इस्रायल से सहयोग स्थापित करने के लिए तुर्की हमास के नेताओं को निष्कासित करेगा

अंकारा – इस्लामी देशों की एकजुट करके इस्रायल पर हमला करने की धमकी देकर, फिलिस्तीन की मुक्तता करने की गर्जना तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यप एर्दोगन ने की थी। लेकिन अब इस्रायल के साथ सहयोग स्थापित करने के लिए, तुर्की ने हमास इस जहाल फिलिस्तीनी संगठन के नेताओं को अपने देश से निष्कासित करने की तैयारी की है। तुर्की की भूमिका में हुआ यह बदलाव उल्लेखनीय साबित होता है। इस्रायल के साथ सहयोग स्थापित करते समय, तुर्की ने सऊदी अरब के साथ संबंध सुधारने की भी तैयारी की है।

निष्कासित‘हुरियत डेली’ इस तुर्की के अखबार ने यह खबर प्रकाशित की। अगले महीने में इस्रायल के राष्ट्राध्यक्ष आयसॅक हर्झोग तुर्की के दौरे पर आ रहे हैं। उससे पहले तुर्की ने अपनी इस्रायल विरोधी भूमिका में बहुत बड़े बदलाव किए हैं। सन 2018 में राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने इस्रायल में नियुक्त अपने राजदूत को वापस बुलाया था। साथ ही, दुनिया भर के इस्लामिक देश एकजुट से इस्रायल पर हमला करें, ऐसा आवाहन राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने इस्तंबूल में आयोजित ‘ऑर्गनायझेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन’ की बैठक में किया था।

वहीं, उससे पहले इस्रायल यह आतंकवादी देश होने का आरोप करके जेरूसलम तुर्की की ‘रेड लाईन’ होने की धमकी एर्दोगन ने दी थी। इसके लिए टैंक्स घुसाकर इस्रायल के नेतृत्व को उखाड़ देने की घोषणा एर्दोगन ने की थी। पिछले साल के मई महीने तक तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने इस्रायल पर हमले करने की धमकियाँ दीं थीं। लेकिन पिछले कुछ महीनों से राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन खुद इस्रायल के साथ मेल बिठाने के लिए पहल करते दिखाई दे रहे हैं।

निष्कासितअगले महीने में इस्रायल के राष्ट्राध्यक्ष हर्झोग तुर्की का दौरा करनेवाले हैं। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने इसका स्वागत किया। साथ ही, यह दौरा दोनों देशों के संबंधों के लिए सहायकारी साबित होगा, ऐसा विश्वास राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने व्यक्त किया। लेकिन इस्रायली राष्ट्राध्यक्ष के इस दौरे से पहले, तुर्की अपने देश में स्थित हमास के नेताओं का देश निकाला करनेवाला होने की खबरें सामने आ रही हैं। राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने हमास के आतंकियों की सूची तैयार की होकर, केवल हमास के राजनीतिक गुट से संबंधित नेता ही तुर्की में रहेंगे, ऐसी सूचना एर्दोगन ने की है। तुर्की के अखबार ने ही यह जानकारी सार्वजनिक की।

राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन यह हमास के समर्थक होकर उन्होंने इसे पहले गाजा में इस्रायल ने की कार्रवाई की जोरदार आलोचना की थी। हमास के नेता खालेद मेशाल और इस्माईल हनिया से उन्होंने मुलाक़ात की थी। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहिष्कार और अर्थव्यवस्था को लगा झटका, इस कारण एर्दोगन को अपनी भूमिका में बदलाव करना पड़ा, ऐसा दावा इस्रायली माध्यम कर कर रहे हैं।

कुछ दिन पहले तुर्की की गुप्तचर यंत्रणा ने इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा मोसाद के साथ मिलकर तुर्की में की कार्रवाई में ईरान के एजेंट्स और स्लीपर सेल के आतंकियों को गिरफ्तार किया था। ये आतंकी तुर्की स्थित इस्रायली व्यावसायिक की हत्या की तैयारी में थे, ऐसा दावा तुर्की के यंत्रणाओं ने किया था।

इसी बीच, हमास की तरह राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन तुर्की स्थित मुस्लिम ब्रदरहुड के नेताओं का भी देश निकाला कर सकते हैं, ऐसा दावा किया जाता है। अरब देशों को खुश करने के लिए एर्दोगन सरकार यह कदम उठा सकते हैं, ऐसा कुछ माध्यमों का कहना है।

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