तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष द्वारा सिरिया में नई लष्करी मुहिम छेड़ने का ऐलान

turkey-president-syria-1अंकारा – पिछले 48 घंटों में सीरिया के उत्तरी भाग में हुए हमलों में तुर्की के 2 जवान और तुर्की से जुड़े संगठन के छह आतंकी मारे गए। उसके बाद खौल उठे तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन ने सिरिया के कुर्द विद्रोहियों के खिलाफ नई लष्करी मुहिम छेड़ने का ऐलान किया। इसके आगे तुर्की के जवानों पर किये हमलें बर्दाश्त नहीं किए जाएँगे, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने धमकाया। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन के साथ हुई मुलाक़ात के बाद एर्दोगन ने यह धमकी दी।

सिरिया के जझान इलाके में हुए रॉकेट हमले में तुर्की के जवान मारे गए। पिछले कुछ सालों से तुर्की के लष्कर ने सिरिया में कुर्दों के उत्तरी भाग पर कब्ज़ा करके, यहाँ अपने लष्करी अड्डे जमाए हैं। इस कारण सिरिया के कुछ संगठनों द्वारा तुर्की के जवानों पर हमले हो रहे हैं। रविवार शाम को हुए इस रॉकेट हमले के बाद सोमवार को सिरिया के आफ्रिन शहर में हुए कार बम विस्फोट में छह लोग मारे गए। ये सभी सिरिया स्थित तुर्की से जुड़े आतंकवादी संगठन के सदस्य थे।

इन दोनों हम लोग के लिए सीरिया का ‘पिपल्स प्रोटेक्शन युनिट्स-वायपीजी’ संगठन जिम्मेदार होने का दोषारोपण तुर्की ने किया है। इसके अलावा सीरिया के जाराबुलूस शहर में से तुर्की के गाझियानटेप इलाके पर दो रॉकेट हमले होने का भी दावा किया जाता है। इसके बाद मंगलवार को तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने अपने सुरक्षा अधिकारियों की बैठक बुलाई और सिरिया स्थित कुर्द संगठनों के विरोध में नई लष्करी मुहिम छेड़ने का ऐलान किया।

turkey-president-syria-2‘तुर्की पर हमले करनेवाले सिरिया के कुछ गुटों के मामले में तुर्की ने दिखाया संयम अब ख़त्म होने की कगार पर है। सिरिया में तैनात तुर्की के लष्कर द्वारा इन गुटों के विरोध में नई लष्करी मुहिम छेड़ी जाएगी अथवा अन्य विकल्प का भी इस्तेमाल किया जाएगा’, ऐसी चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने दी। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने दूसरे विकल्प के बारे में अधिक जानकारी देना टाला। लेकिन सिरिया में नई लष्करी मुहिम छेड़ने की घोषणा करके राष्ट्राध्यक्ष एरडोगन ने, सिरिया के कुछ संगठनों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की बात स्पष्ट की। सिरिया के कुर्द संगठनों को लक्ष्य करके तुर्की अमरीका को चेतावनी दे रहा है, ऐसा दावा किया जाता है।

सन २०१६ में ‘आईएस’ विरोधी संघर्ष में सहभागी हुए तुर्की ने सिरिया में सेना घुसाई थी। लेकिन उसके बाद तुर्की की सिरिया में लष्करी कार्रवाई कुर्द संगठनों के ही विरोध में थी, उसका आईएस पर हो रही कार्रवाई के साथ कोई ताल्लुक नहीं था, ऐसे आरोप हो रहे हैं। तुर्की ने कुर्दों के पीकेके तथा वाइपीजी इन गुटों को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। लेकिन सिरिया के कुर्द संगठनों को लेकर अमरीका की भूमिका तुर्की से बहुत ही अलग है। आईएस के आतंकवादियों के विरोध में लड़ने के लिए अमरीका कुर्द आतंकवादियों की सहायता ले रही है। इस कारण अमरीका और तुर्की के बीच मतभेद पैदा हुए थे। ऐसी परिस्थिति में सिरिया में कुर्दों के विरोध में नई लष्करी मुहिम छेड़ने के तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने किये ऐलान पर अब अमरीका कौन सी भूमिका अपनाएगी, इसपर विश्लेषकों की नजर गड़ी है।

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