रशिया समेत अन्य देशों के सायबर हमलों की वजह से ब्रिटेन में हर दिन युद्ध हो रहा है – ब्रिटेन के रक्षादल प्रमुख जनरल निक कार्टर

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरलंदन/मास्को: ‘अंतरराष्ट्रीय स्तरपर युद्धभूमि का स्वरूप लगातार बदल रहा है| वर्तमान में शांति का दौर और युद्ध को अलग अलग दिखाना मुमकिन नही होगा| मुझे खुद को एहसास है की, अभी भी युद्ध शुरू है| लेकिन, यह युद्ध बीते समय में जैसे हम युद्ध की परिभाषा करते थे वैसा नही है| महासत्ताओं के बीच बढ रही स्पर्धा और सरकार का समर्थन होनेवाले पर देश का हिस्सा ना होनेवाले (नॉनस्टेट एक्टर्स) के साथ वैचारिक लडाई हर दिन शुरू है| रशिया का खतरा पहले से कई गुना बढा है’, इन शब्दों में ब्रिटेन के रक्षादलप्रमुख जनरल निक कार्टर ने ब्रिटेन में हररोज युद्ध शुरू है, यह दावा किया|

ब्रिटेन में हुए एक कार्यक्रम में जनरल कार्टर ने युद्ध की बदलती परिभाषा, युद्ध में जानकारी की अहमियत और युद्ध में क्षेत्रों के बढे हुए मुद्दों पर भाष्य किया| इस कार्यक्रम के लिए अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआईए’ के भूतपूर्व जनरल डेव्हिड पैट्रोस भी मौजूद थे| इस दौरान कार्टर ने रशिया और चीन से अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनते खतरे का भी जिक्र किया| अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और एक दुसरे के संबंधों का दायरा इससे पहले तय था| पर रशिया और चीन ने इससे निकाला मतलब अलग है और यह युद्ध संबंधी नियमों को झटके देनेवाला है, यह दावा ब्रिटेन के रक्षादलप्रमुख ने किया|

‘युद्ध और युद्धभूमी का स्वरूप लगातार बदल रहा है| इसके आगे दुनिया में युद्ध का स्वरून कैसा होगा, इसपर सोचने का यही समय है| सायबर क्षेत्र और अंतरिक्ष में संघर्ष की तादाद लगातार बढ रही है| युद्ध सिर्फ जमीन, समुद्र और हवां में लडा जाएगा, इस परंपरागत सोच अब पुरानी हो चुकी है| जानकारी एवं इसका इस्तेमाल हर एक स्तर पर कैसे करना मुमकिन होगा, यह बात युद्ध में निर्णायक साबित होगी’, यह जनरल कार्टर ने स्पष्ट किया| जागतिक स्तर पर होनेवाले अगले युद्ध में जानकारी ही केंद्रीय स्थान पर रहेगी, यह दावा भी उन्होंने किया|

अंतरिक्ष और सायबरक्षेत्र यह भविष्य में युद्ध की नई युद्धभूमि होगी, यह कहकर इस युद्ध के लिए रक्षादलों ने भी आधुनिकीकरण करने की गतिविधियां शुरू की है, यह भरोसा जनरल निक कार्टर ने दिलाया| इस दौरान कार्टर ने ब्रिटेन के प्रतिस्पर्धी आसानी से इन्कार करेंगे, ऐसे दांव एवं क्षमता का इस्तेमाल कर रहे है यह कहकर इसे जवाब देने के लिए अलग अलग रास्ते खोजे जा रहे है, यह बात स्पष्ट की|

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