सिरिया स्थित आतंकियों के अड्डों पर रशिया के लड़ाकू विमानों के हमले

बैरूत/मॉस्को – रशिया ने सिरिया आतंकियों के स्थानों पर कार्रवाई तीव्र की है। कुछ घंटे पहले रशियन लड़ाकू विमानों ने सिरिया के पश्चिमी लताकिया प्रांत में भीषण हमले किए हैं। वहीं, पिछले कुछ दिनों से इस इलाके में संघर्ष बंदी का उल्लंघन शुरु था, इसलिए रशिया ने ये हमले किए होने का दावा किया जाता है। इसी बीच, सिरिया में गश्ती करने वाले रशिया की हेलीकॉप्टर को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी, ऐसी खबर भी सामने आ रही है।

syria-russian-attacksपिछले हफ्ते में रशिया ने सिरिया के अलेप्पो, हमा और राक्का इन वायव्य की ओर के इलाकों में स्थित ‘आयएस’ के आतंकियों के अड्डों पर जबरदस्त कार्रवाई की थी। ब्रिटनस्थित मानवाधिकार संगठन ने दी जानकारी के अनुसार, सिरियन लड़ाकू विमानों ने इस इलाके में कम से कम १३० हमले किए। इस हमले में २१ आतंकी ढेर हुए थे। महज़ २४ घंटों में रशियन लड़ाकू विमानों ने यह कार्रवाई की थी। ‘आयएस’ के आतंकियों ने सिरियन लष्कर पर किए हमले में ८ जवानों की मृत्यु हुई थी। उसके बाद रशिया ने ये हमले किए थे।

हफ्ते भर बाद सिरिया के इदलिब, लताकिया, हमा और अलेप्पो इन पश्चिमी इलाकों में आतंकवादी संगठनों ने फिर से संघर्ष बंदी का उल्लंघन शुरू किया होने का आरोप रशिया कर रहा है। रशियन रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी के अनुसार, आतंकवादियों ने इन्हीं चार प्रांतों में मिलाकर २४ बार संघर्ष बंदी का उल्लंघन किया है। आतंकवादियों के इन हमलों को प्रत्युत्तर देने के लिए रशियन लड़ाकू विमानों ने लताकिया में जोरदार हवाई हमले किए। ‘तुर्केस्तान इस्लामिक पार्टी’ (टीआयपी) और ‘हयात तहरिर अल-शाम’ (एचटीएस) इन दो आतंकवादी संगठनों पर यह कार्रवाई की, ऐसा रशिया ने कहा है।

syria-russian-attacksइस कार्रवाई में कितने आतंकी मारे गए इसकी जानकारी सामने नहीं आ सकी है। लेकिन रशिया की इस कार्रवाई के बाद अगले कुछ घंटों में ‘अल-हसाकाह’ प्रांत में रशिया के ‘एमआय-३५’ हेलिकॉप्टर का इमरजेंसी लैंडिंग किया गया। इसके पीछे का कारण सामने नहीं आ सका है। लेकिन कुछ दिन पहले रशिया का एक और हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।

बता दें, ‘हयात तहरिर अल-शाम’ को अल कायदा तथा ‘आयएस’ से जुड़े आतंकवादी संगठन के रूप में जाना जाता है। तुर्की ने दो साल पहले ही इस संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। लेकिन यह संगठन सीरिया के उत्तरी भाग में तुर्की को किसी सहायता कर रहा होने का आरोप पिछले साल हुआ था।

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