रशिया की चेतावनी को अनदेखा करके तुर्की ने युक्रेन को की ‘आर्म्ड ड्रोन’ की सप्लाई

turkey-ukraine-armed-drone-1अंकारा/किव्ह – रशिया ने बार बार दी चेतावनी के बावजूद भी तुर्की ने युक्रेन के साथ रक्षा सहयोग अधिक मज़बूत बनाने के लिए कदम उठाना शुरू किया है। कुछ दिन पहले ही तुर्की ने युक्रेन की नौसेना को पहला ‘बेरक्तर टीबी२ कॉम्बॅट ड्रोन’ सुपूर्द किया, ऐसी जानकारी सामने आई है। उसके बाद दोनों देशों के बीच विध्वंसक, इंजन्स तथा गैस टरबाइन के लिए समझौता तथा चर्चा होने की खबर भी सामने आई है।

पिछले कुछ सालों से तुर्की का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव बढ़ाने के लिए राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन जानतोड़ कोशिश कर रहे हैं। उसके तहत राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने कई आक्रमक कदम उठाए होकर, युक्रेन के साथ लष्करी सहयोग यह भी उसी का भाग माना जाता है। एक तरफ सिरिया और लिबिया में संघर्ष तथा रक्षा क्षेत्र में रशिया के साथ सहयोग मजबूत करके समय ही, तुर्की ने युक्रेन के साथ संबंध बढ़ाने की भी गतिविधियाँ शुरू कीं थीं।

turkey-ukraine-armed-drone-2सन २०१९ में तुर्की ने युक्रेन के साथ ड्रोन्स के लिए समझौता किया था। तक़रीबन सात करोड़ डॉलर्स के इस समझौते के अनुसार, तुर्की युक्रेन को छः ‘बेरक्तर टीबी२ कॉम्बॅट ड्रोन्स’ और हथियारों की सप्लाई करनेवाला है। उनमें से पहला ड्रोन युक्रेन की नौसेना को दिया गया, ऐसी जानकारी युक्रेन के रक्षा विभाग ने दी है। उर्वरित ड्रोन्स आनेवाले साल भर में युक्रेन को मिलेंगे, ऐसे संकेत युक्रेन की नौसेना ने दिए हैं। युक्रेन की नौसेना इन ड्रोन्स को ‘ब्लॅक सी’ और ‘सी ऑफ ऍझोव्ह’ में तैनात करेगी ऐसा बताया जाता है।

ड्रोन्स के समझौते के बाद तुर्की और युक्रेन के बीच विध्वंसक, हेलिकॉप्टर तथा ड्रोन्स के लिए इंजन्स और युद्धपोतों के लिए गैस टरबाइन्स इनके लिए भी चर्चा हुई बताई जाती है। तुर्की में नियुक्त युक्रेन के वरिष्ठ राजनीतिक अधिकारियों ने दी जानकारी के अनुसार, युक्रेन तुर्की से दो ‘ऍडा क्लास’ विध्वंसकों की खरीद करनेवाला है। यह संयुक्त प्रोजेक्ट होकर, पहला विध्वंसक सन २०२३ में युक्रेन को मिलेगा, ऐसा दावा किया गया है।

युक्रेन से तुर्की को ‘अटॅक हेलिकॉप्टर’ तथा नये ड्रोन के लिए इंजन्स की सप्लाई की जाएगी, ऐसी जानकारी भी सामने आई है। तुर्की के युद्धपोत के लिए गैस टरबाइन की सप्लाई करने की तैयारी भी युक्रेन ने दर्शाई है। युक्रेन और तुर्की के बीच बढ़ रहे इस रक्षा सहयोग को अमरीका के बायडेन प्रशासन का समर्थन है, ऐसा विश्‍लेषकों द्वारा बताया जा रहा है। यह समर्थन यानी रशिया को रोकने की नीति का भाग माना जाता है।

तुर्की और युक्रेन के बीच बढ़ते सहयोग पर रशिया ने इससे पहले लगातार चेतावनियाँ दीं हैं। ‘हमारे तुर्की स्थित सहयोगी, युक्रेन के हालातों का बारीकी से अध्ययन करें और युक्रेन को लष्करी ताकत प्रदान करना बंद करें’, ऐसी तीखी चेतावनी रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह ने कुछ ही दिन पहले देने की बात सामने आई थी। युक्रेन के साथ रक्षा सहयोग बढ़ानेवाले तुर्की ने, क्रीमिया पर रशिया कर रहे दावे को भी नकारा था। इस कारण रशिया अधिक ही नाराज़ है, ऐसा माना जाता है।

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