शांति के लिए यूक्रेन रशिया को भूभाग देने की तैयारी करे – जेष्ठ अमरिकी कुटनीतिक हेन्री किसिंजर

हेन्री किसिंजरडेवोस – ‘यूक्रेन ने अब तक दिखाए धैर्य को वह थोड़ी सी अकलमंदी का जोड़ करेंगे, ऐसी उम्मीद है। वर्तमान में जारी रशिया-यूक्रेन युद्ध में शांति समझौते के लिए कोशिश करनी हो तो यूक्रेन ने अपना थोड़ासा भूभाग रशिया को देना होगा’, ऐसी सलाह अमरीका के ज्येष्ठ कूटनीतिक हेन्री किसिंगजर ने दी। पश्‍चिमी देश यूरोप में रशिया का ताकतवर स्थान भूलकर भावना के आवेग में ना बहें, ऐसा करना घातक साबित होगा, ऐसी फटकार भी किसिंजर ने पश्‍चिमी देशों को लगायी है।

हेन्री किसिंजरडेवोस की ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ की बैठक में बोलते समय किसिंजर ने यूक्रेन और पश्‍चिमी देश रशिया की ताकत भूल गए हैं और युद्ध लंबा चला रहे हैं, ऐसा आरोप लगाया। ‘रशिया का मानहानीकारक पराभव करने के इरादे पश्‍चिमी देशों ने दूर करने होंगे। पश्‍चिमी देश फिलहाल भावना के आवेग में बहते जा रहे हैं। यूरोप की सत्ता संतुलन में रशिया का स्थान कौनसा है, यही वे भूल गए हैं। युद्ध अभी अधिक देर चलाना नहीं चाहिये। यूक्रेन ने अगले दो महीनों में बातचीत शुरू करनी होगी, बड़ी उथल-पुथल और नए तनाव निर्माण होने से पहले चर्चा शुरू होनी चाहिये’, ऐसा सुझाव किसिंजर ने दिया।

एक मर्यादा के आगे युद्ध जारी रखने के लिए अड़े नहीं रहना चाहिये। ऐसा हुआ तो वह रशिया के खिलाफ छिड़ी नई जंग साबित होगी, यह चेतावनी भी अमरिकी कूटनीतिक ने दी। इस दौरान किसिंजर ने पश्‍चिमी देशों को रशिया का यूरोप में होनेवाले स्थान का भी अहसास कराया। ‘पिछले चार सदियों से अधिक समय से रशिया यूरोप का अभिन्न अंग है। यूरोपिय नेता रशिया से लंबे समय से चलते आ रहे संबंधों को अनदेखा करने की भूल ना करें। ऐसा किया तो रशिया-चीन का स्थायी गुट तैयार होने का खतरा है’, इस पर जेष्ठ अमरिकी कूटनीतिक हेन्री किसिंजर ने ध्यान आकर्षित किया।

हेन्री किसिंजररशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के साथ ही अधिकांश पश्‍चिमी नेता और कूटनीतिक रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने शुरू किए यूक्रेन युद्ध पर तीखे शब्दों में आलोचना कर रहे हैं। यूक्रेन पर हमला करनेवाले पुतिन को सबक सिखाना होगा और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समूदाय को यूक्रेन की हर संभव सहायता करनी होगी, ऐसा स्वर पश्‍चिमी देशों ने लगाए रखा है। यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की ने भी डेवोस की बैठक में पुतिन को जरुरत से ज्यादा आवाहन किया। इस पृष्ठभूमि पर किसिंजर जैसे अनुभवी और जेष्ठ कूटनीतिक ने यूक्रेन समेत पश्‍चिमी देशों को सुनाए हुए तीखे बोल ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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