चीन से ताइवान को हो रहे खतरे के मुद्दे पर अमरीका और ब्रिटेन की गुप्त बैठक

वॉशिंग्टन/लंदन/ताइपे – यूक्रैन युद्ध की पृष्ठभूमि पर चीन से ताइवान के लिए हो रहा खतरा बढ़ा हैं, यह दावा ताइवान के साथ विभिन्न देशों के नेता, अधिकारी और विश्‍लेषक कर रहे हैं। यह बात ध्यान में रखकर अमरीका के बायडेन प्रशासन ने ताइवान की सुरक्षा के लिए आवश्‍यक गतिविधियाँ शुरू की हैं। इसमें युरोप एवं इंडो-पैसिपिख के मित्रदेशों को साथ लेकर व्यापक नीति तैयार करने का समावेश है। इसी के एक हिस्से के तौर पर अमरीका ने ब्रिटेन के साथ एक उच्चस्तरीय और खुफिया बैठक करने की जानकारी सामने आयी है।

रशिया-यूक्रैन के बीच जारी युद्ध के दौरान ही चीन ने साऊथ चायना सी और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी गतिविधियाँ बड़ी मात्रा में बढ़ाई हैं। चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ ताइवान के क्षेत्र के करीब लगातार युद्धाभ्यास कर रही हैं। इसी के साथ चीन के विमानों ने भी ताइवान की हवाई सीमा में घुसपैठ भी बढ़ाई हैं। रशिया-यूक्रैन युद्ध का नतीज़ा और परिणाम ध्यान में रखकर ताइवान पर हमला करने की योजना बनाएँ, यह माँग चीन के नेता, अधिकारी और माध्यम कर रहे हैं। चीन की इन गतिविधियों के मद्देनज़र अमरीका ने भी मित्रदेशों का गठबंधन बनाने के संकेत देकर ताइवान की सुरक्षा के लिए कदम उठाना शुरू किया है।

इसी मुद्दे पर मार्च महीने में अमरीका के मित्रदेश ब्रिटेन के साथ खुफिया बैठक की गई। इस बैठक के लिए अमरीका की ओर से व्हाईट हाऊस के वरिष्ठ अधिकारी कर्ट कैम्पबेल और नैशनल सिक्युरिटी कौन्सिल की सदस्या लॉरा रोझनबर्गर मौजूद थी। ब्रिटेन की ओर से विदेश विभाग और सिक्युरिटी कौन्सिल के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, ऐसा कहा जा रहा हैं। ब्रिटेन के शीर्ष अखबार ‘फाइनान्शिअल टाईम्स’ ने यह वृत्त प्रसिद्ध किया हैं।

अमरीका और ब्रिटेन की हुई इस बैठक में, ताइवान के मुद्दे पर अगर अमरीका-चीन युद्ध हुआ तो ब्रिटेन की भूमिका क्या होगी और वह क्या कदम उठाएगा, इस मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा हुई। इसके साथ ही, आनेवाले दिनों में ब्रिटेन-ताइवान सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। बीते साल ब्रिटेन ने अपने विमान वाहक युद्धपोत ‘एचएमएस एलिज़ाबेथ’ को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की ओर रवानना किया था। इस विमान वाहक युद्धपोत ने ताइवान के समुद्री क्षेत्र के करीब से यात्रा की थी। आनेवाले समय में ब्रिटीश युद्धपोतों की इंडो-पैसिफिक में मौजूदगी बढ़ाने के विषय पर भी इस बैठक में चर्चा होने की बात कही जा रही है। अमरीका ने चीन को रोकने के लिए इंडो-पैसिफिक में बनाए गुट में ब्रिटेन को शामिल करने पर भी चर्चा होने की बात समझी जा रही है।

इसी बीच, अमरीका ने चीन की इंडो-पैसिफिक में जारी हरकतों को चुनौती देने के लिए पैसिफिक क्षेत्र के द्वीपों के देशों की स्वतंत्र बैठक का आयोजन किया है। इस साल के अन्त में यह बैठक होगी, यह जानकारी व्हाईट हाऊस के वरिष्ठ अधिकारी कर्ट कैम्पबेल ने प्रदान की।

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