परमाणु समझौते का उल्लंघन करने पर फ्रान्स, जर्मनी और ब्रिटन की ईरान को चेतावनी

पॅरिस – ईरान परमाणु हथियार बनाने की दिशा में मार्ग क्रम बना कर रहा होने का दावा करके, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने उस पर चिंता जताई थी। अमेरिका के नए राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ईरान के साथ परमाणु समझौता करने की तैयारी कर रहे हैं; ऐसे में प्रकाशित हुई इस खबर की गूंजें आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सुनाई देने लगी है। युरोप के ‘ई-३’ के रूप में विख्यात फ्रान्स, जर्मनी और ब्रिटन ने संयुक्त निवेदन जारी करके, इस पर ईरान को कड़ी चेतावनी दी है। इससे पहले रशिया ने भी, ईरान परमाणु समझौते का पालन करें, ऐसा आवाहन किया था।

iran-nuclear-deal-warningसन २०१५ में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संदर्भ में ‘जॉईंट कॉप्रिहेन्सिव्ह प्लॅन ऑफ अ‍ॅक्शन’ (जेसीपीओए) समझौता संपन्न हुआ था। अमरीका, रशिया, चीन, फ्रान्स, ब्रिटन और जर्मनी इन देशों के साथ ‘जेसीपीओए’ समझौता करके ईरान ने, वह परमाणु अस्त्र का निर्माण नहीं करेगा, ऐसा मान्य किया था। अपना परमाणु कार्यक्रम नागरी इस्तेमाल के लिए ही होगा, ऐसा यकीन इस समझौते के द्वारा ईरान ने दिलाया था। लेकिन यह समझौता करने के बाद भी ईरान खुफिया तरीके से परमाणु अस्त्र संपादन करने की तैयारी में होने का आरोप इसराइल तथा सऊदी अरब और अन्य खाड़ी क्षेत्र के देशों द्वारा लगातार किया जा रहा है। आन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग (आयएईए) ने हाल ही में जारी की जानकारी के अनुसार, ईरान पर किए जा रहे इन आरोपों की पुष्टि की गई थी।

iran-nuclear-deal-warningईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम के द्वारा ‘युरेनियम मेटल’ का निर्माण किया है, ऐसा ‘आयएईए’ ने घोषित किया। ‘युरेनियम मेटल’ के निर्माण का अर्थ, परमाणु अस्त्र संपादन करने की दिशा में उठाया कदम, ऐसा ही होता है, इस पर आयएईए ने गौर फरमाया। उसके बाद ईरान का समर्थन करने वाले रशिया जैसे देश से भी फौरन प्रतिक्रिया उठी थी। ईरान परमाणु समझौते का पालन करें और इस प्रक्रिया को तुरंत रोके, ऐसी मांग रशिया ने की थी। उसके बाद अब फ्रान्स, जर्मनी और ब्रिटन ने ईरान को चेतावनी दी है। तीनों देशों ने जारी किए संयुक्त निवेदन में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर गंभीर चिंता जाहिर की है।

‘जेसीपीओए’ के अनुसार, ईरान अगले १५ साल ‘युरेनियम मेटल’ अथवा ‘युरेनियम मेट्लर्जी’ का विकास अथवा उस पर संशोधन नहीं कर सकता। वैसा करना ‘जेसीपीओए’ का उल्लंघन साबित होगा और इस बारे में विश्‍वासार्ह खुलासा करना ईरान के लिए संभव नहीं है। इस कारण ईरान इस प्रक्रिया को रुकें, ऐसी मांग फ्रान्स, जर्मनी तथा ब्रिटन ने की है। इस प्रकार के कारनामे करके ईरान परमाणु कार्यक्रम पर चल रही राजनीतिक चर्चा में बाधा उत्पन्न कर रहा है, ऐसी चेतावनी भी फ्रान्स, जर्मनी और ब्रिटन ने अपने संयुक्त निवेदन में दी है।

iran-nuclear-deal-warningअमरीका के नये राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ईरान के साथ नए सिरे से परमाणु समझौता करने की तैयारी में होने की चर्चा शुरू हुई है। लेकिन उसके लिए ईरान परमाणु समझौते का पालन करें, ऐसा आवाहन बायडेन का प्रशासन कर रहा है। वहीं ईरान अपनी शर्तों पर पुनः ‘जेसीपीओए’ लागू करने पर अड़िग है। इसके लिए बायडेन के प्रशासन को ईरान ने २ हफ्ते की मोहलत दी थी। लेकिन इस परमाणु समझौते का हिस्सा होने वाले फ्रान्स, जर्मनी, ब्रिटन और रशिया ये देश यह खुलेआम मान्य करने लगे हैं कि ईरान इस समझौते का उल्लंघन कर रहा है। इस कारण ईरान के साथ परमाणु समझौता नए से लागू करने का मार्ग अधिक मुश्किल बना है। उसी समय, किसी भी हालत में ईरान को परमाणु अस्त्र सिद्ध बनने नहीं देंगे, ऐसी चेतावनी देने वाले इजराइल की ईरान पर की कार्यवाही को रोकना भी अब पश्चिमी देशों के लिए अधिक मुश्किल बनता चला जा रहा है। उसी में सऊदी, युएई और खाड़ी क्षेत्र के अन्य मित्र देशों ने ईरान के खतरे का सामना करने के लिए इसराइल के पक्ष में खड़े रहने का निर्णय लेने के कारण, खाड़ी क्षेत्र का तनाव बढ़ता चला जा रहा है।

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