अमरीका खाड़ी के मित्रदेशों से भागीदारी करने के लिए प्रतिबद्ध है – अमरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन

रियाध – खाड़ी के राजनीतिक गणित तेज़ी से बदल रहे हैं और इसी बीच सौदी अरब के दौरे पर पहुंचे अमरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने अरब देशों को भरोसा दिलाने की कोशिश की। खाड़ी के मित्र देशों से सहयोग करने के लिए अमरीका प्रतिबद्ध हैं, यह ऐलान विदेश मंत्री ब्लिंकन ने किया। ‘खाड़ी क्षेत्र अधिक स्थिर, सुरक्षित और समृद् रहे, यही अमरीका का नज़रिया है। इसके लिए ‘गल्फ को-ऑपरेशन काउन्सिल’ (जीसीसी) काफ बड़ा अहम योगदान देगा’, ऐसा दावा अमरिकी विदेश मंत्री ने किया। साथ ही ब्लिंकन ने सीरिया और इराक के आतंकवादी संघर्ष के लिए करोड़ डॉलर्स सहायता का ऐलान किया।

सौदी अरब के दौरे पर पहुंचे अमरिकी विदेश मंत्री ने क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। सौदी के साथ सामरिक सहयोग को लेकर ब्लिंकन चर्चा करने का दावा किया जा रहा है। इसे बाद ब्लिंकन ने सौदी के विदेश मंत्री प्रिन्स फैझल बिन फरहान से विदेश नीति के मुद्दे पर चर्चा की। इन दोनों बैठकों के माध्यम से अमरिकी विदेश मंत्री ने सौदी का भरोसा जीतने की कोशिश की, ऐसा माध्यमों का कहना है। इसके बाद अमरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने रियाध में ‘जीसीसी’ की बैठक में शामिल हुए। खाड़ी देशों के सहयोग के प्रति अमरीका काफी गंभीर है, ऐसा विदेश मंत्री ब्लिंकन ने जीसीसी की बैठक में कहा।

खाड़ी देशों के सहयोग को लेकर बोलते हुए अमरिकी विदेश मंत्री ने येमन, सूड़ान, सीरिया के संघर्ष पर चर्चा की। येमन के संघर्ष का हल निकालने के लिए अमरीका कोशिश कर रही हैं, ऐसा ब्लिंकन ने कहा। वहीं, पर्शियन खाड़ी में ईंधन टैंकर का अपहरण करके इस क्षेत्र में अस्थिरता निर्माण कर रहे ईरान को अमरीका प्रत्युत्तर दे रही हैं, ऐसा ब्लिंकन ने कहा।

सौदी अरब और खाड़ी के अन्य देशों ने ईरान के साथ सहयोग स्थापित करने की वजह से अमरीका की बेचैनी बढ़ने की बात ब्लिंकन के इस दौरे से स्पष्ट हो रही है। इसके लिए अमरीका के विदेश मंत्री खाड़ी में मित्र देशों को आश्वस्त कर रहे हैं, ऐसा दावा किया जा रहा है।

‘जीसीसी’ की बैठक के बाद ब्लिंकन सौदी आयोजित ‘ग्लोबल कोएलिशन टू डिफिट आईएसआईएस’ नामक आतंकवाद विरोधी बैठक में भी उपस्थित रहे। सीरिया और इराक के आईएसआई के आतंकवाद का मुद्दा अमरिकी विदेश मंत्री ने उठाया। आईएस विरोधी युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है, यह दावा भी उन्होंने किया। साथ ही सीरिया और इराक में शुरू आईएस विरोधी संघर्ष के लिए १५ करोड़ डॉलर्स सहायता देने का ऐलान भी अमरिकी विदेश मंत्री ने किया।

येमन पर हमला करके सौदी अरब ने वहां मानव अधिकारों का उल्लंघन किया, ऐसा आरोप बायडेन प्रशासन ने लगाया था। इस मुद्दे पर बायडेन प्रशासन ने सौदी का सैन्य सहयोग रोक दिया था। इसी बीच पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या को लेकर बायडेन प्रशासन ने सीधे सौदी के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान को किनारा किया था। सौदी अरब और सौदी के सहयोगी देशों के विरोध में सख्त नीति अपनाने के साथ ही बायडेन प्रशासन ने दूसरी ओर ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर नरमाई दिखाई। इस वजह से सौदी और खाड़ी के अन्य देशों के साथ अमरीका के संबंधों में तनाव निर्माण हुआ है।

इसके परिणाम सामने आना शुरू होने के बाद बायडेन प्रशासन ने सौदी और खाड़ी देशों से मेल करने की कोशिश शुरू की है। विदेश मंत्री ब्लिंकन का सौदी दौरा इन्हीं कोशिशों का हिस्सा बनता है। लेकिन, ब्लिंकन को इस मोर्चे पर बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। क्यों कि, ब्लिंकन ने सौदी और खाड़ी देशों के साथ अमरिकी प्रशासन के बने मतभेदों के मुल मुद्दों पर चर्चा करना टाल दिया। इस वजह से फिलहाल अमरीका और सौदी के बीच बना इतनी जल्द खत्म होने की संभावना नहीं।

रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन और सौदी क्राउन प्रिन्स की हुई चर्चा

मास्को/रियाध – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और सौदी अरब के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान की फोन पर बातचीत हुई। ईंधन की कीमत, ओपेक प्लस देशों का सहयोग और क्षेत्रीय मुद्दों पर दोनों नेताओं की चर्चा होने की जानकारी क्रेमलिन ने प्रदान की। अमरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन सौदी के दौरे पर हैं और इसी दौरान रशियन राष्ट्राध्यक्ष और सौदी के क्राउन प्रिन्स की चर्चा होना ध्यान आकर्षित कर रहा है।

रशिया और सौदी का आर्थिक एवं व्यापारी सहयोग मज़बूत करने के मुद्दे पर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन और क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान की चर्चा हुई, ऐसा क्रेमलिन ने कहा है। इसमें अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ईंधन की मांग और कीमत स्थिर करने के मुद्दे पर दोनों नेताओं ने विचारों का आदान-प्रन किया। ‘ओपेक प्लस’ के दायरे में रहकर सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर दोनों नेताओं की सहमति हुई। बुधवार को रशिया के उपविदेश मंत्री सर्जेई रिब्कोव ने सौदी के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी राएद क्रिम्ली से भी मुलाकात की।

कुछ दिन पहले ही सौदी अरब ने ईंधन उत्पाद की कटौती का ऐलान किया था। साथ ही ईंधन की कीमत और कटौती के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए ईंधन उत्पादक देशों के ‘ओपेक प्लस’ की बैठक करने के संकेत सौदी ने दिए थए। इस पृष्ठभूमि पर रशिया और सौदी के नेताओं की यह चर्चा माध्यमों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं।

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