परमाणु समझौता असफल हुआ तो ईरान पर नए सख्त प्रतिबंध लगाए जाएँगे – ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय का इशारा

लंदन/पैरिस – कतार के दोहा में परमाणु समझौते की बातचीत नए से शुरू करके अमरीका ने ईरान के इस समझौते को बचाने की और एक कोशिश की। लेकिन, ईरान की आक्रामकता के कारण यह कोशिश असफल रही, ऐसा आरोप अमरीका लगा रही हैं। इस समझौते में मध्यस्थता की भूमिका निभा रहे यूरोपिय देश भी इस वजह से ईरान पर नाराज़ हैं। परमाणु समझौते की बातचीत असफल होने के बाद ईरान पर कार्रवाई करने के सभी विकल्प खुले होने का अहसास ब्रिटेन के विदश मंत्रालय ने कराया। ऐसे में ब्रिटेन के साथ फ्रान्स और जर्मनी ने भी ईरान को परमाणु कार्यक्रम की गति कम करने की सूचना दी है।

साल २०१५ के परमाणु समझौते को बचाने के लिए बायडेन प्रशासन ने ईरान के सामने बातचीत का प्रस्ताव रखा था। यूरोपिय महासंघ ने इसके लिए मध्यस्थता की। लेकिन परमाणु समझौते की दो दिन चली यह बातचीत असफल होने का ऐलान अमरीका ने किया। ईरान ने हमें निराश किया है, ऐसी आलोचना अमरिकी विदेश मंत्रालय ने की थी। इसी बीच परमाणु समझौते के लिए हमारा देश ‘रेड लाईन्स’ पार नहीं करेगा, कहकर ईरान के विदेश मंत्रालय ने अमरीका के आरोप ठुकराए थे।

यह चर्चा असफल होने के बावजूद यूरोपिय महासंघ ने सकारात्मक बयान किया था। साथ ही आनेवाले समय में अमरीका और ईरान की नए से चर्चा हो सकती है, ऐसा बयान महासंघ ने किया था। लेकिन, पिछले चौबीस घंटों में ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी जैसे प्रमुख यूरोपिय देशों ने ईरान विरोधी स्पष्ट भूमिका अपनायी है। ब्रिटीश विदेश मंत्रालय की वरिष्ठ अधिकारी विक्टोरिया फोर्ड ने अपनी सरकार की भूमिका रखी।

‘राजनीतिक बातचीत के माध्यम से साल २०१५ का परमाणु समझौता कामयाब करना आवश्यक है। इसके अलावा ईरान को अधिक बेहतर समझौता नहीं मिल सकेगा। इस कारण ईरान समय के रहते इस समझौते पर हस्ताक्षर करे। वरना ब्रिटेन अपने सहयोगी देशों के साथ ईरान विरोधी सभी विकल्पों का विचार कर सकता है। यूरोपिय महासंघ ईरान पर नए सख्त प्रतिबंध भी लगा सकता है’, ऐसा इशारा फोर्ड ने दिया।

ब्रिटेन की संसद में भी दोहा की चर्चा की असफलता पर ईरान की आलोचना की गई। ईरान की हुकूमत के साथ परमाणु समझौता मुमकिन नहीं है और पुराने प्रतिबंध फिर से लगाने की माँग ब्रिटेन के सांसद कर रहे हैं। ईरान परमाणु कार्यक्रम की गति बढ़ा  रहा है, यह आरोप भी ब्रिटेन की संसद में लगाया गया। इस दौरान ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी जैसे यूरोप के ‘ई ३’ देशों ने जारी किए संयुक्त निवेदन में भी ईरान को परमाणु कार्यक्रम की गति कम करने का आवाहन है।

पिछले कुछ महीनों से ईरान ने संवर्धित युरेनियम का भंड़ार बढ़ाया है। साथ ही ईरान के पास सेंट्रीफ्यूजेस की संख्या भी अधिक होने का दावा अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने पिछले महीने किया था। ऐसे में ही परमाणु ऊर्जा आयोग ने परमाणु प्रकल्प में लगाए सीसीटीवही भी ईरान ने हटाए थे। इन हरकतों को ज़िक्र करके ‘ई ३’ ने ईरान आक्रामक परमाणु कार्यक्रम चला रहा है, ऐसी आलोचना की।

इसी बीच, पिछले कुछ हफ्तों की गतिविधियाँ ईरान को परमाणु कार्यक्रम की गति बढ़ाने के लिए बढ़ावा दे रही हैं, ऐसा दावा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं। इस्रायल और अरब देशों का बढ़ता सहयोग ईरान की चिंता बढ़ा रहा है। इसके लिए ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम की गतिविधियाँ तीव्र कर रहा है, ऐसा इन विश्लेषकों का कहना है।

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