तुर्की ने रशिया के खिलाफ किया आक्रामक ऐलान – बॉस्फोरस की खाड़ी में रशियन विध्वंसकों को रोकने की तैयारी

इस्तंबूल – अब तक यूक्रैन और रशिया के युद्ध में किसी एक का पक्ष लेने से इन्कार करने वाले तुर्की ने अब अपनी नीति में काफी बड़ा बदलाव किया है| रशिया ने यूक्रैन के साथ युद्ध का ऐलान किया है, यह आरोप लगाकर तुर्की ने ब्लैक सी क्षेत्र में रशियन विध्वंसक की घेरने का ऐलान किया है| यूक्रैन ने यह मॉंग तुर्की से की थी| शुरू में तुर्की ने इससे इन्कार किया था| लेकिन, अब तुर्की ने पूरी तरह से रशिया विरोधी भूमिका अपनाई है|

बॉस्फोरसपिछले हफ्ते रशियन सेना ने यूक्रैन को घेरना शुरू किया था| रशिया की नौसेना ब्लैक सी और आगे के अज़ोव के समुद्री क्षेत्र में दाखिल हुई थी| इसके बाद यूक्रैन ने तुर्की को बॉस्फोरस की खाड़ी बंद करके ब्लैक सी में रशियन विध्वंसकों को घेरने का आवाहन किया था| इसके लिए यूक्रैन ने तुर्की एक नाटो सदस्य देश होने की याद दिलाई थी| लेकिन, ‘मोंट्रिक्स कन्वेन्शन’ का कारण बताकर ब्लैक सी को बंद करना मुमकिन ना होने का बयान तुर्की के विदेशमंत्री मेवलूत कावुसोग्लू ने किया था|

अब मात्र दो दिनों में तुर्की की नीति में बड़ा बदलाव आया है और राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की सरकार ने सरेआम रशिया विरोधि भूमिका अपनाई है| पिछले चार दिनों से रशिया-यूक्रैन संघर्ष का ज़िक्र करते समय युद्ध या घुसपैठ कहने से तुर्की दूर रहा था| लेकिन, रविवार को विदेशमंत्री कावुसोग्लू ने रशिया ने यूक्रैन के खिलाफ युद्ध का ऐलान करने का आरोप लगाया|

रशिया ने यूक्रैन पर सिर्फ कोई हवाई हमला नहीं किया है, बल्कि अधिकृत युद्ध शुरू किया है| इस वजह से तुर्की मोंट्रेक्स कन्वेन्शन पर अमल करेगा’, ऐसा कहकर विदेशमंत्री कावुसोग्लू ने अमरिकी समचार चैनल से ऐलान किया| मोंट्रेक्स कन्वेन्शन के नुसार युद्ध के दिनों में तुर्की की सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण हुआ तो बॉस्फोरस और दर्दानिलेस की खाड़ी बंद करने का अधिकार तुर्की को है|

तुर्की बिल्कुल यही करने की तैयारी में है और इसके ज़रिये ब्लैक सी क्षेत्र में रशियन विध्वंसक और पनडुब्बियों को घेरा जाएगा| इससे रशियन नौसेना को भूमध्य समुद्र से ब्लैक सी क्षेत्र में प्रवेश करने का अवसर नहीं मिलेगा| इस निर्णय का सबसे बड़ा नुकसान यूक्रैन और तुर्की का ही होगा, यह दावा किया जा रहा है| क्योंकि, वर्ष २०२० में यूक्रैन ने धान का ९५ प्रतिशत निर्यात बॉस्फोरस की खाड़ी से किया था| इसके अलावा, इस समुद्री क्षेत्र के व्यापार और पर्यटन पर तुर्की की टूटने की कगार पर पहुँची अर्थव्यवस्था निर्भर है|

इसी बीच, यह निर्णय करके तुर्की ने नाटों के साथ अपने ताल्लुकात सुधारने के लिए कदम उठाया है, यह दावा अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक एवं माध्यम कर रहे हैं| पिछले एक साल से अधिक समय से तुर्की की अर्थव्यवस्था टूटने की कगार पर है| साथ ही, रशिया से ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा खरीदने की वजह से अमरीका, नाटो समेत तुर्की के संबंधों में तनाव निर्माण हुआ था|

ऐसी स्थिति में अमरीका की मरजी रखने के लिए और नाटो का सहयोग पाने के लिए तुर्की ने यह निर्णय किया, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है| लेकिन, इसकी वजह से तुर्की ने रशिया के सहयोग को खतरे में धकेला है, यह इशारा अंतररराष्ट्रीय विश्‍लेषक दे रहे हैं|

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