फ्रान्स का युएई के साथ ईंधन सहयोग करार

पैरिस – ‘संयुक्त अरब अमिरात-युएई’ के सर्वेसर्वा शेख मोहम्मद बिन ज़ाएद अल-नह्यान ने फ्रान्स का दौरान करके राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युअल मैक्रॉन से भेंट की। उनके इस दौरे में फ्रान्स और युएई में ईंधन सहयोग करार संपन्न हुआ। युक्रेन के युद्ध के कारण ईंधन कमी का सामना करनेवाले फ्रान्स के लिए यह करार दिलासा देनेवाला होने का दावा किया जाता है। तो शेख मोहम्मद बिन ज़ाएद और राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन की यह भेंट अमेरिका के लिए इशारा होने की बात अमेरिकन विश्लेषकों ने कही है।

ईंधन, कुदरती ईंधनवायु आपूर्ति निश्चित करने के बारे में सोमवार को फ्रान्स और युएई में ऊर्जा सहयोग करार संपन्न हुआ। फ्रेंच ईंधन कंपनी ‘टोटल एनर्जीज्‌’ और युएई की राष्ट्रीय ईंधन कंपनी ‘एडीएनओसी’ के अधिकारियों ने इस करार पर हस्ताक्षर किए। अंतर्राष्ट्रीय समूदाय, विशेषकर फ्रान्स की ईंधन सुरक्षा का समर्थन करने के लिए युएई निहायत उत्सुक होने की बात शेख मोहम्मद ने इस करार के बाद कही है। तो हाल के आव्हानात्मक दौर में युएई के साथ किए गए इस करार का अपने राष्ट्र के लिए नीतिपूर्ण महत्व होने की बात फ्रेंच विदेश मंत्री ब्रुनो ली मेर ने कही।

हायड्रोजन, अक्षय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा के क्षेत्रों में भी निवेश बढाने के बारे में उभय राष्ट्रों के नेतृत्व में चर्चा हुई। अन्य युरोपिय राष्ट्रों की तरह फ्रान्स भी बडे पैमाने पर रशिया से आयात होनेवाले ईंधन पर निर्भर है। युरोपिय राष्ट्रों को रशिया पर प्रतिबंध लगाए हों फिर भी ईंधन का आयात नहीं रोका गया है। पर जल्द ही युरोपिय राष्ट्र रशियन ईंधन के आयात पर रोक लगाने वाले हैं। तो जर्मनी के साथ-साथ फ्रान्स को भी ईंधन की बडी किल्लत महसूस होने की खबरें मिल रही हैं। ऐसी स्थिति में, युएई के राष्ट्रप्रमुखों ने फ्रान्स का दौरा करके ईंधन सहयोग के बारे में किए हुए करार अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

युएई के राष्ट्रप्रमुखों का यह फ्रान्स दौरा महत्वपूर्ण होने की बात कही जा रही है। सन 1991 के बाद पहली बार युएई के राष्ट्रप्रमुखों फ्रान्स का दौरा किया है। मई में युएई के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष शेख खलिफा के निधन के बाद शेख मोहम्मद बिन ज़ाएद ने युएई के हाथ में लिए थे। तत्पश्चात पहली बार परदेस दौरे हेतु शेख मोहम्मद ने फ्रान्स को चुना।

इस दौरान, ’अब तक अमेरिका को युएई का सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी राष्ट्र माना जाता था। पर पिछले सालभर में बायडेन प्रशासन की गलत नीतियों के कारण अमेरिका युएई का विश्वस्नीय सहयोगी देश नहीं रहा। ऐसी स्थिति में शेख मोहम्मद ने पहली परदेस दौरे के लिए फ्रान्स का किया हुआ चयन ध्यान आकर्षित करने वाली बात है’, ऐसा अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषिका ऐनी गैडेल का कहना है।

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