ब्रिटेन के रक्षाबलों ने बड़े और लंबे युद्ध के लिए आवश्यक तैयारी जुटाई नहीं है – संसद की ‘कॉमन्स डिफेन्स कमेटी’ का आरोप

लंदन/मास्को – ब्रिटेन के रक्षाबलों की क्षमता भारी दबाव में हैं और सर्वंकष एवं लंबे समय के युद्ध के लिए ब्रिटेन की तैयारी नहीं है, ऐसा आरोप संसद की कमेटी ने लगाया है। ब्रिटिश रक्षाबलों को सैनिकों की कमी और हथियारों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा हैं और गोपनीयता के नाम से इन समस्याओं को छुपाया जा रहा है, ऐसा आरोप ‘कॉमन्स डिफेन्स कमेटी’ की नई रपट में लगाया गया है। संसद की कमेटी की रपट जारी होने के दौरान ही ब्रिटेन की उन्नत विमान वाहक युद्धपोत ‘एचएमएस क्वीन एलिझाबेथ’ तकनीकी खराबी के कारण नाटो के युद्ध अभ्यास में शामिल नहीं हो सकेगी, ऐसी खबर भी सामने आयी है। इससे ब्रिटेन के रक्षाबलों में युद्ध तैयारी की कमी होने के दावों की पुष्टि होने का बयान माध्यमों ने किया है।

पिछले महीने ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ग्रँट शैप्स ने रणनीतिक मुद्दों की जानकारी साझा करते हुए संभावित विश्व युद्ध को लेकर आगाह किया था। ब्रिटेन के रक्षाबलों ने बड़े और लंबे युद्ध के लिए आवश्यक तैयारी जुटाई नहीं है - संसद की ‘कॉमन्स डिफेन्स कमेटी’ का आरोपअमेरिका और ब्रिटेन सहित पश्चिमी देशों का रशिया, चीन, ईरान एवं उत्तर कोरिया इन देशों से संघर्ष शुरू हो सकता है, ऐसा इशारा शैप्स ने दिया था। ब्रिटेन के सेनाप्रमुख जनरल पैट्रिक सैंडर्स ने भी ब्रिटेन और रशिया का युद्ध शुरू होने का अनुमान जताया था। अब सैंडर्स ने युद्ध तैयारी के लिए तेज़ी से कदम उठाने होंगे, यह कहकर पूरा देश युद्ध के लिए तैयार हो, ऐसा आवाहन भी किया था।

रक्षा मंत्री और सेनाप्रमुख संभावित युद्ध एवं युद्ध तैयारी के मुद्दे पर बयान कर रहे हो, फिर भी वास्तव में ब्रिटेन के रक्षाबल अभी भी इसके लिए तैयार नहीं हैं, ऐसी चौकानेवाली बात इस रपट से स्पष्ट हुई है। ‘रेडी फॉर वॉर?’ नामक जारी किए इस रपट में सांसदों ने यह दावा किया है कि, सरकार रक्षाबलों की क्षमता और तैयारी बढ़ाने की ओर गंभीरता से नहीं देख रही है। ब्रिटेन की सरकार रक्षा क्षेत्र के लिए हर वर्ष करीबन ५० अरब पौंड खर्च कर रही हैं। फिर भी, यह प्रावधान पर्याप्त नहीं है और शत्रु के विरोध में लंबे समय तक युद्ध करने के लिए बड़े निवेश की ज़रूरत है, ऐसी सलाह वर्णित कमेटी ने दी है।ब्रिटेन के रक्षाबलों ने बड़े और लंबे युद्ध के लिए आवश्यक तैयारी जुटाई नहीं है - संसद की ‘कॉमन्स डिफेन्स कमेटी’ का आरोप

‘विश्व के विभिन्न हिस्सों में ब्रिटेन के सात हजार सैनिक मौजूद हैं। लेकिन, रक्षाबलों की क्षमता पर भारी दबाव बना है और भविष्य की चुनौतियों पर गौर करें तो पर्याप्त शस्त्र भंड़ार भी मौजूद नहीं है। रक्षाबलों में जनशक्ति का रिसाव बड़ा तेज़ है और उस मात्रा में भर्ती करने में सरकार असफल हुई है। जनशक्ति की कमी और हथियारों की किल्लत का नकारात्मक असर रक्षाबलों पर हो रहा है और उनकी युद्ध करने की क्षमता कम हो रही है। ब्रिटेन के रक्षाबलों ने बड़े और लंबे युद्ध के लिए आवश्यक तैयारी जुटाई नहीं है - संसद की ‘कॉमन्स डिफेन्स कमेटी’ का आरोपब्रिटेन की सरकार ने रक्षा विभाग के लिए पूरा निधी उपलब्ध करना होगा। यदि यह मुमकिन नहीं है तो रक्षाबलों पर अभियानों का पड़ा भार कम करना होगा’, ऐसे स्पष्ट शब्दों में संसद की कमेटी ने सरकार को सुनाया है।

संसद कमेटी का यह रपट जारी होने के साथ ही इसमें किए दावे की पुष्टि करने वाली घटना सामने आयी है। ब्रिटेन की नौसेना का सबसे बड़ी लागत का उन्नत विमान वाहक युद्धपोत ‘एचएमएस क्वीन एलिझाबेथ’ नाटो के व्यापक युद्ध अभ्यास में शामिल नहीं होगी, ऐसी खबर प्रसिद्ध हुई है। ब्रिटेन के इस उन्नत विमान वाहक युद्ध पोत में बड़े मौके के समय तकनीकी खराबी होने से ‘स्टेडफास्ट डिफेन्डर २४’ युद्ध अभ्यास से पीछे हटने की जानकारी ब्रिटिश नौसेना ने साझा की है। इससे पहले रेड सी में तैनात ब्रिटेन के युद्धपोत पर मौजूद मिसाइलों में दोष होने का वृत्त सामने आया था। एक के बाद एक सामने आ रही इन घटनाओं ने ब्रिटेन के रक्षाबलों के सम्मान को ठेस पहुंची हैं, ऐसी आलोचना विपक्ष और माध्यम कर रहे हैं।

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