युक्रैन के ड्रोन हमलों पर रशिया का तुर्की को इशारा

ukraine-drone-attack-russia-2मास्का/अंकारा/किव्ह – युक्रैन को ड्रोन्स की आपूर्ति करने से पूर्व युक्रैन की समस्या का हल नहीं निकलेगा, तुर्की इस बात का अहसास रखे, ऐसी कड़ी चेतावनी रशिया ने दी है। युक्रैन ने कुछ दिन पहले तुर्की के ड्रोन का इस्तेमाल करके पूर्व युक्रैन में विद्रोहियों पर हमला करने की बात सामने आयी थी। युक्रैन के इस हमले से रशिया आगबबूला हुई है और ड्रोन की आपूर्ति करनेवाले तुर्की को चेतावनी दी है। रशिया ने इससे पहले भी युक्रैन के साथ जारी लष्करी सहयोग की बात पर आक्रामक शब्दों में इशारा दिया था। फिर भी तुर्की ने अपनी भूमिका में बदलाव ना करने से रशिया ने यह प्रतिक्रिया दर्ज़ की है।

युक्रैन के रक्षाबल ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में तुर्की ने प्रदान किए ‘बेरक्तर टीबी २ कॉम्बैट ड्रोन’ की सहायता से पूर्व युक्रैन में विद्रोहियों पर किया गया हमला दिखाया गया था। इस हमले में गाईड बम का इस्तेमाल करके रशिया समर्थक विद्रोहियों की ‘आर्टिलरी युनिट’ को तबाह किया गया। इस हमले के बाद युक्रैन के विश्‍लेषकों ने तुर्की के ड्रोन्स ‘गेमचेंजर’ साबित हो सकते हैं, ऐसे दावे करना शुरू किया है। इस पृष्ठबूमि पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष के प्रवक्ता ने तुर्की को फटकारा है।

‘युक्रैन के रक्षाबलों को ड्रोन प्रदान करने के बाद उन्होंने पूर्व युक्रैन में इनका इस्तेमाल शुरू किया है। इस तैनाती की वजह से पूर्व युक्रैन में अस्थिरता अधिक बढ़ सकती है। ड्रोन्स की वजह से पूर्व युक्रैन की समस्या का हल नहीं निकलेगा। तुर्की के साथ हमारे अच्छे ताल्लुकात हैं, फिर भी पूर्व युक्रैन को लेकर रशिया को सता रही चिंता सच साबित होती हुई दिख रही है। युक्रैन की सेना के हाथों तुर्की के ड्रोन लगने से स्थिति अधिक बिगड़ रही है’, इन शब्दों में रशियन प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने तुर्की को इशारा दिया।

बीते कुछ वर्षों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तुर्की का प्रभाव बढ़ाने के लिए राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन की बड़ी कोशिशें जारी हैं। इसी को लेकर राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने कई आक्रामक कदम उठाए हैं और युक्रैन के साथ लष्करी सहयोग भी इसी का हिस्सा माना जा रहा है। एक ओर सीरिया और लीबिया का संघर्ष एवं रक्षाक्षेत्र में रशिया के साथ सहयोग मज़बूत करने के साथ ही तुर्की ने युक्रैन के साथ संबंध बढ़ाने की गतिविधियाँ भी शुरू की थीं। वर्ष २०१९ में तुर्की ने युक्रैन को की हुई ड्रोन्स की बिक्री इसका स्पष्ट नमूना माना जाता है।

ukraine-drone-attack-russia-1तकरीबन सात करोड़ डॉलर्स के इस समझौते के अनुसार युक्रैन को तुर्की छह ‘बेरक्तर टीबी २ कॉम्बैट ड्रोन्स’ और हथियारों की आपूर्ति करेगा। इनमें से पहला ड्रोन युक्रैन के रक्षाबल को प्रदान किया गया है और इसे पूर्व युक्रैन के करीब तैनात किए जाने की बात स्पष्ट हुई है।

इसके बाद बीते वर्ष तुर्की ने युक्रैन के साथ लष्करी सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। उस समय ‘ब्लैक सी’ के क्षेत्र में शांति और स्थिरता बरकरार रखने के लिए युक्रैन अहम देश होने का बयान तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने किया था। साथ ही क्रिमिया पर अवैध कब्ज़ा करने की हरकत का तुर्की ने कभी समर्थन नहीं किया था और ना ही करेगा, ऐसा सनसनीखेज बयान भी राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने किया था। अप्रैल में युक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष तुर्की के दौरे पर थे तब भी एर्दोगन ने यह बयान दोहराया था। साथ ही युक्रैन की अखंड़ता और संप्रभुता को तुर्की का समर्थन रहेगा, यह भी उन्होंने कहा था।

तुर्की की युक्रैन संबंधी यह भूमिका और बढ़ती नज़दीकियाँ रशिया को बहुत परेशान कर रही थीं। क्रिमिया के मुद्दे पर रशिया ने अमरीका के साथ पश्‍चिमी देशों को खुली चेतावनी दी थी, तब भी तुर्की ने उनका साथ देने से रशिया तुर्की पर बहुत नाराज़ हुई। ‘क्रिमिया के खिलाफ युक्रैन सरकार की गतिविधियों को बढ़ावा देना रशिया की क्षेत्रिय एकात्मता पर हमला है। इस पर रशिया को सता रही चिंता को ध्यान में रखकर तुर्की अपनी भूमिका को लेकर ज़रूरी समझौता करेगा, यह उम्मीद हमें है’, ऐसे तीखे शब्दों में रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैवरोव ने तुर्की को पहले ही इशारा दिया था।

एक ओर अमरीका के खिलाफ रशिया से ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा प्रणाली खरीदनेवाला तुर्की दूसरी ओर रशिया के हितों को चुनौती देनेवाली गतिविधियाँ कर रहा है। इससे तुर्की की नीति को लेकर संदिग्धता दिखाई दे रही है। ऐसे में रशिया भी अब तुर्की को सावधानी से देख रहा है, यह बात पेस्कोव की प्रतिक्रिया से स्पष्ट हो रही है।

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