नए प्रतिबंधों का ऐलान होने से रशिया और यूरोपिय महासंघ के बीच तनाव और बिगड़ा

मास्को/बु्रसेल्स – यूरोपिय महासंघ ने सोमवार के दिन ‘ऐलेक्सी नैवेल्नी’ के मामले में रशिया पर नए प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया। नैवेल्नी मामले में महासंघ ने रशिया के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का ऐलान करने का यह दूसरा अवसर है। इस निर्णय पर रशिया ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और यूरोपिय महासंघ ने संबंधों में सुधार करने का और एक अवसर खोया है, यह बयान करके रशिया के विदेश मंत्रालय ने इस निर्णय की आलोचना की है। इसी बीच, यूरोपिय महासंघ के बाद अमरीका ने भी नैवेल्नी मामले को लेकर रशिया पर प्रतिबंध लगाने का इशारा दिया है और अगले कुछ ही दिनों में इससे संबंधित ऐलान करने के संकेत बायडेन प्रशासन ने दिए हैं।

russia-eu-conflictरशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के कड़े विरोधक ऐलेक्सी नैवेल्नी पर बीते वर्ष के अगस्त में जानलेवा विषप्रयोग हुआ था। नैवेल्नी पर हुए यह विषप्रयोग करने के लिए रशियन सरकार ज़िम्मेदार होने का आरोप लगा था। बीते महीने में नैवेल्नी रशिया लौटते ही उन्हें तुरंत गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। इसके विरोध में नैवेल्नी के समर्थकों ने व्यापक प्रदर्शन शुरू किए थे। रशिया के प्रमुख शहरों के साथ कई हिस्सों में हज़ारों रशियन नागरिक नैवेल्नी के समर्थन में सड़क पर उतरते थे।

लेकिन, रशियन सरकार ने इन प्रदर्शनकारियों के विरोध में सख्त भूमिका अपनाई थी। नैवेल्नी का समर्थन करने के लिए प्रदर्शन कर रहे 11 हज़ार से अधिक प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की गई थी। साथ ही ऐलेक्सी नैवेल्नी पर नया मुकदमा दायर करके रशियन अदालत ने उन्हें दो वर्ष आठ महीनों की सज़ा भी सुनाई थी। प्रदर्शनाकरियों पर की गई कार्रवाई और नैवेल्नी को सुनाई गई नई सज़ा के मुद्दे पर अमरीका और यूरोपिय महासंघ आक्रामक हुए हैं। सोमवार के दिन महासंघ ने प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर किया गया निर्णय और इसके बाद अमरीका ने दिए संकेत इसी आक्रामकता का हिस्सा समझा जा रहा है।

russia-eu-conflict‘नैवेल्नी के खिलाफ हुई कार्रवाई के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर यूरोपिय महासंघ की सहमति हुई है। रशिया अब तानाशाही हुकूमत की ओर झुक रहा है और यूरोप से दूर जा रहा है। रशियन हुकूमत ने संबंध तोड़ने की और संघर्ष करने की राह चुनी होने की बात दिख रही है’, इन शब्दों में यूरोपिय महासंघ के विदेश विभाग के प्रमुख जोसेप बॉरेल ने प्रतिबंधों का ऐलान किया। महासंघ रशिया के चार बड़े अफ़सरों पर प्रतिबंध लगा रहा है और इनमें राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के करीबी बड़े उद्योजकों का भी समावेश हो सकता है, ऐसे संकेत भी बॉरेल ने दिए हैं।

रशियन हुकूमत नैवेल्नी का लगातार उत्पीड़न कर रही है और इसके विरोध में यूरोप अब चुप नहीं रहेगा, इन शब्दों में जर्मनी के विदेशमंत्री हैको मास ने रशियाविरोधी प्रतिबंधों का समर्थन किया। रशिया के साथ यूरोप के संबंध बिगड़ने की बात जर्मन मंत्री ने भी स्वीकार की है। यूरोपिय महासंघ लगा रहे प्रतिबंधों के तहत संपत्ति जब्त करना एवं वीज़ा पर रोक लगाने जैसी कार्रवाई का समावेश होगा, ऐसे संकेत यूरोपिय महासंघ के अधिकारी ने दिए हैं। इससे पहले बीते वर्ष के अक्तुबर में भी यूरोपिय महासंघ ने नैवेल्नी पर हुए विषप्रयोग के मामले में रशिया के विरोध में प्रतिबंध लगाए थे।

russia-eu-conflictमहासंघ ने लगाए प्रतिबंधों के विरोध में रशिया ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। ‘यूरोपिय महासंघ ने रशिया के साथ संबंध सुधारने का और एक अवसर खोया है। इसके बजाय प्रतिबंध और दबाव बनाना ही यूरोपिय महासंघ की रशिया से संबंधित नीति का आधार बनेगा, ऐसा दिखाई दे रहा है। यूरोप ने रशिया के विरोध में पहले से खराब हुए प्रतिबंधों के बटन का इस्तेमाल किया है। महासंघ की यह कार्रवाई तर्क के अनुरूप नहीं है और यह एक राजनीतिक निर्णय है। इस निर्णय का मानव अधिकारों से कोई संबंध नहीं है। महासंघ की यह कृति अस्वीकारार्ह और गैरकानूनी है। यह एक सार्वभौम देश के अंदरुनि कारोबार में की गई स्पष्ट दखलअंदाज़ी साबित होती है’, इन शब्दों में रशियन विदेश मंत्रालय ने महासंघ पर काफी तीखे शब्दों में आलोचना की है। रशिया ने नैवेल्नी की रिहाई की माँग भी स्पष्ट शब्दों में ठुकराई है।

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