ईरान की हुकूमत उलटेगी तो ही परमाणु कार्यक्रम का हल निकलेगा – अमेरिका एवं ईरान के नेताओं का दावा

वॉशिंग्टन – अमेरिका और ईरान परमाणु समझौते के अंतिम पडाव पर पहुंचे हैं और जल्द ही उभय देशों में परमाणु समझौता होगा, ऐसा दावा दोनों देशों के माध्यम कर रहे हैं। यह परमाणु समझौता हुआ तो ईरान परमाणु बम निर्माण करने के नज़दीक पहुंचेगा, ऐसी चिंता इस्रायल व्यक्त कर रहा है। पर अमेरिका एवं ईरान के कुछ नेताओं ने ईरान के आयातुल्ला खामेनी तथा राष्ट्राध्यक्ष रईसी की हुकूमत उलटने की घोषणा की है। 

सन 1979 में ईरान में इस्लामी क्रांती के बाद कट्टरपंथियों ने ईरान की हुकूमत पर कब्ज़ा कर लिया। इसका ज़ोरदार विरोध करके ईरान में लोकतांत्रिक सरकार स्थापन करने की मांग ईरान के सुधारवादी गुट ने की थी। पर ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता के आदेश के बाद लोकतंत्र की मांग करने वाले नेताओं पर कार्रवाई की गई। हजारों लोग ईरान से भागने में सफल हुए। आगे फ्रान्स की राजधानी पैरिस में ‘नैशनल काऊन्सिल ऑफ रेज़िस्टन्स ऑफ ईरान-एनसीआराआय’ नामक गुट को उभारा गया।

पिछले 40 वर्षों से अधिक दौर ईरान में खामेनी की हुकूमत राज कर रही है ऐसा आरोप इसी गुट ने लगाया था। ईरान के नातांज़ में छुपे परमाणु कार्यक्रम को 20 वर्ष बीतने के अवसर पर ‘एनसीआराआय’ ने अमेरिका में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया था। तब एनसीआराआय के विद्रोही नेता अलीरेज़ा जाफराज़ादेह के साथ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन, जो लिबरमन तथा अमेरिका के युरोपीय कमांड के पूर्व उपप्रमुख जनरल चक वाल्ड तथा रॉबर्ट जोसेफ और ओली हैनोनेन उपस्थित थे।

इस बैठक में ईरान का परमाणु कार्यक्रम यहां की हुकूमत से जुडा हुआ होने की बात ईरान एवं अमेरिका के नेताओं ने कही है। यह परमाणु कार्यक्रम रोकना हो तो ईरान की जनता की सहायता से हुकूमत उलटनी पडेगी, ऐसा इशारा अमेरिका एवं ईरान के नेताओं के दिया।

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