यूक्रेन में हथियारों की तस्करी से इस्रायल की सुरक्षा को खतरा

किव – रशिया के खिलाफ युद्ध के लिए अमेरिका एवं पश्चिमी राष्ट्रों द्वारा युक्रेन को बडे पैमाने पर की जानेवाली शस्त्रास्त्रों की आपूर्ति (ओवरफ्लो) ’टाईम बम’ में परिवर्तित हो रही है। पश्चिमी राष्ट और युक्रेन की प्रणाली का शस्त्रास्त्रों पर नियंत्रण ना होने के कारण इनमें से शस्त्रास्त्रों की विश्वभर के काले बाज़ार में तस्करी शुरु होने लगी है। उक्त शस्त्रास्त्र ईरान संलग्न आतंकी संघठनों के हाथ लग जाएं तो इससे इस्रायल की ही सुरक्षा खतरे में पड जाएगी, ऐसा इशारा अमेरिकन जर्नल ने दिया है। 

रशिया ने युक्रेन पर किए हुए हमलों की आलोचना करके अमेरिका एवं पश्चिमी राष्ट्रों ने युक्रेन को लश्करी सहायता शुरु की है। पिछले साढेचार महीनों के इस संघर्ष में अकेले अमेरिका ने युक्रेन को 7.3 अरब डॉलर्स की लश्करी सहायता की है। तो बायडेन प्रशासन बहुत जल्द युक्रेन के लिए 40 करोड डॉलर्स लश्करी सहायता पर हस्ताक्षर करेगा।

पर युक्रेन को दी जानेवाली इस लश्करी सहायता पर अमेरिका में ही खिंचाई हो रही है। अमेरिका एवं पश्चिमी राष्ट्र युक्रेन को जरुरत से ज्यादा लश्करी सहायता प्रदान कर रहे हैं, ऐसी आलोचना ’द वॉशिंगटन पोस्ट’ नामक अमेरिकन दैनिक ने ही कुछ दिनों पूर्व की था। तो युक्रेन की प्रणालियां पश्चिमी राष्ट्रों से पाई जाने वाली लश्करी सहायता का सुराग नहीं लगा पाते, ऐसा दावा स्टिमसन सेंटर नामक अमेरिकन अध्ययन मंड़ल ने किया था।

युक्रेन के लिए भेजे गए शस्त्रास्त्र तस्करों के हाथ लग रहे हैं, इसकी भी दखल युरोपिय महासंघ ने ली है। यह तस्करी रोकने के लिए महासंघ ने युकेन के पडोसी मोल्दोवा में स्वतंत्र केंद्र बनाया जाएगा। इसलिए युक्रेन में शस्त्रास्त्रों की तस्करी पर अंकुश लगाने में आसानी होगी, ऐसा दावा महासंघ कर रहा है। पर पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में घूम रहे विडियोज़ का हवाला देते हुए ’युरेशिया रिव्युज़’ नामक अमेरिकन जर्नल ने इशारा प्रसिद्ध किया।

युक्रेन में दाखल हुई लश्करी सहायता युरोपिय राष्ट्रों के जरिए काले बाजार में जा रही है। इसमें टैंकभेदी मिसाईले, असॉल्ट राइफल्स जैसे कुछ प्रगत शस्त्रास्त्र विडियोज़ में दिख रहे हैं, यह बात अमेरिकन जर्नल ने ध्यान में लाई। तो एक विडियो में स्मगलर ने काले बाज़ार से कम दाम में शस्त्रास्त्र खरीदे जा सकते हैं, ऐसा कहा। इसका हवाला देते हुए अमेरिकन जर्नल ने युक्रेन में लश्करी सहायता का ओवरफ्लो इस्रायल के लिए खतरनाक साबित होगा, ऐसा इशारा दिया।

विध्वंसक हेतु वाले गुट काले आसानी से बाज़ार में मिलने वाले यह पश्चिमी बनावट के शस्त्रास्त्र खरीद सकते हैं। इन में ’आयएस’, हयात तहरीर अल-शाम’ और अन्य आतंकी संगठनों का समावेश हो सकता है, ऐसा दावा अमेरिकन जर्नल ने किया। तथा, तुर्की की लश्करी कार्रवाई को उत्तर देने के लिए सीरियन कुर्द और ईरानसंलग्न आतंकी संगठनाएं इस्रायल पर हमले करने के लिए यह शस्त्रास्त्र खरीदेंगे, इस ओर भी इस जर्नल ने ध्यान आकर्षित किया।

युक्रेन से तस्करी होनेवाले अमेरिका एवं पश्चिमी राष्ट्रों के हथियार सीरिया समेत गाज़ापट्टी में भी पहुंच सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो भविष्य में इस्रायल के साथ होनेवाले संघर्ष में गाज़ा की आतंकी संगठनाएं पश्चिमी बनावट के हथियारों का इस्तेमाल करके इस्रायल को झटके दे सकते हैं, ऐसा अमेरिकन जर्नल ने आगाह किया है।

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