इंधनवायु का उत्खनन करनेवाले सायप्रस को तुर्कि का इशारा

अंकारा – रशिया-युक्रेन में युद्ध छिडा है और तुर्की ने भूमध्य समुद्र में अपनी गतिविधियां तीव्र की हैं। सायप्रस ने अपने ही सागरी क्षेत्र में शुरु किए हुए ईंधनवायु के उत्खनन पर तुर्की ने आपत्ति जताई है। सायप्रस ने यदि इस क्षेत्र में ईंधनवायु का उत्खनन बंद नहीं किया तो इसके खिलाफ बडी कार्रवाई की जाएगी, ऐसा इशारा तुर्कि ने दिया था। सायप्रस में ईंधन क्षेत्र के उत्खनन के लिए फ्रान्स एवं इटली की कंपनियों ने उत्सुकता व्यक्त की थी।

सन 1974 में तुर्की ने हमले करके सायप्रस का विभाजन किया था। इनमें से सायप्रस के उत्तर की ओर के भूभाग पर तुर्की का नियंत्रण है तो, सायप्रस को संयुक्त महासंघ समेत अधिकांश देशों ने मान्यता दी है। फिर भी तुर्की ने बार-बार कहा है कि, हम सायप्रस का सार्वभौमत्व नहीं मानते। इसलिए सायप्रस की इस क्षेत्र में कार्रवाई पर तुर्की से हमेशा तीखी प्रतिक्रिया मिलती है।

कुछ सप्ताह पहले फ्रान्स के टोटल एनर्जीज़ और इटली के एनी नामक ईंधन क्षेत्र की दो बडी कंपनियों के ऊर्जामंत्रियों ने यह जानकारी दी। तत्पश्चात सायप्रस ने फ्रेंच एवं इटालियन कंपनियों को संबंधित क्षेत्र में उत्खनन की अनुमति दी थी। इसलिए सायप्रस को आर्थिक तथा राजकीय स्तर पर बडा फायदा होना था।

पर इससे पहले ही तुर्की ने इस ईंधनवायु के उत्खनन के लिए विरोध किया है। उक्त सागरी क्षेत्र उत्तर सायप्रस की अखत्यारी में है और ग्रीस द्वारा बनाई गई सायप्रस सरकार को अपनी मान्यता न होने की बात तुर्की ने कही है। इसलिए ने आरोप लगाया है कि, सायप्रस द्वारा उत्तर ओर वाली दिशा में दी हुए अनुमति किसी भी तरह से कानून से सुसंगत नहीं है। इसके बावजूद तुर्की एवं अन्य कंपनियां इस क्षेत्र में ईंधनवायु का निर्माण जारी रखा तो इस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी, ऐसी धमकी तुर्की ने दी है।

मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.