ईरान के ‘नागरी’ परमाणु कार्यक्रम को लेकर ब्रिटेन-फ्रान्स-जर्मनी को आशंका

बर्लिन/तेहरान – अमरीका के साथ परमाणु समझौता करने के बदले में ईरान की नई माँग पर ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी ने आश्चर्य व्यक्त किया है। नई-नई माँगें रख रहे ईरान का परमाणु कार्यक्रम क्या वास्तव में नागरी इस्तेमाल के लिए है? यह सवाल उठाकर यूरोपिय देशों ने ईरान के प्रति आशंका व्यक्त की है। तो, ईरान ने यूरोपिय देशों द्वारा हम पर लगाए आरोप दुर्भाग्यपूर्ण और अहितकारक होने का बयान किया है। अनुचित समय पर यूरोपिय देशों ने इस तरह की प्रतिक्रिया दर्ज़ करके परमाणु समझौते में अड़चण निर्माण करने की कोशिश की है, ऐसी फटकार रशिया ने लगाई है।

तीन महीने पहले अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के ‘बोर्ड ऑफ गवर्नर्स’ ने ईरान के तीन परमाणु प्रकल्पों को लेकर किए गए सवालों पर संतोषजनक जवाब देने की सूचना की थी। इसमें ईरान के तीनों प्रकल्पों में ‘युरेनियम ट्रेसस’ कैसे बरामद हुए, इस सवाल का समावेश था। इस महीने की शुरूआत में ईरान ने परमाणु समझौते के बदले में अपनी माँगों का प्रस्ताव यूरोपिय महासंघ को भेजा था। इसमें परमाणु ऊर्जा आयोग के तीन प्रकल्पों का समावेश होने की जानकारी सामने आ रही है।

बिल्कुल तभी अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने अपनी नई रपट में ईरान के परमाणु समझौते पर आशंका जताई है। इस पृष्ठभूमि पर यूरोप के प्रभावी देश माने जानेवाले ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी इन ‘ई३’ देशों ने घोषित किए संयुक्त निवेदन में ईरान की नई माँगों पर चिंता जताई। ‘ईरान की नई माँग इस देश के परमाणु समझौते के प्रति प्रतिबंद्धता पर आशंका निर्माण करती है। ईरान की मौजूदा भूमिका और साल २-१५ के परमाणु समझौते में काफी बड़ा फरक है’, ऐसा ‘ई३’ देशों ने इस निवेदन में कहा है।

ईरान के इस नए प्रस्ताव पर अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ बातचीत कर रहे हैं, यह ई३ ने स्पष्ट किया। दो दिन पहले  फ्रान्स ने परमाणु समझौते के मुद्दे पर ईरान की भूमिका पर आलोचना की थी। ईरान की माँगें इस परमाणु समझौते को विलम्बित कर सकती हैं, ऐसा फ्रान्स ने कहा था। ‘ई३’ की नई आलोचना के बाद ईरान ने भी यूरोपिय देशों को फटकार लगाई थी। ब्रिटन फ्रान्स और जर्मनी ने बयान की हुई प्रतिक्रिया काफी दुर्भाग्यपूर्ण होने की बात ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कानी ने कही है। साथ ही इन देशों की यह प्रतिक्रिया परमाणु समजौते के लिए घातक साबित होगी, यह दावा ईरान ने किया।

इसी बीच, इस्रायली राष्ट्रपति येर लैपिड जर्मनी की यात्रा के लिए रवाना हो रहे हैं। प्रधानमंत्री लैपिड जर्मन चान्सलर ओलाफ शोल्ज़ के साथ चर्चा में ईरान के साथ परमाणु समझौते पर बातचीत करेंगे, ऐसा इस्रायली माध्यमों का कहना है। परमाणु समझौता एवं सीरिया में स्थित ईरान के सैन्य दलों का मुद्दा भी चर्चा का विषय है। इसके लिए इस्रायल ने प्रधानमंत्री जर्मनी पर दबाव ड़ाल सकते हैं, ऐसा माध्यमों का दावा है।

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