुद्राकोष के प्रमुख ने दर्ज़ किया। रशिया-यूक्रैन युद्ध की वजह से वैश्‍विक अर्थव्यवस्था की भू-राजनीतिक गुटों में टुकड़े होने का ड़र हैं, यह इशारा भी मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्तालिना जॉर्जिवा ने दिया।

इस दौरान उन्होंने महंगाई के विस्फोट पर भी ध्यान आकर्षित किया। प्रचंड़ गति से बढ़ रही महंगाई ने वैश्‍विक अर्थव्यवस्था सामान होने की प्रक्रिया को नुकसान पहुँच रहा हैं, यह चेतावनी भी मुद्राकोष की प्रमुख ने दी।

चीन की आर्थिक रपट के बाद अमरीका और एशियाई शेअर बाज़ारों में गिरावट

बीजिंग – कोरोना के विस्फोट को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाऊन ने चीन के आर्थिक विकास दर को नुकसान पहुँचाया है। साल २०२२ के पहले तीमाही रपट में चीन की अर्थव्यवस्था ने ४.८ प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज़ की है। शासक कम्युनिस्ट हुकूमत ने साल २०२२ के लिए तय किए लक्ष्य की तुलना में यह काफी बड़ी गिरावट है। इसकी गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई पड़ी है और एशिया एवं अमरीका के शेअर निदेशांक में गिरावट देखी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.