ईरान के परमाणु समझौते को बचाने के लिए अमरीका के हाथों में कुछ ही हफ्ते बचे हैं – अमरिकी विदेशमंत्री का इशारा

वॉशिंग्टन – ‘ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के लिए अमरीका के पास काफी कम हफ्ते बचे हैं क्योंकि, ईरान जल्द ही परमाणु बम का निर्माण करने के लिए आवश्‍यक सामान प्राप्त करने के काफी करीब पहुँचेगा। इसके बाद परमाणु कार्यक्रम में की हुई प्रगति से ईरान को पिछे खींचना काफी कठिन होगा’, यह इशारा अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने दिया। साथ ही परमाणु समझौते की  बातचीत असफल हुई तो अमरीका अन्य विकल्पों का विचार करेगी, यह इशारा भी विदेशमंत्री ब्लिंकन ने दिया है।

us-few-days-iran-nuclear-1अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने तीन वर्ष पहले ईरान के साथ किए परमाणु समझौते से पीछे हटने का कदम उठाया था, तथा ईरान पर सख्त प्रतिबंध लगाए थे। इसके बाद पिछले वर्ष अमरीका में सत्ताधारी बायडेन के प्रशासन ने वर्ष २०१५ का परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने के लिए ईरान के साथ नए से बातचीत शुरू की थी। ईरान में इब्राहिम रईसी की सरकार गठित होने के बाद जून में यह बातचीत फिर से बंद हुई थी। अब नवंबर में रईसी की सरकार वियना में हो रही चर्चा में शामिल हुई थी।

लेकिन, पांच महीनों की बातचीत के बाद भी परमाणु समझौते के मसले में हल नहीं निकला है, ऐसी आलोचना इस चर्चा में शामिल यूरोपिय देश कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी ने संयुक्त निवेदन जारी करके ईरान के लिए परमाणु समझौते की खिड़की मात्र कुछ हफ्तों के लिए ही खुली रहेगी, यह इशारा दिया था। इसी बीच, वियना की चर्चा खाफी धीमी गति से शुरू होने की आलोचना फ्रान्स के विदेशमंत्री येस ले द्रियान ने की थी। यही स्थिति बरकरार रही तो निर्धारित समय में परमाणु समझौता नहीं हो पाएगा, यह इशारा भी फ्रान्स के विदेशमंत्री ने दिया था।

तो, विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने अमरिकी रेडियो चैनल से बातचीत करते हुए परमाणु समझौते के लिए अब कुछ ही हफ्ते शेष बचे होने का इशारा दिया। ब्लिंकन का यह इशारा ईरान के लिए नहीं है, बल्कि अमरीका के लिए है, यह बात स्पष्ट हो रही है। इस परमाणु समझौते के लिए अमरीका के पास काफी कम समय होने का बयान उन्होंने किया। यह परमाणु समझौता अमरीका की सुरक्षा के लिए सबसे बेहतर होगा, ऐसा ब्लिंकन का कहना है। इस वजह से परमाणु समझौते के लिए ईरान की माँगों में कोमलता दिखाने की आवश्‍यकता का संदेश ब्लिंकन अमरीका को ही दे रहे होंगे, यह सामने आ रहा है।

अमरीका और ईरान के बीच गुप्त परमाणु समझौता होने का दावा ब्रिटेन स्थित अरबी वृत्तसंस्था ने कुछ दिन पहले ही किया था। इसके अनुसार, अमरीका और ईरान के बीच दो वर्ष का अंतरिम परमाणु समझौता हुआ है और बायडेन प्रशासन ईरान पर लगाए गए सारे प्रतिबंध हटाने के लिए तैयार होने की बात इस खबर में कही गई है। इसके बदले में ईरान अपने परमाणु प्रकल्प में मौजूद प्रगत यूरेनियम का भंड़ार रशिया को सौंपेगा।

अगले दिनों में अमरीका इस समझौते से पीछे हटी तो ईरान यह भंड़ार फिर से प्राप्त करके परमाणु कार्यक्रम तीव्र करेगा, यह ईरान की शर्त बायडेन प्रशासन ने स्वीकार की है, ऐसा इस खबर में कहा गया था। इसके बाद वियना में परमाणु समझौते के लिए हम बाध्यकारी ना होने का ऐलान इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने किया था। इसके अलावा ईरान पर कार्रवाई करने के लिए इस्रायल मुक्त होने का इशारा प्रधानमंत्री बेनेट ने दिया था।

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