रशिया-युक्रेन युद्ध से जागतिक अर्थव्यवस्था को होनेवाला खतरा बढ़ा – वित्त संस्था की चेतावनी

वॉशिंग्टन – रशिया-युक्रेन युद्ध के कारण जागतिक सप्लाई चैन में फिर से रोड़े पैदा होने की संभावना होकर, उससे महंगाई भड़कने का अनुमान जताया है। जागतिक अर्थव्यवस्था को होनेवाला खतरा भी बढ़ा है, ऐसी चेतावनी ‘मुडीज् अ‍ॅनालिटिक्स’ इस अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय सलाहकार संस्था ने दी है। पिछले हफ्ते में रशिया ने युक्रेन पर किए हमले के बाद जागतिक शेयर बाज़ारों में भारी गिरावट आई होकर, इंधन समेत अनाज और धातुओं की दरों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही है। इस पृष्ठभूमि पर यह नई चेतावनी गौरतलब साबित हो रही है।

पिछले गुरुवार को रशिया ने युक्रेन पर हमला किया था। इस हमले को लेकर रशिया को सबक सिखाने के लिए पश्चिमी देशों ने रशिया पर बड़े पैमाने पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। रशिया यह इंधन, अनाज तथा खनिज क्षेत्र के शीर्ष उत्पादक देशों में से एक है। इस कारण, इस देश पर लगाए प्रतिबंधों के परिणाम अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में दिखाई देना शुरू हुआ है।

क्रूड ऑयल समेत नैसर्गिक इंधन वायु की दरें रिकॉर्ड स्तर पर पहुँची हैं। गेहूं, मका जैसे धानों की कीमतें बढ़नी शुरू हुईं हैं। सोना, निकेल, अ‍ॅल्युमिनिअम, पॅलाडियम जैसे धातुओं की दरें भी बढ़नी शुरू हुईं हैं। इसका असर उद्योग क्षेत्र पर दिखाई देने लगा है। गाड़ियों का उत्पादन कम होने के संकेत मिल रहे हो कर, कोरोना महामारी के दौर में उद्भवित संकट की तरह सेमीकंडक्टर्स की किल्लत निर्माण होने का अनुमान जताया गया है।

इसी पृष्ठभूमि पर, ‘मुडीज् अ‍ॅनालिटिक्स’ ने दी चेतावनी गौरतलब साबित हो रही है। इस संस्था ने अपनी चेतावनी में यह जताया है कि कोरोना की महामारी की तरह जागतिक सप्लाई चैन फिर एक बार तहस-नहस हो सकती है। इसका असर अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर होकर, कच्चे माल की तथा उत्पादों की किल्लत महसूस होने की संभावना है। इससे अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को खतरा निर्माण होगा, ऐसा ‘मुडीज् अ‍ॅनालिटिक्स’ ने कहा है।

कुछ दिन पहले अमरीका के विश्लेषकों ने यह चेतावनी दी थी कि रशिया-युक्रेन युद्ध के कारण आर्थिक मंदी आ सकती है।

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