‘ओआईसी’ की बैठक के लिए पाकिस्तान ने तालिबान को आमंत्रित किया

pak-taliban-oic-1इस्लामाबाद/काबुल – तालिबान की हुकूमत को अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता दिला देने के लिए पाकिस्तान की जानतोड़ कोशिशें जारी हैं। आनेवाले रविवार को पाकिस्तान में आयोजित गई इस्लामिक देशों के ‘ओआईसी’ की बैठक के लिए पाकिस्तान ने तालिबान को आमंत्रित किया है। इस बैठक के उपलक्ष्य में इस्लामिक देश अफगानिस्तान में बनी तालिबान की हुकूमत को मान्यता दें, ऐसी माँग पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान कर सकते हैं। लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उसे प्रतिसाद मिलने की कुछ खास संभावना नहीं है।

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में ‘ऑर्गनायझेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन-ओआयसी’ की 17 वी बैठक का आयोजन हो रहा है। कोरोना की पृष्ठभूमि पर यह बैठक वर्चुअल स्वरूप में संपन्न होगी। इसमें दुनिया भर के 57 देशों के प्रतिनिधि सहभागी होने की संभावना पाकिस्तान की सरकार जता रही है। इस उपलक्ष्य में पाकिस्तान अपना राजनीतिक स्वार्थ हासिल करने की कोशिश कर रहा है।

अफगानी न्यूज़ चैनल ने दी जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार ने इस बैठक के लिए तालिबान को आमंत्रण दिया है। ओआईसी की बैठक में प्रधानमंत्री इम्रान खान इस्लामिक देशों के सामने तालिबान की हुकूमत को मान्यता देने की सिफारिश करेंगे। इसके लिए अफगानिस्तान में पड़ा अकाल और अनाज, दवाइयाँ तथा अन्य जीवनावश्यक वस्तुओं की किल्लत पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री गौर फरमाएंगे, ऐसा दावा किया जाता है।

pak-taliban-oic-2अफगानिस्तान की तालिबानी हुकूमत को अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता दिला देने के लिए पाकिस्तान की यह एक और कोशिश दिखाई देती है। इससे पहले भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र संगठन, युरोपीय महासंघ तथा अन्य अन्तर्राष्ट्रीय बैठकों में तालिबान की हुकूमत को मान्यता दिलाने के लिए आवाहन किया था। वहीं, कुछ स्थानों पर तालिबान को अगर मान्यता ना दी, तो अफगानिस्तान में गृहयुद्ध भड़केगा और उसके परिणाम पड़ोसी देशों समेत सारी दुनिया को भुगतने पड़ेंगे, ऐसी चेतावनी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने दी थी।

लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर तालिबान के लिए सिफ़ारिश करनेवाले पाकिस्तान ने भी अभी तक तालिबान की हुकूमत को मान्यता नहीं दी है। इस्लामिक देशों के ‘ओआईसी’ ने तालिबान की हुकूमत को समर्थन देना टाला है। ‘ओआईसी’ अगर अफगानिस्तान की तालिबानी हुकूमत को मान्यता देना चाहती, तो उसने वह कभी की दी होती, इस पर विश्लेषक गौर फरमा रहे हैं। इस कारण ‘ओआईसी’ की इस बैठक में भी इस तालिबान को मान्यता नहीं मिलेगी, ऐसा कहा जाता है।

इसी बीच, तालिबान यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर का आतंकवादी संगठन है । तालिबान ने अपनी हुकूमत के प्रमुख के रूप में घोषित किया हुआ मुल्ला हसन अखूंद यह अभी भी अमरीका की मोस्ट वांटेड लिस्ट में है। ऐसी परिस्थिति में, तालिबान की हुकूमत को मान्यता देने की गलती ओआईसी के सदस्य नहीं करेंगे, ऐसा विश्लेषकों का कहना है।

ओआईसी की बैठक के लिए तालिबान को आमंत्रित करने की प्रधानमंत्री इम्रान खान की भूमिका का पाकिस्तान के कुछ कट्टरपंथियों ने स्वागत किया। वहीं, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर और विदेश नीतियों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय तालिबान के लिए प्रचार करनेवाले प्रधानमंत्री इम्रान खान की कुछ बुजुर्ग पत्रकार कड़ी आलोचना कर रहे हैं। तालिबान का पक्ष उठाकर पाकिस्तान का भला नहीं होगा, इसका एहसास ये पत्रकार करा दे रहे हैं।

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