रशिया को ड्रोन्स प्रदान कर रहे ईरान पर अमरीका के प्रतिबंध

वॉशिंग्टन – यूक्रेन युद्ध में रशिया को ड्रोन्स प्रदान कर रहे ईरान की कंपनियों पर अमरीका ने प्रतिबंध लगाए हैं। इस सहायता के ज़रिये ईरान युद्ध अपराध कर रहा है यह आरोप अमरीका ने लगाया है। ईरान ने अमरीका के इन आरोपों को खारिज किया है। कुछ ही घंटे पहले अमरीका ने अल्बानिया पर हुए सायबर हमले के लिए ईरान को दोषि करार देकर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की थी। ईरान का बहुचर्चित परमाणु समझौता रुका हुआ है और इसी बीच अमरीका ने यह प्रतिबंध लगाकर ईरान को चेतावनी दी है, यह दावा किया जा रहा है।

पिछले छह महीनों से यूक्रेन में जोरदार युद्ध जारी है। इस युद्ध में रशिया को बड़ा नुकसान हो रहा है, ऐसे दावे पश्चिमी माध्यम कर रहे हैं। रशिया अब ईरान और उत्तर कोरिया से हथियारों की माँग कर रही है, ऐसी खबरें भी प्रसिद्ध हुईं थी। यूक्रेन की सेना पर हमला करने के लिए रशिया ने ईरान से ड्रोन खरीदे, ऐसा अमरीका और ब्रिटीश यंत्रणाओं ने कहा था। ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ से संबंधित कंपनियाँ रशिया की सहायता कर रही हैं यह आरोप लगाए गए थे।

इस पृष्ठभूमि पर अमरीका के कोषागार विभाग ने ईरान की ड्रोन निर्माण करने वाली कंपनियाँ एवं एक अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए। इनमें परावर पार्स डिज़ाई ऐण्ड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ एअरक्राफ्ट इंजिन्स’ (डामा) और बारहेस्तान किश नामक तीन कंपनियों का समावेश है। इनमें से परावर पार्स कंपनी ने रिवर्स इंजिनियरिंग के ज़रिये अमरीका और इस्रायली ड्रोन्स की नकल  की है, ऐसा कहा जा रहा है। तथा इस युद्ध के दौरान रशिया के सैन्य विमानों को सेवा प्रदान करनेवाले ‘तेहरान’ के ‘सफिरान’ हवाई अड्डे पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।

अपनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा रही अमरीका के आरोपों से ईरान ने इन्कार किया है। कुछ ही घंटे पहले अमरीका ने ईरान पर सायबर हमलों के तहत प्रतिबंध लगाए थे। ईरान ने हमारी सरकारी एवं सैन्य यंत्रणाओं पर सायबर हमले किए, यह आरोप अल्बानिया ने लगाया था। नाटो के सदस्य देश अल्बानिया के आरोपों का समर्थन करके अमरीका ने ईरान पर यह प्रतिबंध लगाए थे। लेकिन, अल्बानिया के आरोपों में सच्चाई ना होने की बात ईरान ने कही है।

इसी बीच यूक्रेन युद्ध में रशिया के हथियारों के भंड़ार का भारी नुकसान होने की खबरें ब्रिटीश और यूरोपिय माध्यमों में बताई जा रही हैं। यूक्रेन विरोधी युद्ध के लिए रशिया के पास हथियारों का पर्याप्त भंड़ार ना होने के दावे भी यह माध्यम कर रहे हैं। ऐसे में दूसरी ओर रशिया ने ‘वोस्तोक’ युद्धाभ्यास में भारी संख्या में हथियार उतारकर पश्चिमी माध्यमों के दावे गलत साबित किए हैं। एक हफ्ता चले इस युद्धाभ्यास के ज़रिये रशिया ने अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन किया, यह दावा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने किया था।

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