ताइवान में घुसपैठ की कोशिश करने पर चीन को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी – ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा की चेतावनी

ताइपे – ‘ताइवान अपनी सुरक्षा करने की जिद और क्षमता रखता है, यह शत्रु को दिखाना पडेगा। ताइवान में घुसपैठ की गई तो इसके लिए काफी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी’, ऐसी सीधी चेतावनी ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन ने दी। साथ ही आत्मरक्षा का ताइवान का निर्धार कोई भी प्रभावित नहीं कर सकता, ऐसा ऐलान राष्ट्राध्यक्षा ईंग-वेन ने किया। अमरिकी विश्‍लेषक और जापान का प्रतिनिधिमंड़ल ताइवान की यात्रा कर रहे हैं और इसी बीच राष्ट्राध्यक्षा ईंग-वेन ने चीन को चेतावनी देना अहमियत रखता है।

साल १९५८ के अगस्त में चीन ने ताइवान के किनमेन और मात्सू द्वीप पर जोरदार हवाई हमले किए थे। लेकिन, इसके बावजूद चीन की सेना ताइवान के इन द्वीपों पर कब्ज़ा नहीं कर पाई थी। चीन ने ताइवान पर किए हुए उस हमले को ६४ साल पूरे हो रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर ‘स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी’ के ‘हूवर इन्स्टीट्यूशन’ नामक अध्ययन मंड़्ल के विश्‍लेषक ताइवान में दाखिल हुए हैं और उन्होंने राष्ट्राध्यक्षा ईंग-वेन से मुलाकात की। बिल्कुल इसी दौरान जापान के सांसदों का शिष्टमंड़ल भी ताइपे में दाखिल हुआ है।

अमरिकी विश्‍लेषक और जापान के सांसदों की मौजूदगी में ताइवान के रक्षाबलों को संबोधित करते हुए राष्ट्राध्यक्षा ईंग-वेन ने ६४ वर्ष पहले चीन विरोधी संघर्ष के दौरान ताइवान की जनता और सेना ने दिखाए साहस का स्वागत किया। ‘अपने देश की रक्षा करते हुए ताइवान की जनता का निर्धार कभी भी कमज़ोर नहीं होता, यह ताइवान ने पहले भी दिखाया था, आज भी दिखा रहा है और आगे भी दिखा सकता है। शांति, सुरक्षा, स्वतंत्रता और समृद्धि के लिए ताइवान की जनता दृढ़ता और विश्‍वास रखती है, यह दिखाने का अवसर आया है, यह ऐलान राष्ट्राध्यक्षा ईंग-वेन ने किया।

इसी दौरान साल १९५८ के युद्ध का ज़िक्र करके ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा ने हमारे देश का निर्धार कोई भी प्रभावित नहीं कर सकेगा, यह दावा किया। ६४ वर्ष पहले ताइवान के सैनिक और नागरिकों के बलिदान की वजह से वर्तमान का लोकतांत्रिक ताइवान सुरक्षित रह पाया, यह ऐलान करके राष्ट्राध्यक्षा ईंग-वेन चीन को चेतावनी देती हुई दिखाई दे रही हैं। इसी बीच जापान के वरिष्ठ सांसद केजी फुरुया से हुई मुलाकात के दौरान राष्ट्राध्यक्षा ईंग-वेन ने चीन के खतरे को रेखांकित किया। ताइवान के विरोध में चीन की आक्रामकता इंडो-पैसिफिक की सुरक्षा के लिए चुनौती साबित होगा, ऐसा इशारा ईंग-वेन ने दिया।

अमरीका के नामांकित अध्ययन मंड़ल के विश्‍लेषक जेम्स ओ. एलीज्‌ ने भी अपने सहायकों के साथ ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा से मुलाकात की। अमरिकी जनता ताइवान से सहयोग के लिए हमेशा तैयार है, ऐसे संकेत इस ताइवान यात्रा से प्राप्त हुए होंगे, यह दावा एलीज्‌ ने किया। जेम्स एलीज्‌ अमरिकी नौसेना के एडमिरल पद से सेवा निवृत्त अधिकारी हैं। इसकी वजह से उनकी इस यात्रा की अहमियत भी बढ़ी है।

इसी बीच, चीन के लड़ाकू विमान और विध्वंसकों ने मंगलवार को फिर से ताइवान की हवाई और समुद्री क्षेत्र के करीब से सफर किया। लगभग २९ लड़ाकू विमान और चार विध्वंसकों ने ताइवान की खाड़ी में गश्‍त लगाकर मध्य रेखा तक सफर किया। इनमें से चार विमानों ने ताइवान की मध्य रेखा पार की, यह आरोप ताइवान लगा रहा है। इस वजह से लड़ाकू विमान और विध्वंसक भेजकर चीन ताइवान पर दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन, ताइवान भी अपने तरिके से चीन को जवाब दे रहा है।

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