चीनी विमानों की घुसपैठ के बाद ताइवान ने ‘एअर डिफेन्स सिस्टिम’ को सक्रिय किया

ताइपे/बीजिंग – अमरीका और ताइवान के बढ़ते सहयोग से बौखलाए चन ने अपने ‘ग्रे झोन वॉरफेअर’ की तीव्रता अधिक बढ़ाना शुरू किया है। गुरुवार को चीन के ३७ लड़ाकू और गश्ती विमानों ने ताइवान की हवाई सीमा के करीब घुसपैठ करने की जानकारी सामने आयी है। चीनी विमानों की घुसपैठ के बाद ताइवान ने अपने ‘एअर डिफेन्स सिस्टिम्स’ सक्रिय करके चीनी विमानों को आगाह किया। ताइवान ने अपने लड़ाकू विमानों को भी रवाना किया था, ऐसा रक्षा विभाग ने कहा है।

पिछले सात दशकों से भी अधिक समय से ताइवान में जनतांत्रिक सरकार देश की बागड़ोर संभाले हैं। ताइवान की राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य नीति भी स्वतंत्र हैं। फिर भी ताइवान हमारा सार्वभौम क्षेत्र होने का दावा चीन लगातार करता रहा है। ताइवान पर अपना अधिकार जताकर चीन ने दुनियाभर के अन्य देशों को धमकाया है। चीन के साथ व्यापारी और आर्थिक सहयोग करना हैं तो ‘वन चाइना’ नीति अपनाकर ताइवान का स्वतंत्र अस्तित्व नकारने के लिए चीन अन्य देशों पर दबाव का इस्तेमाल कर रहा है।

दूसरी ओर ताइवान सरकार और जनता शरण आकर चीन का स्वीकार करें, इसके लिए विभिन्न पद्धती से दबाव बनाया जा रहा है। ‘ग्रे झोन वॉरफेअर’ इसी का हिस्सा हैं और इसके तहत चीन के युद्धपोत और विमान ताइवान की सीमा में घुसपैठ कर रहे हैं। पिछले दो सालों में चीनी विमान और युद्धपोतों की घुसपैठ की मात्रा काफी बढ़ी है और चीन ने खुलेआम ताइवान के समुद्री क्षेत्र में गश्त लगाना भी शुरू किया है। चीनी सेना ने ताइवान की दिशा में रॉकेटस्‌ताने होने की खबरें भी प्रसिद्ध हुई थी।

पिछले महीने में ही चीन के विमान वाहक युद्धपोत ‘शैन्दॉन्ग’ ने दो विध्वंसक और ३३ लड़ाकू विमानों ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ करने के बाद अमरीका ने इस क्षेत्र में अपनी गश्त बढ़ाई थी। इस मुद्दे को लेकर अमरीका और चीन में भारी तनाव भी निर्माण होने की बात सामने आयी है। पिछले कुछ दिनों में अमरीका ने ताइवान के साथ रक्षा एवं आर्थिक सहयोग  बढ़ाने के संकेत दिए हैं। साथ ही अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने ताइवान को हथियार प्रदान करके मुस्तैद करने की दिशा में तेज़ कदम बढ़ाएं, ऐसी मांग अमरिकी जनप्रतिनिधि कर रहे हैं। वहीं, जापान और दक्षिण कोरिया की तरह अमरीका हमें भी ‘न्यूक्लियर अम्ब्रेला’ में शामिल करें, ऐसी मांग ताइवान कर रहा है।

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