रशिया-यूक्रेन युद्ध और ईंधन की कीमत बढ़ने से जर्मन अर्थव्यवस्था को २६५ अरब डॉलर्स का नुकसान होगा – अभ्यासगुट का अनुमान

बर्लिन – रशिया-यूक्रेन युद्ध और ईंधन की कीमतों के जारी उछाल के कारण अगले कुछ सालों में जर्मन अर्थव्यवस्था को भारी २६५ अरब डॉलर्स का नुकसान उठाना होगा, ऐसा दावा जर्मन अभ्यासगुट ‘इन्स्टीट्यूट फॉर एम्प्लॉइमेंट रिसर्च’ (आईएबी) ने किया हैं। अगले साल में जर्मनी की जीडीपी की १.७ प्रतिशत गिरावट होगी और लगभग ढ़ाई लाख लोग रोज़गार से वंचित होंगे, यह अनुमान भी ‘आईएबी’ की रपट में जताया गया है। कुछ दिन पहले ही अमरिकी विशेषज्ञों ने यूक्रेन युद्ध के माध्यम से जर्मनी जैसें ताकतवर यूरोपिय प्रतिद्वंद्वी निरस्त करना ही अमरीका का ध्येय था, ऐसा सनसनीखेज्‌ दावा किया था। इस पृष्ठभूमि पर जर्मन अभ्यासगुट ने नुकसानी से संबंधित किया दावा ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

फ़रवरी महीने में शुरू हुए रशिया-यूक्रेन युद्ध के बाद अमरीका और यूरोप समेत पश्‍चिमी देशों ने रशिया पर काफी बड़ी प्रतिबंध लगाए हैं। रशियन अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाकर युद्ध रोकना ही इसका उद्देश्‍य होने के दावे किए गए थे। लेकिन, इन प्रतिबंधों की वजह से रशिया के बजाय अमरीका और यूरोपिय अर्थव्यवस्था को ही बड़ा नुकसान पहुँचता दिखाई देने लगा है। अमरीका के साथ अधिकांश यूरोपिय देशों में महंगाई चरम उछाल पर हैं और अनाज़ से लेकर ईंधन तक के सभी कीमतें काफी बढ़ी हैं। इस महंगाई के विस्फोट के कारण पश्‍चिमी अर्थव्यवस्थाओं को अगले साल में मंदी से नुकसान पहुँचेगा, यह अनुमान जताया गया है। अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी जैसें प्रमुख देशों के विकास दरों की पिछले छह महीनों में गिरावट जारी हैं। जर्मन अभ्यासगुट की रपट इसकी पुष्टी करता है।

‘आईएबी’ ने अपनी रपट मे रशिया-यूक्रेन युद्ध के परिणाम जर्मन अर्थव्यवस्था को साल २०३० तक भुगतने होंगे, यह दावा किया गया है। अगले तीन से चार सालों में जर्मनी में बेरोज़गारी की मात्रा बढ़ेगी, यह चेतावनी इसमें दी गई है। ‘हॉस्पिटॅलिटी इंडस्ट्री’, रासायनिक उद्योग और धातू उत्पादक क्षेत्र को बड़ा नुकसान पहुँचेगा, यह संभावना ‘आईएबी’ ने व्यक्त की है। पिछले कुछ महीनों में जर्मनी के औद्योगिक क्षेत्र को नुकसान पहुँचने की रपट हाल ही में सामने आयी है और उत्पादनों की माँग भी कम हुई है, ऐसा कहा जा रहा है। ऐसें में लगातार दो तिमाहियों में जर्मनी के ‘जीडीपी’ में किसी भी तरह से बढ़ोतरी दर्ज़ नहीं हुई। रशिया ने ईंधन सप्लाई कम करने से जर्मनी को बड़ा नुकसान पहुँचेगा, यह इशारा भी जर्मनी के औद्योगिक संगठनों ने दिया है।

अमरिकी आर्थिक विशेषज्ञ मायकल हडसन ने रशिया विरोधी भूमिका की वजह से यूरोपिय देशों को ही सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचने का दावा हाल ही में किया था। इसमें उन्होंने अमरिकी रणनीति के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करके जर्मनी को बड़ा नुकसान पहुँचा, यह मुद्दा भी रेखांकित किया था।

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